उत्तर प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh (2025)

Image
  उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान | Research Institutes in Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस राज्य में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थान कार्यरत हैं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) स्थापना: 1959 | स्थान: कानपुर IIT कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध तकनीकी संस्थान है। यह इंजीनियरिंग, विज्ञान, और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है। यहाँ उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएँ, रिसर्च प्रोजेक्ट्स और नवाचार केंद्र मौजूद हैं। प्रमुख क्षेत्र: इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, पर्यावरण तकनीक योगदान: टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप विकास 2. सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CDRI), लखनऊ स्थापना: 1951 | स्थान: लखनऊ यह संस्थान औषधि अनुसंधान में भारत के सबसे ...

When was the Indian National Congress established? and who founded it| कांग्रेस की स्थापना कब हुई|

When was the Indian National Congress established? and who founded it.

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना- 1885

 एलन आक्टेवियन ह्यूम(ए.ओ.ह्यूम) ने 1884 मे भारतीय राष्ट्रीय संघ की स्थापना की, जो कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अग्रदूत था ,भारतीय राष्ट्रीय संघ का एक सम्मेलन पूणे में आयोजित होना था लेकिन पूणे में हैजा फैल जाने के कारण सम्मेलन का स्थान बदलकर तेजपाल संस्कृत विद्यालय मुंबई कर दिया गया ,भारतीय राष्ट्रीय संघ  का पहला अधिवेशन 28 दिसंबर1885 को हुआ, इसी सम्मेलन में दादा भाई नौरोजी के सुझाव पर इस संगठन का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कर दिया गया|
        कांग्रेस का पहला अधिवेशन 28 दिसंबर 1885 को मुंबई स्थित गोकुलदास तेजपाल संस्कृत विद्यालय में आयोजित किया गया, इसमें कुल 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (डब्ल्यू. सी. बनर्जी) ने की थी तथा इसके प्रथम महासचिव ए. ओ.ह्यूम थे, इसमें कुल 9 प्रस्ताव पास हुआ|
इसमें  बांबे प्रेसिडेंट के       38 प्रतिनिधि 
         मद्रास प्रेसिडेंसी के   21 प्रतिनिधि 
        बंगाल प्रेसिडेंसी के      3 प्रतिनिधि 
        उत्तर प्रदेश अवध के    7 प्रतिनिधि 
        पंजाब के                  3 प्रतिनिधि 
        कुल        =            72 प्रतिनिधि शामिल हुए थे

 -लॉर्ड डफरिन तत्कालीन वायसराय ने कांग्रेस का मजाक उड़ाया और कहा की यह "सूक्ष्मदर्शी अल्पसंख्यकों की संस्था है"

Comments

Popular posts from this blog

how to know how many sims are running in your name

10 Proven Ways to Earn Money Online”