What Is The Khilafat Movement And What Did It Do? The movement began in 1919.| खिलाफत आंदोलन
खिलाफत आंदोलन- सितंबर 1919.
प्रथम विश्व युद्ध में तुर्की ने ब्रिटेन के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी | युद्ध के बाद पराजित तुर्की को ब्रिटेन के अत्याचारों का शिकार होना पड़ा | इन अन्याय के विरुद्ध 1919 ईस्वी में मोहम्मद अली तथा शौकत अली (जो अली बंधुओं के नाम से प्रसिद्ध थे ) ,अब्दुल कलाम आजाद और हसरत मोहानी ने आंदोलन शुरू किया | युद्ध के दौरान सभी नेताओं को बंदी बनाया गया था , युद्ध के बाद सभी नेताओं को छोड़ दिया गया | इस आंदोलन के लिए एक खिलाफत कमेटी का गठन किया गया था , इस कमेटी में गांधीजी भी शामिल हो गए| तुर्की के सुल्तान को खलीफा (मुसलमानों का धार्मिक नेता ) भी माना जाता था| इसलिए तुर्की में हो रहे अन्याय के प्रति आंदोलन चलाया गया, उसे खिलाफत आंदोलन का नाम दिया गया | इस आंदोलन ने असहयोग का नारा दिया |
कांग्रेस ने खिलाफत आंदोलन का समर्थन खलीफा की पुनः स्थापना तथा मुसलमानों की सहानुभूति पाने के लिए किया था | गांधीजी के अनुसार यह हिंदू - मुस्लिम एकता के लिए स्वर्णिम अवसर के रूप में देखा जाए जो आगे 100 वर्षों में भी प्राप्त नहीं हो सकता | मोहम्मद अली जिन्ना खिलाफत आंदोलन को देश की स्वतंत्रता के आंदोलन से जोड़ने के विरोधी थे | उन्होंने गांधीजी को राजनीति में धर्म को ना लाने की सलाह दी थी कि मुस्लिम धार्मिक नेताओं एवं उनके अनुयायियों के कट्टरपंथ को प्रोत्साहित ना करें |
हकीम अजमल खां ने खिलाफत आंदोलन के दौरान " हाजिक-उल-मुल्क" की पदवी त्याग दी थी | यह पदवी ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1908 में प्रदान की गई थी |
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