Karachi Session of Congress -1931

 कांग्रेस का कराची अधिवेशन -1931.

23 मार्च 1931 को लंदन षड्यंत्र कांड के आरोपी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर जेल में फांसी दे दी गई | 
5 मार्च 1931 को हुए गांधी - इरविन समझौते को मंजूरी देने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल  की अध्यक्षता में 29 मार्च 1931 को कांग्रेस का सम्मेलन कराची में संपन्न हुआ | इसी अधिवेशन में गांधी जी का प्रबल विरोध किया गया|  जिसका कारण था कि भगत सिंह ,सुखदेव व  राजगुरु को फांसी हो जाना | गांधीजी इस विरोध पर बोले-"गांधी मर सकता है, गांधीवाद नहीं" |
                         1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन में गांधी इरविन पैक्ट को मंजूरी दी गई | इसी अधिवेशन में मूल अधिकारों तथा आर्थिक कार्यक्रम पर संकल्प पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रारूपिक किया था तथा एन०एम० राय ने इसमें सहयोगी की भूमिका निभाई थी| इस अधिवेशन में मौलिक अधिकार के साथ-साथ पूर्ण स्वराज्य को कांग्रेस में परिभाषित किया |
                        सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन को 'महात्मा गांधी की लोकप्रियता और सम्मान की पराकाष्ठा' माना|

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