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लॉर्ड डलहौजी 1844 से 1848
विलय नीति: Policy of Anmexation
लार्ड डलहौजी की विलय नीति पराकाष्ठा पर पहुंच गयी। राज्य विलय के लिए डल्हौजी ने मुख्यत: चार साधन अपनायें|
1 - युद्ध
2- कुशासन
3- पद तथा पेंशन
4- व्यपगत (गोद निषेध सिद्धान्त)
Note- विलय नीति शुरू करने का श्रेय विलियम बैंटिक को जाता हैं|
1- युद्ध - तीन भारतीय राज्यों पर युद्ध के द्वारा कब्जा किया गया
- द्वितीय आंग्ल सिक्ख युद्ध (1848-49) : द्वारा पंजाब का ब्रिटिश शासन में विलय 1849 मे हो गया । तथा विश्व प्रसिद्ध सिक्ख राज्य का कोहिनूर हीरा महारानी विक्टोरिया को भेज दिया गया|
द्वितीय आंग्ल-वर्मा युद्ध -और सन् 1852 में वर्मा अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया
- डल्होजी ने सिक्किम पर दो अंग्रेज डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर सन् 1850 ई० में सिक्किम पर अधिकार कर लिया।
2. कुशासन -
1853 में - हैदराबाद के निजाम से बरार प्रदेश का अपहरण कर विलय नीति के तहत अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया
3- पद और पेंशन की समाप्ति
4-व्यपगत या गोद निषेध सिद्धान्त Doctrine of Lapse -
जून 1854 मे डलहौजी ने भारतीय राज्यों को तीन श्रेणियों मे विभाजित किया
प्रथम - गोद लेने का अधिकार नहीं
द्वितीय - गोद लेने से पूर्व सरकार से अनुमति लेना आवश्यक
तृतीय- गोद लेने का अधिकार|
--आर्थिक लाभ के लिए डलहौजी ने 1854 में लोक सेवा विभाग ( PWD) का संगठन किया तथा ग्रांड ट्रंक रोड का पुन: निर्माण किया गया
- डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक माना जाता है। इसी के समय में भारत में पहली बार 16 अप्रैल 1853 को बम्बई से थाणे के बीच (34 किमी) प्रथम रेल चलायी गयी|
- 1854 में पोस्ट ऑफिस एक्ट आया जिसके तहत डाक विभाग की स्थापना की गई|
- लॉर्ड डलहौजी ने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया
-शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में डलहोजी ने सन 1854 के वुड डिस्पैच को लागू किया|
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