What is the Lahore session 1929?| कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन-1929|

 कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन-1929.

31 अक्टूबर 1929 को वायसराय लार्ड इरविन की घोषणा-

महामहिम की सरकार की तरफ से मांटेग्यू घोषणा 1917 में यह निहित है कि भारत की संवैधानिक प्रगति का स्वाभाविक प्रश्न जैसा उसमें सोचा गया है ,डोमिनियन स्टेट (अधिराज्य) की प्राप्ति है| 
               इस घोषणा के बाद सभी भारतीय नेता को अधिराज्य की प्राप्ति की आशा दिखने लगी | परिणाम स्वरूप सभी प्रमुख नेता दिल्ली में एकत्रित हो गए , और एक  घोषणा पत्र तैयार किया जिसमें कहा गया था कि "हमें आशा है कि इस घोषणा में ईमानदारी है और हम भी महामहिम को इस कार्य में सहयोग करेंगे" |
              इस घोषणा को दिल्ली घोषणा पत्र भी कहते हैं इस पर गांधीजी ,एनी बेसेंट ,तेज बहादुर सप्रू, मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू इत्यादि ने हस्ताक्षर किये | 
 23 दिसंबर 1929 को राष्ट्रीय नेता वायसराय से मिले परंतु अधिराज्य पर कोई आश्वासन नहीं मिला|
            कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन 1929 में लाहौर में हुआ | इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया | गांधी जी द्वारा 31 दिसंबर 1929 ईस्वी को पेश किया गया एक प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया | कांग्रेस के संविधान की धारा 1 की स्वराज्य का मतलब पूर्ण स्वाधीनता
 कांग्रेस ने प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को सारे देश में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया| 
 26 जनवरी को स्मरणीय दिन को  1950 में भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में चुन लिया गया और उसी दिन भारत का नया संविधान भी लागू हो गया | 

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