1. What is the Second Round Table Conference? 2. What were some of the takeaways from the conference? 3. What should companies be focusing on in the upcoming year?
1. What is the Second Round Table Conference?
2. What were some of the takeaways from the conference?
3. What should companies be focusing on in the upcoming year?
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन-
5 मार्च 1931 गांधी जी व इरविन समझौते के अनुरूप , जिसे कांग्रेस ने 29 मार्च 1931 को कराची अधिवेशन में पारित किया , में कांग्रेस पार्टी द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने को तैयार हो गई|
गांधीजी के निवेदन पर सरकार ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में मदन मोहन मालवीय तथा सरोजिनी नायडू को व्यक्तिगत रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित किया| यद्यपि गांधीजी ने डॉक्टर अंसारी को भी सिफारिश की थी लेकिन सरकार नहीं मानी|
गांधी जी 29 अगस्त 1931 को एस० एस० राजपूताना नामक पानी के जहाज से इंग्लैंड रवाना हुए और 12 सितंबर 1931 को लंदन पहुंचे तथा ये लंदन की किंग्सले हाल में ठहरे थे|
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि ने प्रथम बार भाग लिया | यह सम्मेलन लंदन में 7 सितंबर 1931 से 1 दिसंबर 1931 तक चला | इस में कुल 81 प्रतिनिधियों ने भाग लिया | जिसमें मोहम्मद अली जिन्ना , मौलाना शौकत अली मुस्लिम लीग, एम०आर० जयकर, बी०एस० मुंजे हिंदू महासभा, तेज बहादुर सप्रू लिबरल फेडरेशन , दलित वर्ग में बी०आर०अंबेडकर इत्यादि शामिल थे |
यह सम्मेलन भी सांप्रदायिकता की वजह से असफल रहा | गांधीजी को लंदन से खाली हाथ वापस आना पड़ा |
स्वदेश पहुंचने पर गांधी जी ने कहा "यह सच है कि मैं खाली हाथ लौटा हूं किन्तु मुझे संतोष है कि जो ध्वज मुझे सौंपा गया था, उसे नीचे नहीं होने दिया और उसके सम्मान के साथ समझौता नहीं किया"
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