उत्तर प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh (2025)

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  उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस राज्य में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थान कार्यरत हैं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) स्थापना: 1959 | स्थान: कानपुर IIT कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध तकनीकी संस्थान है। यह इंजीनियरिंग, विज्ञान, और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है। यहाँ उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएँ, रिसर्च प्रोजेक्ट्स और नवाचार केंद्र मौजूद हैं। प्रमुख क्षेत्र: इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, पर्यावरण तकनीक योगदान: टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप विकास 2. सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CDRI), लखनऊ स्थापना: 1951 | स्थान: लखनऊ यह संस्थान औषधि अनुसंधान में भारत के सबसे ...

लॉर्ड रीडिंग |लॉर्ड इरविन |बारदौली में सत्याग्रह |गांधी - इरविन समझौता |Samanya gyan|

 लॉर्ड रीडिंग 1921 से 1926 तक 

  • 1921 ईस्वी में भारत के दक्षिणी- पश्चिमी तट पर मोपला विद्रोह केरल में हुआ |
  • 5 फरवरी 1922 को गोरखपुर के चौरी चौरा कांड के अंतर्गत आंदोलनकारियों ने पुलिस थाने को घेर कर आग लगा दी , जिससे 22 पुलिसकर्मी मारे गए इस घटना से दुखी होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया |
  • 1922 में सिविल सर्विसेज प्रशासनिक सेवाओं में उम्मीदवारों के चयन के लिए दिल्ली और लंदन में एक साथ  हुआ 
  • इसी के समय 1922 में विश्व भारती विश्वविद्यालय में कार्य प्रारंभ किया
  • रीडिंग के समय ही कुछ उदारवादी कार्य भी किए गए जैसे 1910 के प्रेस अधिनियम और 1919 के रौलट एक्ट को रद्द कर दिया गया|
  • हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन नामक क्रांतिकारी संगठन ने 9 अगस्त 1925 को लखनऊ के पास काकोरी में ट्रेन लूट किया था
  • दिसंबर 1926 में आर्य समाज के नेता स्वामी श्रद्धानंद सांप्रदायिकता की बलि चढ़ गए|

लॉर्ड इरविन 1926 से 1931

  • लॉर्ड इरविन के समय 1928 में साइमन कमीशन भारत आया
  • 1928 सरदार वल्लभभाई पटेल ने बारदौली में सत्याग्रह आंदोलन चलाया |क्योंकि सरकार ने भूमि कर बढ़ा दिया था
  • 12 मार्च 1930 को गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया |
  • इसी समय साइमन कमीशन की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए नवंबर 1930 में प्रथम गोलमेज सम्मेलन बुलाया गया | जिसका कांग्रेस पार्टी ने बहिष्कार किया |
  •  5 मार्च 1931 को गांधी - इरविन समझौता हुआ जिसे दिल्ली पैक्ट भी कहते हैं परिणाम स्वरूप सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित कर दिया गया |


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