1. What is Civil Disobedience? 2. The Different Forms of Civil Disobedience 3. Why is Civil Disobedience Important?| सविनय अवज्ञा आंदोलन |
सविनय अवज्ञा आंदोलन-
26 जनवरी 1930 ईस्वी को स्वाधीनता दिवस मनाने के बाद गांधी जी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ| यह आंदोलन गांधी जी का प्रसिद्ध दांडी यात्रा से शुरू हुआ| इसके लिए 14 से 16 फरवरी 1930 को साबरमती आश्रम में कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने महात्मा गांधी को आंदोलन का नेतृत्व सौंप दिया|
12 मार्च 1930 ईस्वी को गांधीजी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से , आश्रम के अन्य 78 सदस्यों के साथ, दांडी की ओर पैदल यात्रा शुरू की| दांडी, अहमदाबाद से लगभग 385 किलोमीटर दूर भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर है|
गांधी जी और उनके साथी 6 अप्रैल 1930 ईस्वी को दांडी पहुंचे| गांधी जी ने नमक कानून तोड़ा | नमक के उत्पादन पर सरकार का एकाधिकार था| इसलिए किसी के लिए भी नमक बनाना गैरकानूनी था| समुद्र के पानी के वाष्पीकरण के बाद बने नमक को उठाकर गांधी जी ने सरकारी कानून तोड़ा|
नमक कानून तोड़ने के बाद सारे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ| सारे देश में नमक कानून तोड़ने की घटनाएं हुई| नमक कानून तोड़ना सरकार के विरोध का प्रतीक बन गया|
तमिलनाडु में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने दांडी यात्रा की तरह, त्रिचनापल्ली से वेदराण्यम तक की यात्रा की|
धरसाणा (गुजरात) में सरोजिनी नायडू नमक के सरकारी डिपो तक अहिंसात्मक सत्याग्रहियों की यात्रा का नेतृत्व किया| पुलिस द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज में 300 से ऊपर सत्याग्रही जख्मी हो गए |
पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत में आंदोलन का नेतृत्व खान बहादुर अब्दुल गफ्फार खां ने किया| वे सीमांत गांधी या सरहदी गांधी के नाम से प्रसिद्ध हुए| इन्होंने अपना एक संगठन खुदाई खिदमतगार बनाया | यह लाल कुर्ता पहनते थे इसलिए इन्हें लाल कुर्ती कहा जाता है| इनके आंदोलन को लाल कुर्ती आंदोलन कहा जाता है| पश्चिमी सीमांत प्रदेश में सविनय अवज्ञा आंदोलन 29 अप्रैल 1930 ईस्वी को आरंभ हुआ | यहां मद्य- निषेध की तरह शराब की दुकानों पर धरना दिया गया तथा संघर्ष करने के लिए जंगी कमेटियां बनाई गई थी.| यहां पर जनता हिंसक हो चुकी थी परिणाम स्वरूप विद्रोह को दबाने के लिए 18वीं में गढ़वाल रेजीमेंट लगाई गई| इस रेजीमेंट के चंदसिंह की अपील पर सेना ने गोली चलाने से इनकर कर दिया| पेशावर पर जनता का कब्जा हो गया |
पूर्वी सीमा के नगाओं ने यदुनांग के नेतृत्व में 1930 विद्रोह कर दिया| शुरू मे यह आंदोलन लगान बंदी तथा असहयोग का था | लेकिन बाद में हिंसक हो गया था | 1930 में ही यदुनांग को गिरफ्तार करके फांसी दे दी गई तो, नगाओं का नेतृत्व यदुनांग की चचेरी बहन रानी गिडालू ने किया| इन्होंने जियातरंग आंदोलन चलाया| 17 अक्टूबर 1932 को गिरफ्तार कर आजीवन कारावास की सजा दे दी गई| इन्हें देश की स्वतन्त्रता के बाद ही आजादी मिल पाई|
5 मई 1930 ईस्वी को गांधीजी गिरफ्तार हो गए तो श्रमिकों ने देशव्यापी हड़ताले की| ब्रिटिश सरकार के द्वारा गांधी जी को पुणे के यरवदा जेल में रखा गया था |
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