उत्तर प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh (2025)

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  उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस राज्य में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थान कार्यरत हैं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) स्थापना: 1959 | स्थान: कानपुर IIT कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध तकनीकी संस्थान है। यह इंजीनियरिंग, विज्ञान, और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है। यहाँ उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएँ, रिसर्च प्रोजेक्ट्स और नवाचार केंद्र मौजूद हैं। प्रमुख क्षेत्र: इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, पर्यावरण तकनीक योगदान: टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप विकास 2. सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CDRI), लखनऊ स्थापना: 1951 | स्थान: लखनऊ यह संस्थान औषधि अनुसंधान में भारत के सबसे ...

गवर्नर जनरल लार्ड विलियम बैंटिक | सती प्रथा |चार्ल्स मेटाकॉफ | भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता |

 लार्ड विलियम बैंटिक (1828-35 ) -


वैंटिक अपने जीवन के प्रारम्भिक वर्षों में सैनिक अधिकारी रह चुका था। उसे भारतीय शासन का अनुभव था

 क्योंकि 1803 में वह मद्रास का गवर्नर रह चुका चुका था। इसी के समय 1806 ई० में माथे पर जातीय  चिन्ह न लगाने तथा कानों में बालियाँ न पहनने देने  पर वेल्लोर के सैनिकों ने विद्रोह कर दिया जिसके कारण उसे उपना पद छोड़ना पड़ा।


  • 1833 ई० के चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का प्रथम गवर्नर जनरल बना दिया गया
  •  गवर्नर जनरल लार्ड विलियम बैंटिक का भारत का पहला गवर्नर जनरल बना|


सती प्रथा - पति के शव के चिता पर बैठकर पत्नी का जल जाना सती प्रथा कहलाता है। इस प्रथा के प्रबल विरोधी राजा राम मोहन राय थे । इन्हीं के प्रयास से बैंटिक ने 1829 ई० में सती प्रथा को समाप्त कर दिया । बैंटिक ने इस प्रथा के खिलाफ कानून बनाकर दिसम्बर 1829ई० में धारा 17 के द्वारा विधवाओं के सती होने को अवैध घोषित कर दिया |

  • ठगो मे हिंदू और मुसलमान दोनों धर्मों के अनुयायी सम्मिलित थे ये लोग काली, दुर्गा या भवानी की पूजा करते थे प्रायः अपने  शिकार का सिर काटकर देवी के चरणों में बलि के रूप में चढ़ाते थे। लार्ड विलियम बैंटिक ने कैप्टन स्लीमैन को ठगो के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए नियुक्त किया। 1837 ई० के पश्चात् संगठित रूप से ठगों का अन्त हो गया
  • 1835 ई. में कलकत्ता में कलकत्ता मेडिकल कालेज स्थापना की। इसी समय मैकाले की  अनुशंसा पर  अंग्रेजों को  शिक्षा का माध्यम बनाया गया |मैकाले द्वारा कानून का वर्गीकरण किया गया। 
  • बैंटिक समाचार पत्रों लिए उदार नीति अपनायी |किन्तु 1835 स्वास्थ्य के आधार पर इस्तीफा दिया। 
  • 3 अगस्त 1835 मेटकाफ का प्रसिद्ध प्रेस विधेयक पास  हुआ जिससे समाचार पत्रों सभी नियन्त्रण हटाने का श्रेय 'सर चार्ल्स मेटाकॉफ' प्राप्त हुआ हो गया।

चार्ल्स मेटाकॉफ -1935 से 1836 तक

चार्ल्स मेटाकाफ  ने अपने 1 साल के कार्यकाल में प्रेस पर से नियंत्रण हटा लिया |
इसलिए इसे भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता कहा जाता है

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