उत्तर प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh (2025)

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  उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस राज्य में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थान कार्यरत हैं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) स्थापना: 1959 | स्थान: कानपुर IIT कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध तकनीकी संस्थान है। यह इंजीनियरिंग, विज्ञान, और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है। यहाँ उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएँ, रिसर्च प्रोजेक्ट्स और नवाचार केंद्र मौजूद हैं। प्रमुख क्षेत्र: इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, पर्यावरण तकनीक योगदान: टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप विकास 2. सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CDRI), लखनऊ स्थापना: 1951 | स्थान: लखनऊ यह संस्थान औषधि अनुसंधान में भारत के सबसे ...

अवध के नवाब

 *अवध के नवाब* 


 *अवध के स्वतन्त्र राज्य की स्थापना सादात खां बुरहानुल्मुल्क ने की।*

 

1- *सादात खां बुरहानुल्मुल्क* 1722-1739- यह मुगल बादशाह मुहम्मद शाह 'रंगीला' के दरबार में शिक्षा गुट का नेता था। इसे 1722 में अवध का गवर्नर नियुक्त किया गया। इसने 1723 ई. में अवध सूबे में नया भूमि बन्दोबस्त किया इसने धार्मिक सहिष्णुता की नीति का परिचय देते हुए हिन्दू और मुसलमानों में कोई भेदभाव नहीं किया।


2 ) *सफदरजंग 1739-1754]* - अवध के दूसरे नवाब सफदरजंग ने 1748 मे मुगल साम्राज्य का वजीर नियुक्त किया तब से अवध के शासक नवाब वजीर कहलाने लगे। इसने भी हिन्दू और मुसलमानों में कोई भेदभाव नहीं किया। यह बहुत ही नैतिक व्यक्ति था क्योंकि इसने केवल एक ही विवाह किया था

3) *- शुजाउद्‌दौला (1754-1775 ) - 

1764 ई. में इसने बंगाल के अपदस्थ नवाब मौरकासिम की सहायता की थी तथा बक्सर का युद्ध अंग्रेजों से लड़ा था। वह इस युद्ध में हार गया। परिणाम स्वरूप *इलाहाबाद की सन्धि* के द्वारा उसे अंग्रेजों को 50 लाख रुपये तथा इलाहाबाद व कड़ा के जिले प्रदान करने पड़े । शुजाउद्‌दौला ने अंग्रेजों से बनारस की सन्धि की । इस सन्धि के अनुसार इलाहाबाद के जिले 50 लाख रूपये के बदले पुनः उसे प्राप्त हो गये ।

 4-) आसफउद्‌दौला (1775-1797) - इसने 1775 ई० अपनी राजधानी फैजाबाद से लखनऊ स्थानान्तरित कर 1784 ई. में लखनऊ में बड़ा इमामबाड़ा का निर्माण कराया

 5- *सआदत अली खां* (1798-1814)-

 इसने अवध के राजा की उपाधि धारण कर ली थी। लार्ड वेलेजली ने उसे अफगानी शासक जमानशाह के आक्रमण दिखाकर उसके राज्य में अंग्रेजी सेना की संख्या बढ़ा दी तथा इससे *सहायक सन्धि* पर हस्ताक्षर करवाया |

 6- *गाजीउद्‌दीन हैदर अली खान* (1814-1827) गवर्नर जनरल लार्ड हेस्टिंग्स ने 1815 ई में बादशाह का खिताब दिया। 

7) *वाजिद अली शाह (1847-1856 ई.)* - यह अवध का अन्तिम नवाब था इसे कुशासन के आरोप में लार्ड डलहौजी ने गद्दी से हटाकर अंग्रेजी राज्य में मिला लिया था और वाजिद अली शाह को 12 लाख बार्षिक की पेंशन देकर कलकत्ता निर्वासित का दिया था।

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