How to the Home Rule League was founded | होमरूल लीग आंदोलन-1916 |
होमरूल लीग आंदोलन 1916-
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में 1916 ईस्वी स्वायत्तशासी शासन की मांग का एक शक्तिशाली वर्ष था, | 1914 ईस्वी में जेल से छूटने के बाद बाल गंगाधर तिलक राष्ट्रीय आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए एक अलग तरह के संगठन की आवश्यकता महसूस हुई| इसके साथ एनी बेसेंट भी स्वायत्त शासन की प्रबल समर्थक थी , क्योंकि उनका संपर्क होमरूल आंदोलन के प्रणेता रेंडमास से था |
8 मई 1915 ईस्वी को पुणे के एक सम्मेलन में जोसेफ बपिस्ता ने होम रूल लीग की स्थापना का विचार प्रकट किया |
27 से 29 अप्रैल 1916 को पुणे में होमरूल लीग की स्थापना हुई | इसके अध्यक्ष जोसेफ बपिस्ता चुने गए तथा सचिव एन०सी० केलकर , बाल गंगाधर तिलक ने कोई भी पद स्वीकार नहीं किया था, | इस होमरूल लीग का उद्देश्य "ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत समस्त वैधानिक उपायों द्वारा स्वशासन प्राप्त करना तथा इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जनमत को संगठित एवं शिक्षित करना" बाल गंगाधर तिलक की होमरूल लीग का क्षेत्र कर्नाटक, महाराष्ट्र (बम्बई को छोड़कर) मध्य प्रांत, बरार था |
लेकिन एनी बेसेंट की होम रूल लीग अखिल भारतीय थी |
एनी बेसेंट अपने दो समाचार पत्रों "न्यू इंडिया" और " कामनवील " के माध्यम से होम रूम लीग की स्थापना का विचार फैलाना शुरू कर दिया | सितम्बर 1916 ई० को एनी बेसेंट ने कलकत्ता में होमरूल लीग की स्थापना की थी|
बाद में जिसका मुख्यालय अडयार मद्रास में बनाया गया, | इनकी होमरूल लीग में जवाहरलाल नेहरू, तेज बहादुर सप्रू , एस० सुब्रमण्यम अय्यर , सी० पी० रामास्वामी और बी० पी० वाडिया जैसे थे |
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