What is the first round table conference?| प्रथम गोलमेज सम्मेलन|
1. What is the first round table conference?
2. How was the first table round conference different from a normal conference?
3. What did you learn from the first round table conference?
Conclusion: The first table round conference was a great experience and it was interesting to hear other peoples' views and the things they learned.
प्रथम गोलमेज सम्मेलन-
27 मई 1930 ईस्वी को साइमन कमीशन की रिपोर्ट प्रकाशित हुई |राजनीतिक संगठनों ने कमीशन की सिफारिशों को अस्वीकार कर दिया| कांग्रेस के प्रमुख नेता जेल में थे, ब्रिटिश सरकार ने निराशा एवं असंतोष के वातावरण में 12 नवंबर 1930 ईस्वी को लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में प्रथम गोलमेज सम्मेलन प्रारंभ हुआ| जो 19 जनवरी 1931 तक चला| जिसमें कुल 89 भारतीय प्रतिनिधि शामिल हुए थे| भारतीय प्रतिनिधियों ने तेज बहादुर सप्रू , श्रीनिवास शास्त्री, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर तथा चिंतामणि विशेष थे | देशी रियासतों में अलवर, बीकानेर ,भोपाल, पटियाला ,बडौदा, ग्वालियर तथा मैसूर राज्यों के प्रतिनिधि थे | इस सम्मेलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि भाग नहीं लिया था| 12 नवम्बर को सम्मेलन का उद्घाटन सम्राट जॉर्ज पंचम ने किया , ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने सम्मेलन मे विचारणीय मुद्दों का उल्लेख किया जिसमें-
- एक संघ बनाना जिसने ब्रिटिश प्रांतो और देसी रियासतों के प्रतिनिधि होंगे|
- प्रांतों में उत्तरदायी शासन की स्थापना की जाएगी तथा अल्पसंख्यक के हितों की रक्षा के लिए गवर्नर जनरल को विशेष अधिकार दिए जाएंगे |
- केंद्र में द्वैध शासन स्थापित किया जाएगा |
सांप्रदायिक समस्या पर भारतीय प्रतिनिधियों में एकता नहीं रही| मुसलमानों ने अलग प्रतिनिधित्व मांगा, अंबेडकर ने भी हरिजनों के लिए अलग प्रतिनिधित्व की मांग की | इस प्रकार प्रथम गोलमेज सम्मेलन बिना किसी सर्वसम्मति के समाप्त हो गया |
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