मनरेगा का नया स्वरूप 2025 (VB-G RAM G) | पूरी जानकारी, कर्मियों की स्थिति व नोट्स
मनरेगा का नया स्वरूप 2025
VB-G RAM G : विस्तृत एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन (PART-1)
📌 प्रस्तावना : ग्रामीण भारत और रोजगार की चुनौती
भारत की लगभग 65% जनसंख्या आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित रही है, परंतु भूमि जोतों का छोटा होना, जल संकट, मौसमी बेरोजगारी जैसी समस्याओं ने ग्रामीण रोजगार को अस्थिर बना दिया।
इसी पृष्ठभूमि में ग्रामीण परिवारों को न्यूनतम आय सुरक्षा प्रदान करने हेतु भारत सरकार ने वर्ष 2005 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) लागू किया।
📜 MGNREGA : ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
MGNREGA विश्व का पहला ऐसा कानून था जिसने रोजगार को कानूनी अधिकार बनाया। इस अधिनियम के अंतर्गत:
- प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन का मजदूरी आधारित रोजगार
- काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता
- स्थानीय स्तर पर योजना निर्माण
- पारदर्शिता और सामाजिक अंकेक्षण
इस योजना ने न केवल रोजगार उपलब्ध कराया बल्कि तालाब, सड़क, जल संरक्षण संरचनाएँ जैसी लाखों परिसंपत्तियों का निर्माण भी किया।
🧱 समय के साथ क्यों पड़ी बदलाव की आवश्यकता?
1️⃣ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन
2005 से 2025 तक ग्रामीण भारत में व्यापक परिवर्तन हुए:
- डिजिटल भुगतान और DBT का विस्तार
- ग्रामीण युवाओं का गैर-कृषि रोजगार की ओर झुकाव
- ग्रामीण बुनियादी ढांचे की बढ़ती मांग
2️⃣ योजना की सीमाएँ
- मजदूरी भुगतान में देरी
- केवल कच्चे कार्यों पर ज़ोर
- राज्यों की कमजोर जवाबदेही
“मनरेगा को केवल रोजगार योजना न रखकर ग्रामीण आजीविका और इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन बनाया जाना चाहिए।”
📘 VB-G RAM G की अवधारणा
इन्हीं परिस्थितियों में सरकार ने Viksit Bharat – Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) यानी VB-G RAM G का प्रस्ताव रखा।
यह केवल नाम परिवर्तन नहीं बल्कि ग्रामीण रोजगार नीति का पुनर्गठन है, जिसे विकसित भारत @2047 के लक्ष्य से जोड़ा गया है।
मनरेगा की ऐतिहासिक भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है, पर बदलती ग्रामीण आवश्यकताओं ने इसके नए स्वरूप VB-G RAM G को जन्म दिया।
VB-G RAM G : संरचना, वित्त और कार्य प्रणाली (PART–2)
इस भाग में VB-G RAM G (Viksit Bharat – Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission, Gramin) की मुख्य विशेषताएँ, वित्त पोषण मॉडल, कार्यों की प्रकृति, भुगतान प्रणाली, कृषि मौसम प्रबंधन और डिजिटल ढांचा को विस्तार से समझाया गया है।
🛠️ 1. VB-G RAM G की मुख्य विशेषताएँ (Core Features)
1.1 रोजगार गारंटी का विस्तार
VB-G RAM G में ग्रामीण रोजगार की अवधि को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य मौसमी बेरोजगारी को कम करना और ग्रामीण परिवारों को अधिक स्थिर आय उपलब्ध कराना है।
- प्रति वित्तीय वर्ष अधिकतम 125 दिन
- परिवार-आधारित पात्रता
- बिना कौशल (Unskilled) कार्य पर प्राथमिकता
1.2 भुगतान प्रणाली में सुधार
MGNREGA में मजदूरी भुगतान 15 दिनों के भीतर करने का प्रावधान था, लेकिन व्यवहार में अक्सर देरी होती थी। VB-G RAM G में इसे साप्ताहिक भुगतान प्रणाली से बदला जा रहा है।
- Direct Benefit Transfer (DBT)
- PFMS आधारित भुगतान
- मजदूरी देरी पर जवाबदेही तय
1.3 मांग आधारित से योजना आधारित मॉडल
MGNREGA एक Demand Driven योजना थी, जहाँ काम की मांग करने पर रोजगार देना अनिवार्य था। VB-G RAM G में यह ढांचा Plan + Allocation Based हो जाएगा।
- वार्षिक ग्रामीण विकास योजना
- जिला/राज्य प्राथमिकता के अनुसार कार्य
- बजट सीमा के भीतर रोजगार
💰 2. वित्त पोषण मॉडल (Funding Pattern)
VB-G RAM G में वित्त पोषण का ढांचा पूर्ण केंद्रीय से बदलकर केंद्र–राज्य साझा किया गया है।
| क्षेत्र | केंद्र | राज्य |
|---|---|---|
| सामान्य राज्य | 60% | 40% |
| NE / UT | 90% | 10% |
इस बदलाव का उद्देश्य राज्यों की जवाबदेही और भागीदारी बढ़ाना है, हालाँकि इससे कमजोर राज्यों पर वित्तीय दबाव भी बढ़ सकता है।
🏗️ 3. कार्यों की प्रकृति में बदलाव
3.1 परंपरागत कार्य (MGNREGA)
- मिट्टी के कच्चे कार्य
- अस्थायी परिसंपत्तियाँ
- सीमित तकनीकी हस्तक्षेप
3.2 नए स्वरूप में प्रस्तावित कार्य
- अमृत सरोवर
- ग्रामीण सड़क और जल निकासी
- जल संरक्षण और सिंचाई
- कृषि-आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर
- स्थायी सामुदायिक परिसंपत्तियाँ
🌾 4. कृषि मौसम प्रबंधन (Agricultural Season Management)
VB-G RAM G में पहली बार कृषि मौसम को औपचारिक रूप से योजना से जोड़ा गया है।
- बुवाई और कटाई के समय कार्य स्थगन
- कृषि श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित
- खेती और मजदूरी के बीच संतुलन
🖥️ 5. डिजिटल निगरानी और पारदर्शिता
VB-G RAM G का एक प्रमुख स्तंभ डिजिटल गवर्नेंस है।
- Geo-Tagging of Assets
- मोबाइल आधारित हाजिरी
- Real-Time Dashboard
- Social Audit Integration
इससे भ्रष्टाचार में कमी, काम की गुणवत्ता में सुधार और भुगतान में पारदर्शिता आने की उम्मीद है।
🧭 6. योजना प्रबंधन और प्रशासन
- केंद्र: नीति, बजट, निगरानी
- राज्य: योजना निर्माण, क्रियान्वयन
- जिला/ब्लॉक: कार्यान्वयन और रिपोर्टिंग
- ग्राम पंचायत: जमीनी क्रियान्वयन
MGNREGA बनाम VB-G RAM G : तुलनात्मक अध्ययन, उद्देश्य और लाभ (PART–3)
इस भाग में MGNREGA (2005) और VB-G RAM G (2025) के बीच कानूनी, प्रशासनिक, वित्तीय और कार्यात्मक अंतर, इसके उद्देश्य तथा संभावित लाभ को विस्तार से समझाया गया है।
📊 1. MGNREGA बनाम VB-G RAM G : विस्तृत तुलना
| पहलू | MGNREGA (2005) | VB-G RAM G (2025) |
|---|---|---|
| कानूनी स्वरूप | रोजगार गारंटी अधिनियम | नया विधेयक / मिशन आधारित कानून |
| रोजगार की प्रकृति | मांग-आधारित अधिकार | योजना/आवंटन आधारित |
| कार्यदिवस | 100 दिन | 125 दिन (प्रस्तावित) |
| वित्त पोषण | लगभग पूर्ण केंद्रीय | केंद्र–राज्य साझा (60:40) |
| भुगतान समय | 15 दिन के भीतर | साप्ताहिक भुगतान |
| कृषि मौसम | कोई औपचारिक रोक नहीं | मौसम अनुसार समायोजन |
| कार्य प्रकृति | कच्चे/अस्थायी | स्थायी/तकनीकी |
🎯 2. VB-G RAM G के प्रमुख उद्देश्य
2.1 ग्रामीण आय सुरक्षा का विस्तार
नए स्वरूप का प्राथमिक उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को अधिक दिनों तक सुनिश्चित आय देना है। 125 कार्यदिवस का प्रस्ताव मौसमी बेरोजगारी को कम करने में सहायक हो सकता है।
- आय में स्थिरता
- पलायन में कमी
- ग्रामीण उपभोग क्षमता में वृद्धि
2.2 कृषि और गैर-कृषि श्रम में संतुलन
MGNREGA पर यह आरोप लगता रहा है कि इससे कृषि मौसम में मजदूरों की कमी होती है। VB-G RAM G में कृषि सत्रों के अनुसार कार्यों का समायोजन इसी समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है।
2.3 ग्रामीण अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण
नए मिशन के अंतर्गत जल संरक्षण, सड़क, सिंचाई, सामुदायिक परिसंपत्तियाँ जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- अमृत सरोवर
- जल निकासी तंत्र
- ग्रामीण संपर्क मार्ग
2.4 आजीविका और कौशल का एकीकरण
VB-G RAM G का लक्ष्य केवल मजदूरी तक सीमित नहीं, बल्कि इसे ग्रामीण आजीविका, SHG और कौशल विकास से जोड़ना है।
2.5 प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही
केंद्र–राज्य साझा वित्त पोषण से राज्यों की जिम्मेदारी बढ़ेगी और कार्यों की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
🔍 3. VB-G RAM G के संभावित लाभ
3.1 रोजगार के अवसरों में वृद्धि
125 कार्यदिवस का प्रावधान ग्रामीण परिवारों की वार्षिक आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकता है।
3.2 समय पर मजदूरी भुगतान
साप्ताहिक भुगतान व्यवस्था से मजदूरों की नकदी प्रवाह (Cash Flow) समस्या कम होगी।
3.3 स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण
तकनीकी और दीर्घकालिक कार्यों से गाँवों में ऐसी परिसंपत्तियाँ बनेंगी जो वर्षों तक उपयोगी रहेंगी।
3.4 ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गति
अधिक आय और बेहतर अवसंरचना से ग्रामीण बाजार, स्थानीय व्यापार और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
3.5 पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी
डिजिटल निगरानी, जियो-टैगिंग और रियल-टाइम रिपोर्टिंग से फर्जी कार्य और भुगतान अनियमितताओं में कमी आने की संभावना है।
VB-G RAM G रोजगार, अवसंरचना और आजीविका — तीनों को एक मंच पर लाने का प्रयास है।
🧪 4. परीक्षा-उपयोगी बिंदु (Exam Ready)
- MGNREGA = मांग-आधारित कानूनी अधिकार
- VB-G RAM G = योजना-आधारित मिशन
- कार्यदिवस: 100 → 125
- वित्त: केंद्र से साझा मॉडल
- फोकस: मजदूरी + आजीविका + अवसंरचना
VB-G RAM G में मनरेगा कर्मियों की स्थिति
(संविदा, तकनीकी, प्रशासनिक स्टाफ) – PART–4
मनरेगा का नया स्वरूप तभी सफल हो सकता है जब योजना को लागू करने वाले मानव संसाधन (Human Resources) की स्थिति स्पष्ट, सुरक्षित और सशक्त हो। यह भाग मनरेगा कर्मियों के वर्तमान, भविष्य, अवसर और जोखिम का पूर्ण विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
📌 1. मनरेगा कर्मी : योजना की रीढ़
मनरेगा केवल मजदूरों को रोजगार देने की योजना नहीं है, बल्कि यह एक विशाल प्रशासनिक तंत्र है, जिसे लाखों कर्मी ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर संचालित करते हैं।
इन कर्मियों के बिना:
- जॉब कार्ड नहीं बन सकते
- मस्टर रोल नहीं चल सकता
- मापन पुस्तिका (MB) नहीं भर सकती
- भुगतान संभव नहीं
इसलिए VB-G RAM G में सबसे संवेदनशील प्रश्न यही है — “मनरेगा कर्मियों का क्या होगा?”
👥 2. वर्तमान में मनरेगा कर्मियों की संरचना
2.1 ग्राम स्तर के कर्मी
- ग्राम रोजगार सेवक (GRS)
- तकनीकी सहायक (TA)
- मेट / कार्यस्थल प्रभारी
- पंचायत सहायक
2.2 ब्लॉक स्तर के कर्मी
- कार्यक्रम अधिकारी (संविदा)
- लेखा सहायक
- MIS / कंप्यूटर ऑपरेटर
2.3 जिला स्तर के कर्मी
- जिला कार्यक्रम समन्वयक (DPC – संविदा)
- GIS / सोशल ऑडिट स्टाफ
मनरेगा के लगभग 85–90% कर्मी संविदा / मानदेय पर कार्यरत हैं, न कि नियमित सरकारी सेवा में।
⚖️ 3. VB-G RAM G में कर्मियों को हटाया जाएगा या नहीं?
यह सबसे बड़ा डर और भ्रम है। सरकारी नीति-नोट्स और स्पष्टीकरण के अनुसार:
“Existing MGNREGA staff will be transitioned, not terminated.”
- कोई सामूहिक छंटनी नहीं
- अनुभव को संरक्षित किया जाएगा
- नई योजना में पुनः तैनाती
अर्थात, योजना बदलेगी — कर्मी नहीं हटेंगे।
🛠️ 4. तकनीकी सहायक (TA / JE) का भविष्य
4.1 MGNREGA में भूमिका
- कार्य मापन (Measurement)
- MB भरना
- कार्य गुणवत्ता सत्यापन
4.2 VB-G RAM G में बढ़ती भूमिका
- स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर
- GIS / Geo-Tagging
- ड्रोन सर्वे
- एसेट मॉनिटरिंग
तकनीकी सहायक और JE-समकक्ष कर्मियों की मांग बढ़ेगी, घटेगी नहीं।
🏘️ 5. ग्राम रोजगार सेवक (GRS) की स्थिति
5.1 वर्तमान भूमिका
- जॉब कार्ड पंजीकरण
- मांग दर्ज करना
- हाजिरी
- भुगतान समन्वय
5.2 नए स्वरूप में बदलाव
- मांग आधारित कार्य कम
- योजना समन्वय अधिक
- SHG और आजीविका मिशन से जुड़ाव
यदि राज्य सरकार HR Policy स्पष्ट नहीं करती, तो GRS की सेवा-सुरक्षा कमजोर रह सकती है।
💻 6. MIS / कंप्यूटर ऑपरेटर – सबसे सुरक्षित वर्ग
VB-G RAM G में डिजिटल गवर्नेंस की भूमिका सबसे अधिक है।
- Integrated Rural Data Platform
- PFMS + Geo-Tagging
- Real-Time Dashboard
MIS और IT स्टाफ की आवश्यकता और बढ़ेगी।
📜 7. क्या मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरण होगा?
सीधा उत्तर:
लेकिन:
- राज्य सरकारें HR Policy बना सकती हैं
- मानदेय वृद्धि
- बीमा / ESIC / PF जैसे लाभ
अर्थात, भविष्य राज्य सरकारों के निर्णय पर निर्भर करेगा।
⚠️ 8. मनरेगा कर्मियों की प्रमुख समस्याएँ
| समस्या | स्थिति |
|---|---|
| कम मानदेय | गंभीर |
| भुगतान देरी | आम |
| सेवा सुरक्षा | न के बराबर |
| काम का दबाव | अत्यधिक |
🎯 9. परीक्षा-उपयोगी निष्कर्ष (Exam Ready)
- मनरेगा कर्मी योजना की रीढ़ हैं
- VB-G RAM G में कर्मी हटेंगे नहीं
- तकनीकी स्टाफ की मांग बढ़ेगी
- नियमितीकरण राज्य विषय
VB-G RAM G : आलोचनाएँ, राजनीतिक बहस और राज्य-स्तरीय प्रभाव (PART–5)
इस भाग में VB-G RAM G के विरुद्ध उठी मुख्य आलोचनाएँ, राजनीतिक व वैचारिक बहस तथा राज्यों पर पड़ने वाले व्यावहारिक प्रभाव का समेकित विश्लेषण प्रस्तुत है।
❗ 1. VB-G RAM G पर प्रमुख आलोचनाएँ
1.1 रोजगार गारंटी के अधिकार का कमजोर होना
MGNREGA की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि यह मांग-आधारित कानूनी अधिकार था। VB-G RAM G में इसे योजना/आवंटन-आधारित ढांचे में बदला जा रहा है।
- काम की मांग पर स्वतः रोजगार की बाध्यता कम
- बजट सीमा के भीतर रोजगार
- बेरोजगारी भत्ते की अवधारणा कमजोर
“यह बदलाव रोजगार को अधिकार से सरकारी कृपा (Discretion) की ओर ले जाता है।”
1.2 महात्मा गांधी के नाम का हटना
MGNREGA से महात्मा गांधी का नाम हटाकर VB-G RAM G रखने को लेकर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया देखने को मिली।
- विपक्ष: गांधी की विरासत को मिटाने का आरोप
- सरकार: नाम से ज़्यादा परिणाम महत्वपूर्ण
1.3 राज्यों पर बढ़ता वित्तीय बोझ
पहले मनरेगा में केंद्रीय वित्त-पोषण प्रमुख था। अब 60:40 मॉडल से राज्यों पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा।
- वित्तीय रूप से कमजोर राज्यों की चिंता
- देरी और अधूरे कार्यों का खतरा
1.4 कृषि मौसम में रोजगार समायोजन
कृषि सत्रों में मनरेगा कार्य रोकने/समायोजित करने से कुछ क्षेत्रों में ग्रामीण मजदूरों की आय प्रभावित होने की आशंका है।
कृषि श्रम उपलब्धता बढ़ेगी, पर गैर-कृषि मजदूरी घट सकती है।
🏛️ 2. राजनीतिक और वैचारिक बहस
2.1 सरकार का पक्ष
- मनरेगा को आधुनिक बनाना
- रोजगार + आजीविका + इंफ्रास्ट्रक्चर का एकीकरण
- डिजिटल पारदर्शिता
सरकार का दावा है कि VB-G RAM G विकसित भारत @2047 के लक्ष्य के अनुरूप है।
2.2 विपक्ष का पक्ष
- रोजगार गारंटी कमजोर
- गरीबों के अधिकारों में कटौती
- राज्यों पर वित्तीय बोझ
VB-G RAM G आर्थिक से अधिक वैचारिक संघर्ष का विषय बन चुका है।
🌍 3. राज्य-स्तरीय प्रभाव (State-wise Impact)
3.1 वित्तीय रूप से मजबूत राज्य
- तमिलनाडु
- केरल
- महाराष्ट्र
- गुजरात
इन राज्यों में 60:40 मॉडल का प्रभाव सीमित रहेगा, क्योंकि राजस्व क्षमता अपेक्षाकृत अधिक है।
3.2 वित्तीय रूप से कमजोर राज्य
- बिहार
- उत्तर प्रदेश
- झारखंड
- छत्तीसगढ़
इन राज्यों में:
- राज्य अंशदान जुटाना चुनौती
- कार्य स्वीकृति में देरी
- कर्मियों का मानदेय प्रभावित
3.3 पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य
90:10 मॉडल होने से इन राज्यों को तुलनात्मक राहत मिलेगी, लेकिन भौगोलिक कठिनाइयाँ क्रियान्वयन को प्रभावित कर सकती हैं।
👷 4. कर्मियों पर राज्य-स्तरीय प्रभाव
- मानदेय भुगतान में असमानता
- राज्य HR Policy पर निर्भरता
- कुछ राज्यों में सेवा-सुरक्षा बेहतर
VB-G RAM G में कर्मियों का भविष्य केंद्रीय नहीं, राज्य सरकारों द्वारा तय होगा।
🧪 5. परीक्षा-उपयोगी बिंदु (Exam Ready)
- मुख्य आलोचना: मांग-आधारित अधिकार कमजोर
- नाम परिवर्तन राजनीतिक विवाद का विषय
- 60:40 मॉडल से राज्यों पर दबाव
- राज्य क्षमता से योजना की सफलता तय
VB-G RAM G : कार्यान्वयन चुनौतियाँ, ग्रामीण प्रभाव और अंतिम निष्कर्ष (PART–6)
इस अंतिम भाग में VB-G RAM G के कार्यान्वयन (Implementation) की चुनौतियाँ, ग्रामीण भारत पर संभावित सामाजिक-आर्थिक प्रभाव, जोखिम बनाम अवसर, और परीक्षा-उपयोगी Golden Points के साथ समग्र निष्कर्ष प्रस्तुत है।
🧩 1. VB-G RAM G के कार्यान्वयन की प्रमुख चुनौतियाँ
1.1 राज्यों की प्रशासनिक क्षमता
VB-G RAM G में योजना आधारित मॉडल अपनाया गया है, जिसमें राज्य सरकारों की भूमिका निर्णायक हो जाती है। हालाँकि, सभी राज्यों की प्रशासनिक क्षमता समान नहीं है।
- कुशल मानव संसाधन की कमी
- योजना निर्माण में देरी
- जिला–ब्लॉक स्तर पर निगरानी की कमजोरी
कमजोर प्रशासनिक क्षमता वाले राज्यों में योजना के लाभ सीमित रह सकते हैं।
1.2 वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता
60:40 के साझा वित्त पोषण मॉडल के कारण राज्यों को समय पर अपना अंशदान उपलब्ध कराना होगा।
- राज्य बजट पर दबाव
- भुगतान में देरी का खतरा
- अधूरे कार्यों की संभावना
1.3 डिजिटल डिवाइड (Digital Divide)
VB-G RAM G डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित है, पर ग्रामीण क्षेत्रों में:
- इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर
- डिजिटल साक्षरता कम
- तकनीकी उपकरणों की कमी
डिजिटल निर्भरता से कुछ वास्तविक लाभार्थी योजना से बाहर हो सकते हैं।
1.4 मानव संसाधन (HR) प्रबंधन
जैसा कि PART–4 में स्पष्ट किया गया, मनरेगा कर्मियों का भविष्य राज्य HR Policy पर निर्भर करेगा।
- सेवा सुरक्षा की कमी
- मानदेय असमानता
- प्रशिक्षण की आवश्यकता
🌾 2. ग्रामीण भारत पर संभावित प्रभाव
2.1 ग्रामीण आय और जीवन स्तर
125 कार्यदिवस और साप्ताहिक भुगतान से ग्रामीण परिवारों की आय स्थिरता बढ़ सकती है।
- घरेलू उपभोग में वृद्धि
- कर्ज पर निर्भरता में कमी
- गरीबी में आंशिक कमी
2.2 ग्रामीण–कृषि श्रम संतुलन
कृषि मौसम प्रबंधन से खेती के समय श्रमिक उपलब्धता सुधर सकती है, पर गैर-कृषि मजदूरी सीमित होने का जोखिम भी रहेगा।
2.3 ग्रामीण अवसंरचना पर प्रभाव
स्थायी और तकनीकी परिसंपत्तियों से:
- सिंचाई क्षमता बढ़ेगी
- जल संरक्षण मजबूत होगा
- गांवों की उत्पादकता बढ़ेगी
2.4 पलायन पर प्रभाव
यदि योजना प्रभावी रही, तो मौसमी पलायन में कमी संभव है। हालाँकि, योजना आधारित मॉडल इस प्रभाव को सीमित भी कर सकता है।
⚖️ 3. अवसर बनाम जोखिम (Opportunities vs Risks)
| अवसर | जोखिम |
|---|---|
| अधिक कार्यदिवस | रोजगार अधिकार कमजोर |
| साप्ताहिक भुगतान | राज्य वित्तीय दबाव |
| स्थायी अवसंरचना | डिजिटल बहिष्करण |
| तकनीकी रोजगार | कर्मी असुरक्षा |
🧪 4. परीक्षा के लिए Golden Points (Very Important)
- VB-G RAM G = योजना आधारित ग्रामीण रोजगार मिशन
- कार्यदिवस: 100 → 125
- वित्त पोषण: केंद्र–राज्य (60:40)
- भुगतान: साप्ताहिक
- कृषि मौसम के अनुसार कार्य समायोजन
- कर्मी हटाए नहीं जाएंगे, पुनः तैनाती होगी
- नियमितीकरण: राज्य सरकार का विषय
“VB-G RAM G मनरेगा का नया, योजना-आधारित स्वरूप है, जो रोजगार, आजीविका और ग्रामीण अवसंरचना को एकीकृत करता है, पर इसकी सफलता राज्यों की क्षमता और मानव संसाधन प्रबंधन पर निर्भर करेगी।”
🧠 5. अंतिम निष्कर्ष (Final Conclusion)
मनरेगा से VB-G RAM G तक की यात्रा भारत की ग्रामीण रोजगार नीति में एक ऐतिहासिक मोड़ है। यह परिवर्तन केवल योजना का नहीं, बल्कि ग्रामीण शासन व्यवस्था का पुनर्गठन है।
यदि:
- रोजगार गारंटी की आत्मा सुरक्षित रही
- राज्यों को पर्याप्त संसाधन मिले
- मनरेगा कर्मियों को सुरक्षा और प्रशिक्षण मिला
तो VB-G RAM G ग्रामीण भारत को मजदूरी से आजीविका की ओर ले जाने वाला मॉडल बन सकता है।
अन्यथा, यह बदलाव केवल संरचनात्मक सुधार बनकर रह जाएगा, जिसका लाभ सीमित वर्ग तक ही पहुँचेगा।
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