बंगाल गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग
*वारेन हेस्टिंग्स (1772 - 1785*
- सन् 1772 ई से 1774 ई. तक बंगाल का गवर्नर रहा |
*रेग्युलेटिंग एक्ट 1773* के द्वारा इसे 1774 में बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल बना दिया गया जो 1785 तक रहा।
1772 ई में संचालकों ने द्वैध समाप्त करने का निर्णय किया, हेस्टिंग्स ने दोनों उपदीवान राजा शिताब राय (बिहार) और मुहम्मद रजा खां (बंगाल) को पदच्युत कर दीवान बनकर बंगाल, बिहार और उड़ीसा का प्रबंध अपने हाथों में लिया |
- कलकत्ता परिषद और प्रधान मिलकर राजस्व बोर्ड Board of Revenue का गठन किया तथा अपने कर संग्राहक नियुक्त किये। -राजकोष मुर्शिदाबाद से कलकत्ता लाया गया ।
-समस्त राजस्व के हिसाब हेतु एक भारतीय अधिकारी राय रैयन को नियुक्त किया गया। राजा राजबल्लभ (रायदुर्लभ का पुत्र) पहला भारतीय था जिसने इस पद को प्राप्त किया ।
1772 में प्रत्येक जिलों में दीवानी अदालत तथा फौजदारी अदालत की स्थापना की गयी। इसका मुख्य न्यायाधीश कलेक्टर को बनाया गया।
-रेग्युलेटिंग एक्ट 1773 के द्वारा कलकत्ता में एक *सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना* की गयी
इसमें एक मुख्य न्यायाधीश (इम्पे) तथा तीन अन्य न्यायाधीश होते थे। जो इंग्लैण्ड के राजा द्वारा नियुक्त किये जाते थे। यह अन्तिम अपीलीय न्यायालय नहीं था क्योंकि इसके विरुद्ध अपील प्रीवी काउन्सिल लन्दन में की जा सकती थी।
-15 जनवरी 1784 को *एशियाटिक सोसायटी* की स्थापना के समय बंगाल का गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स था।
इसी के समय मे 1780 ई० में भारत का पहला समाचार पत्र
*'द बंगाल गजट* का प्रकाशन*जेम्स ऑगस्टस हिक्की* ने किया था।
इसने गीता के अंग्रेजी अनुवादकार विलियम विलकिन्स को आश्राय प्रदान किया था ।
*पिट्स इंडिया एक्ट 1784* ई. के विरोध इस्तीफा देकर जब वारेन हेस्टिंग इंग्लैण्ड पहुंचा तो बर्क द्वारा उसके ऊपर महाभियोग लगाया गया, परन्तु 1795 में इसे आरोपों से मुक्त कर दिया गया।
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