उत्तर प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh (2025)

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  उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस राज्य में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थान कार्यरत हैं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) स्थापना: 1959 | स्थान: कानपुर IIT कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध तकनीकी संस्थान है। यह इंजीनियरिंग, विज्ञान, और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है। यहाँ उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएँ, रिसर्च प्रोजेक्ट्स और नवाचार केंद्र मौजूद हैं। प्रमुख क्षेत्र: इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, पर्यावरण तकनीक योगदान: टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप विकास 2. सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CDRI), लखनऊ स्थापना: 1951 | स्थान: लखनऊ यह संस्थान औषधि अनुसंधान में भारत के सबसे ...

About Annie Besant |

Where was Annie Besant born?-


 एनी बेसेंट-

डॉक्टर एनीबेसेंट का जन्म 1 अक्टूबर 1847 को लंदन में हुआ था | 
1889 में एनी बेसेंट थियोसोफी के विचारों से प्रभावित हुई | उनका भारत आगमन 1893 में हुआ | सन् 1906 तक  इनका अधिकांश समय वाराणसी में बीता |
 वे 1907 में थियोसोफिकल सोसायटी की अध्यक्ष निर्वाचित हुई | 
वर्ष 1914 में लंदन में होमरूल लीग की स्थापना किया | अपने दो दैनिक समाचार पत्र कामनवील और न्यू इंडिया का प्रकाशन शुरू कर दिया, |
 सन् 1916 में हुआ लखनऊ समझौता में उदारवादियों तथा  उग्रवादियों के मिलन में एनीबेसेन्ट  की महती भूमिका थी |
                  15 जून 1917 को एनीबेसेंट,  जी० एस० अरुंडेल तथा बी०पी० वाडिया की नजरबंदी का आदेश दिया गया | एनी बेसेंट के गिरफ्तारी के विरोध में सर एस० सुब्रमण्यम अय्यर ने नाइटहुड (सर) की उपाधि लौटा दी , ऐसा करने वाले प्रथम भारतीय थे |
 एनी बेसेंट की नजरबंदी का पूरे देश में तीव्र विरोध किया गया और एनी बेसेंट की लोकप्रियता बढ़ती गई , परिणाम स्वरूप 1917 के कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन का अध्यक्ष बनाया गया | एनी बेसेंट कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली प्रथम महिला थी
     1880 में फेबियन आंदोलन के जनक जॉर्ज बर्नार्ड शा के संपर्क में आई और इनके आंदोलन के प्रस्तावक के रूप में जुड़ गई  | 
 20 सितंबर 1933 को मद्रास में इनकी मृत्यु हो गई |
इनका कथन है- 
 हे भगवान मेरी प्रार्थना है कि मेरा अगला जन्म हिंदू परिवार में हो |

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