उत्तर प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh (2025)

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  उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस राज्य में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थान कार्यरत हैं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) स्थापना: 1959 | स्थान: कानपुर IIT कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध तकनीकी संस्थान है। यह इंजीनियरिंग, विज्ञान, और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है। यहाँ उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएँ, रिसर्च प्रोजेक्ट्स और नवाचार केंद्र मौजूद हैं। प्रमुख क्षेत्र: इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, पर्यावरण तकनीक योगदान: टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप विकास 2. सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CDRI), लखनऊ स्थापना: 1951 | स्थान: लखनऊ यह संस्थान औषधि अनुसंधान में भारत के सबसे ...

श्रमिक वर्ग का आंदोलन|प्रथम राजनीतिक हड़ताल|अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन (AITUC)|

 श्रमिक वर्ग का आंदोलन:-


- श्रमिक वर्ग के हितों के लिए लड़ने वाले प्रथम व्यक्तियों N.M. लोखंडे का स्थान प्रमुख है , इन्होंने 1880 मे दीनबंधु नामक एक अंग्रेजी मराठी साप्ताहिक पत्रिका निकालनी शुरू की जिसमें श्रमिकों के हितों के पक्ष में ही लिखा जाता था |
- 1890 में लोखंडे ने बम्बई मिल हैंड्स एसोसिएशन नामक संस्था की स्थापना की |
- शशिपद बनर्जी ने 1872 में श्रमजीवी नामक एक मजदूर पत्रिका निकालनी प्रारंभ किया, मजदूरों को शिक्षित करने के लिए रात्रिकालीन पाठशाला में खोली थी, श्रमिकों में बचत की प्रवृत्ति जगाने के लिए उन्होंने आना बैंक की स्थापना की थी|
- 1875 में पहला फैक्ट्री आयोग बना |
-1881 में प्रथम फैक्ट्री कानून बना |
  • 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कारखानों में कार्य करने से प्रतिबंध लगा दिया गया|
  • 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को फैक्ट्री में काम करने के घंटों को सीमित कर दिया गया|
- 1891 में दूसरा फैक्ट्री कानून आया|
  • औरतों की काम करने की घंटे सीमित कर दिया गया , अधिकतम 11 घंटे काम कर सकती थी |
  • सभी मजदूर को हफ्ते में एक दिन की छुट्टी देकर दोपहर में आधे घंटे का लंच का समय प्रदान करने की भी सिफारिश की गई|

प्रथम राजनीतिक हड़ताल-

22 जुलाई 1908 को जब तिलक को 6 वर्ष की सजा हुई तो बंबई के श्रमिकों ने व्यापक हड़ताल की थी, यह देश की पहली राजनीतिक हड़ताल मानी जाती है इसमें लगभग 100000 श्रमिकों ने हड़ताल की थी |

ट्रेड यूनियन-

- बेसंट की होमरूल के एक सहयोगी बी०पी० वाडिया ने 1918 ईस्वी में पहली ट्रेड यूनियन गठित की थी जो मद्रास ट्रेड यूनियन था
-1918 में महात्मा गांधी जी की नेतृत्व में अहमदाबाद टैक्सटाइल मिल के मजदूरों के लिए सत्याग्रह किया गया ,उसके बाद यहां गांधी जी द्वारा अहमदाबाद टेक्सटाइल यूनियन का जन्म हुआ|

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन (AITUC)-

एटक की स्थापना 1920 ईस्वी में मुंबई में हुई, जिसके संस्थापक एनएम जोशी थे |उस समय इसमें 107 ट्रेड यूनियन शामिल हुई थी ,एटक के पहले अधिवेशन की अध्यक्षता लाला लाजपत राय ने की थी ,इसकी स्थापना का प्रमुख कारण अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ की बैठक में शामिल होना था, एटक के पहले वहां मंत्री दीवान चमनलाल बने |

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन फेडरेशन-

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन फेडरेशन की स्थापना एनएम जोशी ने 1929 में किया |

बंगाल वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी-

भारत में पहली बार मजदूर किसान पार्टी की स्थापना बंगाल में हुई थी जिसका नाम बंगाल वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी था

- दिसंबर 1928 में कोलकाता में सोहन सिंह के अध्यक्षता में ऑल इंडिया वर्क्स एंड पीजेंट्स पार्टी (अखिल भारतीय किसान मजदूर पार्टी) की स्थापना की गई ,इसके सचिव आर० यस० निबंलकर थे |

- भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस(INTUC) की स्थापना 1947 में कांग्रेस द्वारा की गई |


- 1948 में हिंदू मजदूर संघ की स्थापना कांग्रेस समाजवादी पार्टी द्वारा की गई |



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