When and who founded Arya Samaj?| आर्य समाज|

 आर्य समाज

आर्य समाज की स्थापना 10 अप्रैल 1875 को मुंबई में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी| केशवचंद्र सेन ने राय दी थी कि अपने विचार हिंदी भाषा में दें, स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इस सलाह पर अमल किया और आर्य समाज की स्थापना के लिए 10 सिद्धांत भी निर्धारित  किए थे |
समाज के लिए एक साप्ताहिक पत्रिका आर्य प्रकाश का प्रकाशन किया |
स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ हिंदी भाषा में लिखा, जिसमें उन्होंने अपने और समाज के सिद्धांतों और उनकी व्यवहारिकता पर बल दिया, स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने घोषणा की है कि जन्म से ही नहीं वरन कर्मों से किसी भी जाति का व्यक्ति आध्यात्मिक प्रकाश पा सकता है, वेदों का अध्ययन अध्यापन केवल ब्राह्मण ही नहीं बल्कि कोई भी कर सकता है, स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने हिंदू धर्म की कुर्तियों आडंबर तथा अंधविश्वासों पर प्रहार किये|
 1929 ईस्वी में एक आर्य समाजी ही श्री हरविलास शारदा के प्रयत्नों से बाल विवाह निषेध हेतु "शारदा एक्ट" पारित हुआ, इस अधिनियम के द्वारा लड़कियों की विवाह की न्यूनतम उम्र 14 वर्ष लड़कों की 18 वर्ष निर्धारित की गई |
आर्य समाज एक कट्टर हिंदू संगठन भी था उसने शुद्धि आंदोलन चलाया ,इसके द्वारा हिंदू धर्म छोड़कर जाने वालों को शुद्धिकरण द्वारा पुनः हिंदू धर्म में वापस लाया जाता था|

-पहला अनाथालय फिरोजपुर में स्थापित किया गया |

-1883 ईसवी में लाहौर में एंग्लो वैदिक कॉलेज की स्थापना की गई ,इसकी स्थापना लाला हंसराज के प्रयत्नों से हुई थी|

- मुंशीराम (स्वामीश्रद्धानंद) ने 1902 मे हरिद्वार में गुरुकुल आश्रम की स्थापना की जिसमें पूर्व वैदिक रीति से शिक्षा दी जाती थी|

- लाला लाजपत राय एक प्रमुख आर्य समाजी थे उन्होंने "ए हिस्ट्री आफ आर्य समाज "नामक पुस्तक भी लिखी थी|

- सर वैलेंटाइन शिरोल ने स्वामी दयानंद सरस्वती और आर्य समाजियो को अशांति का दूत कहा था

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