Provincial Elections -1937 | प्रांतीय चुनाव -1937|
प्रांतीय चुनाव -1937.
अप्रैल 1936 में लार्ड लिनलिथिगो नए वायसराय बने, जिसे 1935 ईसवी के कानून को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई | 1937 ई० मे इस कानून (भारत शासन अधिनियम 1935) के अनुसार चुनाव हुए |
काग्रेस ने चुनाव प्रचार के लिए एक समिति का गठन किया | जिसमें डॉ राजेंद्र प्रसाद , भूलाभाई देसाई , अबुल कलाम आजाद , सी० राजगोपालाचारी , वल्लभभाई पटेल, आचार्य नरेंद्र देव, पंडित गोविंद बल्लभ पंत थे |
कुल 1585 सीट में से 715 सीट कांग्रेस पाकर 6 प्रांतों में पूर्ण बहुमत (मद्रास ,मुंबई ,बिहार, मध्य प्रांत , उड़ीसा, संयुक्त प्रांत ) तथा पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत , असम में मिली जुली सरकार बनाई | शेष पंजाब, बंगाल व सिंध में गैर कांग्रेसी सरकार बनी|
1937 के संयुक्त प्रांत में हुए चुनाव में कुल निर्धारित सीटों की संख्या 228 थी |इसमें कांग्रेस को 134 स्थान , मुस्लिम लीग को 27 स्थान बाकी अन्य पार्टी विजयी हुई| संयुक्त प्रांत में कांग्रेस ने अकेले ही सरकार बनाई | इस सरकार में प्रधानमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत , कानून मंत्री कैलाश नाथ काटजू , वित्त मंत्री रफी अहमद किदवई बने |
कांग्रेस प्रशासित प्रदेशों में मुस्लिमों की शिकायतों से संबंधित कुछ समितियों का गठन किया गया था-
- पीरपुर समिति रिपोर्ट -1938
- शरीफ रिपोर्ट. - मार्च 1939
- फजलुल हक या मुस्लिम सफरिंग्स अंडर कांग्रेस रूल- दिसंबर 1939
7 जुलाई 1937 को कांग्रेस के मंत्रिमंडल 6 प्रांतों में बना बाद में 2 प्रांतों में मिली जुली सरकार बनी| दूसरे विश्व युद्ध में भारतीय स्वीकृति के बगैर ब्रिटिश द्वारा भारतीयों को शामिल किए जाने के विरोध में 22 अक्टूबर 1939 को सभी कांग्रेसी मंत्रिमंडल ने त्यागपत्र दे दिया | कांग्रेसी मंत्रिमंडल के त्यागपत्र देने की खुशी में जिन्ना द्वारा भारत के सभी मुसलमानों से 22 दिसंबर 1939 के दिन मुक्ति दिवस मनाने का आवाहन किया |
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