उत्तर प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh (2025)

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  उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस राज्य में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थान कार्यरत हैं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) स्थापना: 1959 | स्थान: कानपुर IIT कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध तकनीकी संस्थान है। यह इंजीनियरिंग, विज्ञान, और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है। यहाँ उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएँ, रिसर्च प्रोजेक्ट्स और नवाचार केंद्र मौजूद हैं। प्रमुख क्षेत्र: इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, पर्यावरण तकनीक योगदान: टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप विकास 2. सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CDRI), लखनऊ स्थापना: 1951 | स्थान: लखनऊ यह संस्थान औषधि अनुसंधान में भारत के सबसे ...

Provincial Elections -1937 | प्रांतीय चुनाव -1937|

 प्रांतीय चुनाव -1937.

अप्रैल 1936 में लार्ड लिनलिथिगो नए वायसराय बने, जिसे 1935 ईसवी के कानून को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई | 1937 ई० मे इस कानून (भारत शासन अधिनियम 1935) के अनुसार चुनाव हुए |
                 काग्रेस ने चुनाव प्रचार के लिए एक समिति का गठन किया | जिसमें डॉ राजेंद्र प्रसाद , भूलाभाई देसाई , अबुल कलाम आजाद , सी० राजगोपालाचारी , वल्लभभाई पटेल,  आचार्य नरेंद्र देव, पंडित गोविंद बल्लभ पंत  थे |
                कुल 1585 सीट में से 715 सीट कांग्रेस पाकर 6 प्रांतों में पूर्ण बहुमत (मद्रास ,मुंबई ,बिहार, मध्य प्रांत , उड़ीसा, संयुक्त प्रांत ) तथा पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत ,  असम में मिली जुली सरकार बनाई | शेष पंजाब,  बंगाल व सिंध  में गैर कांग्रेसी सरकार बनी|
               1937 के संयुक्त प्रांत में हुए चुनाव में कुल निर्धारित सीटों की संख्या 228 थी |इसमें कांग्रेस को 134 स्थान , मुस्लिम लीग को 27 स्थान बाकी अन्य पार्टी विजयी हुई| संयुक्त प्रांत में कांग्रेस ने अकेले ही सरकार बनाई | इस सरकार में प्रधानमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत , कानून मंत्री कैलाश नाथ काटजू , वित्त मंत्री रफी अहमद किदवई बने |
                कांग्रेस प्रशासित प्रदेशों में मुस्लिमों की शिकायतों से संबंधित कुछ समितियों का गठन किया गया था-
  1.  पीरपुर समिति रिपोर्ट -1938
  2. शरीफ रिपोर्ट.           - मार्च 1939
  3. फजलुल हक या मुस्लिम सफरिंग्स अंडर कांग्रेस रूल- दिसंबर 1939
                7 जुलाई 1937 को कांग्रेस के मंत्रिमंडल 6 प्रांतों में बना बाद में 2 प्रांतों में मिली जुली सरकार बनी| दूसरे विश्व युद्ध में भारतीय स्वीकृति के बगैर ब्रिटिश द्वारा भारतीयों को शामिल किए जाने के विरोध में 22 अक्टूबर 1939 को सभी कांग्रेसी मंत्रिमंडल ने त्यागपत्र दे दिया |  कांग्रेसी मंत्रिमंडल के त्यागपत्र देने की खुशी में जिन्ना द्वारा भारत के सभी मुसलमानों से 22 दिसंबर 1939 के दिन मुक्ति दिवस मनाने का आवाहन किया |

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