लार्ड विलिंगटन | लार्ड लिनलिथगों | पूना पैक्ट |gk question in Hindi |
लार्ड विलिंगटन (1931-1936 तक)
1 सितम्बर से 1 दिसम्बर 1931 तक द्वितीय गोलमेज सम्मलेन का आयोजन लन्दन में हुआ। इस सम्मेलन में गांधी जी राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया। यह सम्मेलन अनिर्णीत रहा तथा गांधीजी जनवरी 1932 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का द्वितीय चरण प्रारंभ किया |
- ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्से मैकडोनाल्ड ने 16 अगस्त 1932 को साम्प्रदायिक निर्णय (कम्यूनल अवार्ड) की घोषणा । इस अवार्ड में हरिजनों एवं दलित वर्ग को भी पृथक सम्प्रदाय का दर्जा दिया गया और उन्हें भी पृथक निर्वाचन मण्डल के द्वारा अपने प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार प्रदान दिया गया। गांधीजी ने इसके विरुद्ध अनशन किया। फलस्वरूप 25 सितम्बर 1932 को गांधी- अम्बेडकर के बीच समझौता हुआ | जिसे पूना पैक्ट के नाम जाना जाता है।
-1 अगस्त 1933 दिसम्बर व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आंदोलन चला।
- दिसंबर 1932 मे तृतीय गोलमेज सम्मेलन सम्पन्न हुआ। साइमन कमीशन की रिपोर्ट और गोलमेज सम्मेलन में की गयी चर्चाओं के आधार पर भारत शासन अधिनियम 1935 ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किया गया।
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