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Showing posts from May, 2022

Naval Mutiny - 18 February 1946.नौसेना विद्रोह -18 फरवरी 1946.

 नौसेना विद्रोह -18 फरवरी 1946. सरकार ने रॉयल इंडियन नेवी का गठन किया था|  18 फरवरी 1946 ईस्वी को एन.एस. तलवार नामक जहाज के कर्मचारियों ने ब्रिटिश सरकार के समक्ष शिकायत की | तो उन्हें नस्ली गालियां दी गई|  परिणाम स्वरूप नाविकों ने विद्रोह कर दिया | विरोध स्वरूप जहाज पर- अंग्रेजों भारत छोड़ो  के नारे लगाए | नाविकों ने केंद्रीय संघर्ष( हड़ताल) समिति का गठन किया | जिसका नेतृत्व में एम. एस. खान  ने किया |              इंग्लैंड के हाउस ऑफ कॉमंस में हड़कंप मच गया | ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने संसद मे घोषणा की,  कि विद्रोह को दबाने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल लोखार्ट के  नेतृत्व में ब्रिटिश सेना भेजी जा रही है|         18 फरवरी को नौसेना विद्रोह हुआ|  19 फरवरी को एटली ने कैबिनेट मिशन भारत भेजने की घोषणा की थी | इन परिस्थितियों को भापते हुए सरदार पटेल जैसे नेताओं ने नाविकों को समझा कर 23 फरवरी 1946 को आत्मसमर्पण करवा दिया विद्रोह शांत हो गया |  नाविकों का कथन - हम आपके( राष्ट्रीय नेताओं) के सा...

Subhas Chandra Bose and Azad Hind Fauj-(सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज)

 सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज- सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 उड़ीसा के कटक में हुआ | उन्होंने 1919 में कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की |  1920 में आई सी एस की परीक्षा में चौथा रैंक प्राप्त किया | 22 अप्रैल 1922 में भारत सचिव ई.एस. मांटेग्यू को आई.सी.एस से त्यागपत्र देने का पत्र लिखा.  जून 1921 में मानसिक एवं नैतिक विज्ञान में ट्राइपास( ऑनर्स) की डिग्री के साथ स्वदेश वापस लौट आये |                      सुभाष चंद्र बोस 1938 व 1939 में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षता की तथा 1939 में गांधी जी से कांग्रेस कार्य समिति गठित करने के मुद्दे पर विवाद हो गया तथा पार्टी पद से इस्तीफा दे दिया |  3 मई 1939 को फॉरवर्ड ब्लॉक के नाम से अपनी पार्टी की स्थापना की |                     जुलाई 1940 में कोलकाता स्थित ' हाटवेट स्तंभ ' जो भारत की गुलामी का प्रतीक था , सुभाष की यूथ ब्रिगेड ने रातों-रात वह सब मिट्टी में मिला दिया | सुभाष के स्वयंसेवक उसक...

Wavell Plan – 14 June 1945( वेवेल प्लान-14 जून 1945)| शिमला सम्मेलन -25 जून 1945.

 वेवेल प्लान-14 जून 1945. 14 जून 1945 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड वेवल ने एक योजना प्रस्तुत किया जिस के प्रावधान निम्न है- ब्रिटिश सरकार का लक्ष्य भारत की राजनीतिक समस्या का समाधान तथा उसे स्वशासन की ओर ले जाना है | वायसराय व प्रधान सेनापति को छोड़कर सभी सदस्य भारतीय होंगे | वैदेशिक मामले, केवल सीमांत और कबीलाई क्षेत्रों को छोड़कर भारतीयों के हाथ में रहेगें | इस परिषद में सवर्ण हिंदुओं और मुसलमानों की संख्या बराबर होगी | भारत मंत्री का भारतीय शासन पर नियंत्रण तो रहेगा लेकिन यह भारतीय हित में ही कार्य करेगा | युद्ध की समाप्ति पर भारतीय स्वयं अपना संविधान बनाएंगे | उपयुक्त प्रस्तावो पर विचारार्थ शिमला में एक सम्मेलन बुलाया जाएगा |   शिमला सम्मेलन - 25 जून 1945. शिमला सम्मेलन में कुल 21 नेताओं ने भाग लिया था | इनमें मोहम्मद अली जिन्ना, अबुल कलाम आजाद ,जवाहरलाल नेहरू, लियाकत अली खां ,मास्टर तारा सिंह, भूलाभाई देसाई प्रमुख थे |                 शिमला सम्मेलन का उद्देश्य था बेबल प्रस्ताव पर विचार करना  | लॉर्ड वेवेल ने कार्यकारिणी परिषद क...