लॉर्ड रीडिंग |लॉर्ड इरविन |बारदौली में सत्याग्रह |गांधी - इरविन समझौता |Samanya gyan|
लॉर्ड रीडिंग 1921 से 1926 तक
- 1921 ईस्वी में भारत के दक्षिणी- पश्चिमी तट पर मोपला विद्रोह केरल में हुआ |
- 5 फरवरी 1922 को गोरखपुर के चौरी चौरा कांड के अंतर्गत आंदोलनकारियों ने पुलिस थाने को घेर कर आग लगा दी , जिससे 22 पुलिसकर्मी मारे गए इस घटना से दुखी होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया |
- 1922 में सिविल सर्विसेज प्रशासनिक सेवाओं में उम्मीदवारों के चयन के लिए दिल्ली और लंदन में एक साथ हुआ
- इसी के समय 1922 में विश्व भारती विश्वविद्यालय में कार्य प्रारंभ किया
- रीडिंग के समय ही कुछ उदारवादी कार्य भी किए गए जैसे 1910 के प्रेस अधिनियम और 1919 के रौलट एक्ट को रद्द कर दिया गया|
- हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन नामक क्रांतिकारी संगठन ने 9 अगस्त 1925 को लखनऊ के पास काकोरी में ट्रेन लूट किया था
- दिसंबर 1926 में आर्य समाज के नेता स्वामी श्रद्धानंद सांप्रदायिकता की बलि चढ़ गए|
लॉर्ड इरविन 1926 से 1931
- लॉर्ड इरविन के समय 1928 में साइमन कमीशन भारत आया
- 1928 सरदार वल्लभभाई पटेल ने बारदौली में सत्याग्रह आंदोलन चलाया |क्योंकि सरकार ने भूमि कर बढ़ा दिया था
- 12 मार्च 1930 को गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया |
- इसी समय साइमन कमीशन की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए नवंबर 1930 में प्रथम गोलमेज सम्मेलन बुलाया गया | जिसका कांग्रेस पार्टी ने बहिष्कार किया |
- 5 मार्च 1931 को गांधी - इरविन समझौता हुआ जिसे दिल्ली पैक्ट भी कहते हैं परिणाम स्वरूप सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित कर दिया गया |
General knowledge questions, #Gk question in Hindi, Samanya gyan,#mcqs, #quantitative aptitude
Comments
Post a Comment