नेहरू रिपोर्ट -1928.
साइमन कमीशन में किसी भारतीय के ना होने पर तीव्र विरोध हुआ था | कमीशन में किसी भारतीय को ना लिए जाने का कारण सरकार ने बताते हुए कहा कि पारस्परिक मतभेद बहुत है| भारत मंत्री लॉर्ड वर्किन हेड ने इसी अवसर पर भारतीयों को चुनौती दी कि वह एक ऐसा संविधान बनाये जिस पर सभी राजनीतिक दल सहमत हो|
19 मई 1928 ईस्वी एक सर्वदलीय सम्मेलन मुंबई में हुआ , जिसकी अध्यक्षता डॉ एम० ए० अंसारी ने की थी | इस अधिवेशन में संविधान निर्माण करने के लिए एक समिति गठित की गई, जिसके अध्यक्ष पंडित मोतीलाल नेहरु बनाए गए, इसके अन्य सदस्य थे- तेज बहादुर सप्रू , सुभाष चंद्र बोस, अली, इमाम ,शोएब कुरैशी, एम०एस०अणे, जयकर, एन०एम० जोशी ,मंगल सिंह, पंडित जवाहरलाल नेहरू (सचिव)|
28 अगस्त 1928 को लखनऊ में सर्वदलीय सम्मेलन में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई| 22 दिसंबर 1928 से 1 जनवरी 1929 तक एक सर्वदलीय सम्मेलन कोलकाता में हुआ जिसकी अध्यक्षता डॉ०अंसारी ने की| इस सम्मेलन में अंतिम रूप से रिपोर्ट प्रस्तुत की गई | इस रिपोर्ट के मुख्य प्रावधान-
- भारत को डोमिनियन स्टेट का दर्जा जैसे -कनाडा, दक्षिण अफ्रीका , ऑस्ट्रेलिया|
- संविधान में 19 मौलिक अधिकार
- जहां मुसलमान अल्पमत वहां सीट सुरक्षित , लेकिन जहां हिंदू अल्पमत वहां हिंदुओं की सीट सुरक्षित होगी|
- हिंद और कर्नाटक प्रांत अलग बनेंगे , यदि अन्य प्रांत भी हो तो उनका निर्माण भाषाई आधार पर ही होगा|
1927 में डॉक्टर अंसारी की अध्यक्षता में मद्रास में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्ताव पास करके घोषणा की गई थी कि भारतीय जनता का लक्ष्य पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है यह प्रस्ताव जवाहरलाल नेहरू ने पेश किया था और यस०सत्यमूर्ति ने इसका अनुमोदन किया|
नेहरू रिपोर्ट में पूर्ण स्वाधीनता के स्थान पर डोमिनियन स्टेट की मांग की गई | इसी बात की विरोध को लेकर 1928 में "इंडियन इंडिपेंडेंस लीग" नामक एक संगठन की स्थापना की गई | जवाहरलाल नेहरू ,सुभाष चंद्र बोस ,श्रीनिवास अयंगार, सत्यमूर्ति और शरदचन्द्र बोस जैसे कई नेता इस लीग का नेतृत्व कर रहे थे|
दिसंबर 1928 ईस्वी में मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस का अधिवेशन कोलकाता में हुआ | इसी अधिवेशन में कांग्रेश ने यह घोषणा की| कि यदि 1 साल के अंदर स्वतंत्र उपनिवेश का शासन नहीं दिया तो पूर्ण स्वाधीनता की मांग करेगी और इसे प्राप्त करने के लिए जन आंदोलन शुरू कर देगी|
इंडियन इंडिपेंडेंस लीग 1929 ईस्वी में पूरे साल भर पूर्ण स्वाधीनता के लिए जनमत बनाने में जुटी रही कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन होने तक देश भर की जनता का रुख बदल गया|
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