Arrival of Europeans in India | यूरोपियों का भारत आगमन | Full History for Exams
यूरोपियों का भारत आगमन — Part I (Long Version)
विषय: पुर्तगाली, डच, फ्रांसीसी, अंग्रेज — आगमन, उद्देश्य, रणनीति व प्रारम्भिक प्रभाव (Exam-Oriented, विस्तृत)
प्रस्तावना — एक वैश्विक परिदृश्य
15वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में विश्व का भू-राजनीतिक नक्शा बदलने लगा। यूरोप में राजतंत्रीय राज्यों का उभार, पुनर्जागरण के बाद ज्ञान व तकनीक में वृद्धि, और ओटोमन साम्राज्य का प्राकृतिक व्यापारिक मार्गों पर वर्चस्व — ये सभी परिस्थितियाँ मिलकर नए समुद्री मार्गों की तलाश को अनिवार्य कर गयीं। यूरोपीय समाजों की भाषा में कहा जाए तो यह "खोलो नए मार्ग — खोजो नया धन" की अवधि थी। भारत — अपने समृद्ध भण्डारों (मसाले, वस्त्र, रेशम, धन) के कारण — इस खोज का प्रमुख लक्ष्य था।
यूरोपीय आगमन को समझने के लिए जरूरी है कि हम आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक और तकनीकी कारणों को अलग-अलग परखें — क्योंकि ये सभी आपस में जुड़े हुए थे और बाद की नीतियों तथा व्यवहारों को नियंत्रित करते रहे।
I. आने के कारण — गहराई से
1. आर्थिक प्रलोभन: मसाले, वस्त्र और धन-प्रवाह
मध्ययुगीन एवं प्रारम्भिक आधुनिक यूरोप में मसालों का उपयोग सिर्फ स्वाद के लिए नहीं था; ये दवाइयों, संरक्षण (preservation), सुगंध, और सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़े थे। मसाले की उच्च कीमतें और सीमित स्रोत (दक्षिण भारत, मलक्का आदी) ने इसे एक ऐसा वस्तु बना दिया जिसका सीधा स्रोत हासिल करना आर्थिक रूप से निर्णायक था। साथ ही भारत का सूती और रेशमी वस्त्र उद्योग यूरोप में बहुत सम्मानित था — मल्टीफाइबर आदानों-प्रदान (textile trade) ने भारी धन उगाह लिया।
2. राजनीतिक कारण — ओटोमन प्रभाव और साम्राज्यवादी आकांक्षा
1453 में कॉन्स्टेंटिनोपल के पतन के बाद ओटोमन तुर्कों ने यूनानी-रोमन मार्गों तथा बाल्कन/एशिया-माइनर व्यापारिक मार्गों पर प्रभुत्व स्थापित किया। इससे पश्चिमी यूरोप के लिए पारंपरिक भूमि मार्ग अविश्वसनीय रूप से महँगा और असुरक्षित हो गया। दूसरी ओर पुर्तगाल, स्पेन जैसे देशों में नव-उदित राजतंत्र आर्थिक व सामरिक प्रभुत्व चाहते थे — समुद्री मार्ग खोज कर वह इसे हासिल कर सकते थे। स्पेन और पुर्तगाल के बीच ऊर्ध्वाधिकार निर्धारण के लिए 1494 में टॉरडेसिल्हास की संधि ने वैश्विक हिस्सेदारी बाँटी — और भारत पुर्तगाल के प्रभावक्षेत्र में आया।
3. धार्मिक प्रक्षेपण — मिशनरी प्रेरणा
ईसाई धर्म प्रचार (conversion) यूरोप के कई राजाओं और चर्च के लिए एक वैध कारण था। स्पेनी-पुर्तगाली दण्डनों में धार्मिक मिशनरी के साथ औपनिवेशिक और वाणिज्यिक पहल मिलीं। यह विचार कि “अविश्वासियों” को ईसाई बनाना धर्मनिरपेक्ष उद्देश्यों के साथ-साथ राजनीतिक नियंत्रण का भी रास्ता खोलता है, बाद में कई नीतियों के बहाने बन गया।
4. तकनीकी प्रगति — नेविगेशन और जहाज़-निर्माण
कम्पास, एस्ट्रोलैब, नई प्रकार की पाल-व्यवस्थाएँ और कैरावल/कैरैक जैसे जहाज़ों का विकास लम्बी समुद्री यात्राओं को संभव बनाता है। कार्टोग्राफी और नेविगेशनल ज्ञान ने समुद्री मार्गों को मैप किया और समुद्री व्यापार को व्यवहार्य बनाया।
II. पुर्तगाल — प्रारम्भिक विजय और समुद्री-एकाधिकार
1. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
पुर्तगाल मध्य-पश्चिम यूरोप का एक छोटा-सा समुद्री राष्ट्र था, जिसकी सीमित भूमि-शक्ति को पूरक करने के लिए समुद्री शक्ति में निवेश अनिवार्य था। प्रिंस हेनरी “द नेविगेटर” ने अफ्रीकी तट की खोजों को प्रोत्साहन दिया; 15वीं शताब्दी के अंत तक पुर्तगाल समुद्री खोज में अग्रणी हुआ।
2. वास्को-दा-गामा (1497–1498)
वास्को-दा-गामा की यात्रा ने अफ्रीका के दक्षिणी सिरे से होकर भारत तक का समुद्री मार्ग स्थापित किया। 20 मई 1498 को कालीकट पहुँचने के साथ-साथ यूरोप से भारत तक सीधे समुद्री व्यापार संभव हुआ — एक ऐतिहासिक मोड़।
3. अल्फांसो डी अल्बुकर्क और गोवा
अल्फांसो डी अल्बुकर्क को भारत में पुर्तगाली साम्राज्य का निर्माता कहा जाता है। 1510 में गोवा पर कब्ज़ा और 1511 में मलक्का पर आक्रमण उसकी महत्वूपर्ण उपलब्धियाँ रहीं। अल्बुकर्क की नीति समुद्री-एकाधिकार और किला-निर्माण पर आधारित थी।
4. पुर्तगाली व्यापारिक-प्रशासनिक मॉडल
पुर्तगालियों ने फैक्ट्रियाँ (factories) और किले बनाकर समुद्री मार्ग व बंदरगाहों पर नियंत्रण रखा। उनका मॉडल छोटे लेकिन शक्तिशाली समुद्री बल, तटीय किला-नियंत्रण और व्यापारिक एकाधिकार पर टिका था। परंतु सीमित संसाधन, भ्रष्टाचार और नए यूरोपीय प्रतिस्पर्धियों के कारण यह मॉडल दीर्घकालिक रूप से विफल रहा।
5. स्थानीय प्रभाव और प्रतिक्रिया
पुर्तगालियों के आगमन से स्थानीय व्यापारिक नेटवर्क, मेटलिक मुद्रा का प्रवाह और कुछ क्षेत्रों में सामाजिक-धार्मिक परिवर्तन हुआ। गोवा में पुर्तगाली संस्कृति और कैथोलिक मिशनरी गतिविधियों का प्रभाव दीर्घकालिक रहा।
III. डच (VOC) — कारोबार की शक्ति
1. VOC की स्थापना (1602)
Vereenigde Oostindische Compagnie (VOC) 1602 में स्थापित हुई — वह एक राज्य-समर्थित वाणिज्यिक निकाय थी जिसे सैन्य शक्ति, संधि-संज्ञान और आर्थिक विशेषाधिकार प्राप्त थे। VOC के पास व्यापारिक और राजनीतिक दोनों तरह के अधिकार थे, जो उसे आधुनिक बहुराष्ट्रीय कंपनी जैसा बनाते थे।
2. भारत में डच नीति और केंद्र
डचों ने मुख्यतः इंडोनेशिया को प्राथमिकता दी पर भारत में भी पुलिकट, मसुलीपट्टनम, कोच्चि और चिनसूरा जैसे केंद्र बनाए। उनकी नीति थी—स्थानीय शक्तियों से समझौता करना, समुद्री मार्गों की सुरक्षा और मसाला व्यापार पर नियंत्रण।
3. डच-पुर्तगाल टकराव और अम्बोइना घटना
डचों ने 17वीं सदी में पुर्तगालियों को अनेक स्थानों से हटाया। पर 1623 की अम्बोइना घटना ने अंग्रेजों के साथ उनके सम्बन्धों में दरार डाल दी।
4. डचों का सापेक्ष पतन (भारत में)
डचों का भारत में प्रभाव 18वीं सदी के मध्य से घटने लगा—VOC के आर्थिक बोझ, अंग्रेजों की बढ़ती शक्ति और डच प्राथमिकताओं का इंडोनेशिया पर झुकाव इसके मुख्य कारण थे।
IV. फ्रांसीसी — समकक्ष चुनौती
1. French East India Company (1664)
जाँ-बैप्टिस्ट कोलबर्ट के संरक्षण में 1664 में French East India Company बनी। फ्रांस ने पॉण्डिचेरी, चंद्रनगर, माहे तथा करैकल में वाणिज्यिक-सैन्य ठिकाने बनाए और अंग्रेजों के विरुद्ध एक चुनौती प्रस्तुत की।
2. फ्रांसीसी रणनीति
फ्रांसीसी नीति स्थानीय शासकों के साथ सैन्य गठजोड़, कूटनीति और निर्णायक हस्तक्षेप पर टिकी थी। डूप्ले (Dupliex) जैसे कमांडरों ने दक्षिण भारत की राजनीति में सक्रिय हस्तक्षेप कर के अंग्रेजों को चुनौती दी।
3. फ्रांसीसी सीमाएँ और प्रभाव
यूरोप में फ्रांस के युद्धों, संसाधनों की कमी और अंग्रेजों की क्लिष्ट नौसैनिक शक्ति के कारण फ्रांस की भारत में दीर्घकालिक राजनीतिक महत्वाकांक्षा सीमित रही; वह अन्यों के मुकाबले व्यापार तक अधिक सीमित रह गया।
V. अंग्रेज (British) — व्यापार से शासन तक
1. East India Company (1600) का चार्टर
24 दिसंबर 1600 को इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी को चार्टर मिला। प्रारम्भिक उद्देश्य था—एशिया के साथ व्यापार करना। परन्तु कंपनी को मिलने वाले अधिकार समय के साथ व्यापक हुए और वह केवल वाणिज्यिक संस्था से अधिक राजनीतिक शक्ति बन गयी।
2. शुरुआती फैक्ट्रियाँ और किले
- 1613 — सूरत में पहली फैक्ट्री
- 1639 — मद्रास (Fort St. George)
- 1668/1687 — बंबई का अधिग्रहण (पुर्तगाली दहेज आदि के माध्यम से)
- 1690 — कलकत्ता (Fort William)
3. व्यापारिक-सैन्य मिश्रण व राजनीतिक हस्तक्षेप
अंग्रेजों ने व्यापार की रक्षा हेतु किले, सेना और नौसेना विकसित की। फैक्ट्री-गवर्नर स्थानीय कूटनीति में सक्रिय हो गए और समय के साथ Company ने राजनैतिक दख़ल शुरू कर दिया।
4. अंग्रेजों की सफलता के कारण
- संगठित तथा पूँजी-समर्थित कंपनी संरचना
- मजबूत नौसेना और सैन्य तकनीक
- स्थानीय विभाजन (Divide-and-Rule) का कुशल प्रयोग
- फ्रांस के साथ निरन्तर प्रतिस्पर्धा और ब्रिटिश संसाधनों का लाभ
5. व्यापार से शासन तक — संक्रमण
अंग्रेजों की रणनीति ने पहले आर्थिक प्रभुत्व स्थापित किया, फिर राजस्व व प्रशासन में दख़ल बढ़ाया और आखिर में सैन्य तथा कूटनीतिक विजय के बाद दीर्घकालिक शासन बनाए। प्लासी (1757) और बक्सर (1764) जैसी घटनाओं ने इस संक्रमण को निर्णायक रूप दिया।
VI. स्थानीय प्रतिक्रियाएँ — सहयोग, विरोध और अनुकूलन
यूरोपीयों के आगमन पर भारतीय उपमहाद्वीप की प्रतिक्रियाएँ विविध रहीं—कई भागों में सहयोग देखा गया जबकि अन्य स्थानों पर सशस्त्र संघर्ष और प्रतिरोध हुआ।
1. प्रारम्भिक सहयोग
स्थानीय व्यापारी परिवार (जैसे बंगाल के जगत सेठ), कुछ नवाब और छोटे-मध्यम शासक यूरोपीयों के साथ गठजोड़ कर लाभ उठाने लगे। विदेशी वस्तुओं तक पहुँच, धन और हथियारों के आदान-प्रदान से उन्हें प्रारम्भिक लाभ मिला।
2. संघर्ष व विद्रोह
जहाँ यूरोपीयों के हस्तक्षेप से सत्ता और आर्थिक स्वायत्तता प्रभावित हुई, वहाँ टकराव और विद्रोह भी हुए। कुछ मुख्य प्रतिरोधकारी व्यक्तित्वों में टीपू सुल्तान, सिराजुद्दौला जैसे शासक प्रमुख थे।
3. सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतिक्रिया
मिशनरियों की गतिविधियाँ, अंग्रेजी शिक्षा व प्रशासनिक मानदण्डों ने समाज पर प्रभाव डाला। कुछ वर्गों ने इन्हें स्वीकार किया, पर कई समाजों ने धार्मिक और सांस्कृतिक हस्तक्षेप को खतरा समझा और विरोध किया।
VII. शिपिंग, टेक्नोलॉजी और प्रतियोगिता
1. जहाज़ और युद्ध-तकनीक
कैरावल, कैरैक जैसे जहाज़ों की क्षमता, तोपखाने और नौसैनिक रणनीति ने समुद्री युद्धों में यूरोपीयों को लाभ दिलाया। तटवर्ती किलेबंदी और बंदरगाह नियंत्रण ने सैन्य एवं व्यापारिक प्राथमिकता तय की।
2. नक्शानवीसी (Cartography) और नेविगेशन
सटीक नक्शे, एस्ट्रोलैब और कम्पास ने समुद्री यात्राएँ सुरक्षित और अधिक नियमित कीं। स्थानीय नाविक-गाइड (pilots) के साथ मिलकर यूरोपीय जहाज़ी दलों ने नई-नई जानकारी संकलित की।
3. रसद और समुद्री स्वास्थ्य
लंबी यात्राओं के दौरान रसद प्रबंधन, fresh water, भोजन और स्कर्वी की रोकथाम के तरीकों ने सफलता का विकल्प बनाया। बड़े-राज्यीय संसाधन ने इन लॉजिस्टिक चुनौतियों को संभाला।
VIII. तुलनात्मक विश्लेषण — चारों शक्तियाँ
| पहलू | पुर्तगाल | डच (VOC) | फ्रांस | अंग्रेज (EIC) |
|---|---|---|---|---|
| प्रारम्भिक आगमन | 1498 | 1600s | 1664 | 1600 |
| प्रमुख लक्ष्य | मसाला एकाधिकार | मसाले/कपड़ा | व्यापार+राजनीति | व्यापार→राजनीति |
| रणनीति | किले+बंदरगाह | कॉर्पोरेट-नियंत्रण | सैन्य गठजोड़ | फैक्ट्री→फोर्ट→दीवानी |
| दीर्घकालिक प्रभाव | सांस्कृतिक (गोवा) | सीमित | सीमित-व्यापार | भारत पर शासन |
IX. उपसंहार — Part-1 का सार
पुर्तगाल, डच, फ्रांसीसी और अंग्रेज़ — इन चारों शक्तियों के आगमन ने भारत के इतिहास में एक नया अध्याय खोला। प्रारम्भिक उद्देश्यों में समानता थी (धन, मसाले, व्यापार), पर रणनीतियाँ, संसाधन और दीर्घकालिक नीतियाँ भिन्न रहीं। पुर्तगालियों ने पहला प्रभाव छोड़ा, डचों ने कॉर्पोरेट-वाणिज्य की नई परिभाषा दी, फ्रांसीसियों ने राजनीतिक हस्तक्षेप का मॉडल दिखाया और अंग्रेजों ने वह रणनीति अपनायी जो अंततः पूरे उपमहाद्वीप पर शासन में बदल गयी।
Exam-Oriented Key Points & Quick Revision
- VASCO DA GAMA (1498) — समुद्री मार्ग की पहचान।
- ALBUQUERQUE (1510) — गोवा का अधिग्रहण, पुर्तगाली नीति।
- VOC (1602) — पहला बड़ा राज्य-समर्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी।
- FRENCH EAST INDIA COMPANY (1664) — दक्षिण भारत में फ्रांसीसी हस्तक्षेप।
- EIC (1600) — फैक्ट्री से शासन तक का संक्रमण।
- पुर्तगाल का पतन → डच/अंग्रेज/फ्रांस का उभार।
- अंग्रेजों की सफलता के प्रमुख कारण: नौसेना, पूँजी, डिवाइड-एंड-रुल, स्थानीय गठजोड़।
संदर्भ / आगे पढ़ें (संक्षेप)
- John Keay — The Honourable Company: A History of the English East India Company
- William Dalrymple — The Anarchy (recommended for narrative context)
- Robert Clive correspondence and Warren Hastings dispatches (primary sources)
- David Ludden — India and South Asia: A Short History
Part-2 — भारत में यूरोपीय व्यापारिक फैक्ट्रियाँ (Trading Factories in India)
Exam-Oriented • Long Version
यह लेख यूरोपियों की फैक्ट्रियों (factories/factors/forts) का परीक्षा-उपयोगी एवं संदर्भोन्मुख विवेचन है — इतिहास, संरचना, भूमिका तथा फैक्ट्री से प्रशासन तक के संक्रमण का विश्लेषण।
Table of Contents
- प्रस्तावना
- फैक्ट्रियों की प्रमुख विशेषताएँ
- पुर्तगालियों की फैक्ट्रियाँ
- डच (VOC) की फैक्ट्रियाँ
- फ्रांसीसी फैक्ट्रियाँ
- अंग्रेज़ (EIC) की फैक्ट्रियाँ
- फैक्ट्री → शक्ति: संक्रमण का चरण
- तुलनात्मक विश्लेषण
- आर्थिक-सामाजिक प्रभाव (संक्षेप)
- Exam-Tips & Quick Revision
- संदर्भ / आगे पढ़ें
प्रस्तावना
यूरोपीयों के आने के साथ ही भारत के किन्हीं बंदरगाहों पर छोटे-बड़े वाणिज्यिक केन्द्र स्थापित हुए जिन्हें यूरोपीय दस्तावेज़ों में factories कहा गया। यहाँ 'फैक्ट्री' का अर्थ आधुनिक अर्थ के अनुसार किसी उत्पादन इकाई से नहीं, बल्कि ट्रैडिंग-हाउस, गोदाम और कारक-दफ्तर (factor's office) से है।
फैक्ट्रियाँ शुरुआती व्यापारिक आवश्यकताओं (स्टोरेज, लेन-देन, लेखांकन, स्थानीय कंट्रैक्टिंग) को पूरा करती रहीं और बाद में वे सैन्य-राजनीतिक केन्द्रों में बदल गईं। यह भाग उन प्रमुख फैक्ट्रियों, उनके कामकाज और दीर्घकालिक प्रभाव का विस्तृत विवेचन देता है।
फैक्ट्रियों की प्रमुख विशेषताएँ (Key Features)
- गोदाम (Warehouses): मसाले, कपड़ा, रेशम, नील आदि का भंडारण।
- लिखित रिकॉर्ड / लेखा कार्यालय: व्यापर के हिसाब-किताब, बिल ऑफ़ लैडिंग, अनुबंध आदि रखें जाते थे।
- वाहक और एजेंट्स का नेटवर्क: स्थानीय फॉरवर्डर, नाविक और दलाल (brokers) फैक्ट्री से संबद्ध होते थे।
- सुरक्षा व किला-बंदी: छोटी गार्ड, बाद में तोपू और किले (Fort St. George, Fort William) का निर्माण।
- कूटनीतिक कामकाज: स्थानीय शासकों से समझौते, पासपोर्ट/दस्तक का प्रावधान और कानूनी विवादों का निपटान।
- लॉजिस्टिक-हब: जहाज़ों की लोडिंग-अनलोडिंग, मरम्मत और रसद।
नोट: फैक्ट्रियाँ प्रारम्भ में शुद्ध वाणिज्यिक थीं; किन्तु सुरक्षा, राजस्व व स्थानीय राजनीति के कारण समय के साथ उनका स्वरूप बदल गया।
पुर्तगालियों की प्रमुख फैक्ट्रियाँ (Portuguese Factories)
पृष्ठभूमि
पुर्तगाल सबसे पहले आया (वास्को-दा-गामा 1498)। प्रारम्भिक उपाय—विशेष बंदरगाहों पर फैक्ट्री/कैन्टीन खोलना और समुद्री मार्गों पर नियंत्रण—उनकी नीति का केन्द्र था।
प्रमुख केंद्र और विवरण
- कालीकट (Calicut): वास्को-दा-गामा का पहला संपर्क-बिंदु। प्रारम्भिक फैक्ट्री, मुदा स्थानीय झमेला और ज़मोरिन से विवाद के कारण स्थायित्व सीमित रहा।
- कोच्चि (Cochin): पुर्तगालियों का प्रारम्भिक और मजबूत व्यापारिक केंद्र; स्थानीय राजघराने से गठजोड़ ने इसे लाभदायक बनाया।
- गोवा (Goa) — 1510: अल्बुकर्क के द्वारा कब्ज़ा; प्रशासनिक तथा मिशनरी केन्द्र। गोवा फैक्ट्री से प्रशासनिक नेटवर्क चला और оно पुर्तगाली शासन की राजधानी बन गया।
- दीव तथा दमन: पश्चिमी तट पर सामरिक तथा व्यापारिक ठिकाने।
- होगली (Hooghly): बंगाल में पुर्तगाली वाणिज्यिक गतिविधि का प्रारम्भिक केन्द्र; बाद में मुगल नीतियों के कारण दबाव पड़ा।
कार्य व संगठन
पुर्तगाली फैक्ट्रियाँ बंदरगाह सुरक्षा, माल भण्डारण, स्थानीय दलालों के साथ कैशलेस और नक़्दी आदान-प्रदान आदि संपन्न करती थीं। प्रशासनिक नियंत्रण गोवा से संचालित रहता था और मिसनरी गतिविधियों का समन्वय यहीं से होता था।
महत्व (Exam-Points)
- भारत में पहला यूरोपीय वाणिज्यिक नेटवर्क स्थापित किया।
- गोवा फैक्ट्री ने राजनीतिक नियंत्रण एवं धार्मिक रूपांतरण को बढ़ावा दिया।
- स्थायी किलेबंदी तथा समुद्री सुरक्षा पति (naval bases) की शुरुआत।
डच (VOC) की फैक्ट्रियाँ (Dutch Trading Factories)
VOC का परिचय
Vereenigde Oostindische Compagnie (VOC, 1602) राज्य-समर्थित वाणिज्यिक संगठन था। उसके पास सैन्य तथा राजनीतिक अधिकार भी थे — इसलिए उसकी फैक्ट्रियाँ व्यापार के साथ-साथ सामरिक आधार भी थीं।
मुख्य फैक्ट्रियाँ और उनके उपयोग
- पुलिकट (Pulicat): दक्षिण भारत का प्रमुख कार्गो-हब; कपड़ा व्यापार केंद्र।
- मसुलीपट्टनम (Masulipatnam): Coromandel तट पर विशाल फैक्ट्री; कारीगरों के साथ संबंध।
- कोच्चि (Cochin, 1663): पुर्तगालियों से लिया गया; मसाला व रेशम का केंद्र।
- चिनसूरा (Chinsurah, Bengal): रेशम और नील के व्यापार का केन्द्र; बंगाल की आर्थिक समृद्धि में योगदान।
- सूरत: गुजरात में व्यापारिक गठजोड़ का स्थल; डच, अंग्रेज, पुर्तगाली समसामयिक रूप से सक्रिय रहे।
डच फैक्ट्रियों की कार्यप्रणाली
डच फैक्ट्रियाँ स्थानीय कारीगरों से सीधे अनुबंध करतीं (piece-rate), माल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देतीं और यूरोपीय बाजार के अनुरूप माल तैयार करातीं। उनका नेटवर्क इंडोनेशिया तथा जापान तक फैला हुआ था — इसलिए भारत की फैक्ट्रियाँ वैश्विक सप्लाई-चेन का हिस्सा थीं।
महत्व और अंतर्निहित बल
- VOC की वित्तीय शक्ति ने फैक्ट्रियों को लंबे समय तक चलने योग्य बनाया।
- डचों ने स्थानीय कारीगर वर्ग के साथ प्रतिस्पर्धी अनुबंध बनाए—जिससे गुणवत्तायुक्त वस्त्र यूरोप पहुँचे।
- हालाँकि VOC का भारतीय प्राथमिक फोकस सीमित रहा, पर उसकी फैक्ट्रियाँ व्यावसायिक दक्षता का उदाहरण रहीं।
फ्रांसीसी फैक्ट्रियाँ (French Trading Centers)
संक्षेप पृष्ठभूमि
फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी (1664) ने वाणिज्यिक तथा सामरिक दोनों हितों के कारण भारत में फैक्ट्रियाँ स्थापित कीं। फ्रांसीसी फैक्ट्रियाँ ब्रिटिश प्रतिस्पर्धा के जवाब में सक्रिय रहीं और अक्सर स्थानीय शक्ति-राजनीति में हस्तक्षेप करतीं।
प्रमुख फैक्ट्रियाँ
- पॉण्डिचेरी (Pondicherry): फ्रांसीसी मुख्यालय और रणनीतिक केंद्र; दक्षिण भारत में उनके कूटनीतिक संचालन यहीं से हुए।
- चंद्रनगर (Chandernagore): हुगली क्षेत्र में वाणिज्यिक केंद्र; बंगाल व्यापार से जुड़ा।
- यानाोन (Yanam), माहे (Mahe), करैकल (Karikal): छोटे पर गुणात्मक व्यापारिक केन्द्र जो स्थानीय राजनीति में फ्रांसीसी प्रभाव बनाए रखने के लिए उपयोग हुए।
व्यवहार और रणनीति
फ्रांसीसी फैक्ट्रियाँ स्थानीय नवाबों के साथ सैन्य समझौतों और राजनैतिक समर्थन के माध्यम से संबद्ध रहीं—डूप्ले का South India में दखल इसका प्रमुख उदाहरण है।
सीमाएँ
यद्यपि फ़्रांसीसी वातावरणिक रणनीति सशक्त थी, पर यूरोपियन युद्धों और धन-स्रोत सीमाओं ने उनकी फैक्ट्रियों की दीर्घकालिक वृद्धि को सीमित कर दिया।
अंग्रेज़ (EIC) की फैक्ट्रियाँ — नेटवर्क और प्रशासन
प्रारम्भिक उद्देश्य
ईस्ट इंडिया कंपनी की प्राथमिकता वाणिज्य थी; पर उसने फैक्ट्रियों को सुरक्षा-केंद्रों, प्रशासनिक हबों और बाद में राजस्व-मंडल के रूप में विकसित कर लिया।
मुख्य अंग्रेजी फैक्ट्रियाँ और विशेषताएँ
- सूरत (1613): पहली अंग्रेजी फैक्ट्री; जहाँगीर के समय प्राप्त अनुमति के साथ स्थापित।
- मद्रास (1639 — Fort St. George): दक्षिण भारत का प्रमुख अंग्रेजीकेंद्र; व्यापार के साथ सैन्य स्थापना।
- बंबई (Bombay): पुर्तगाली दहेज़ के माध्यम से इंग्लैंड को मिला; बाद में महत्व बढ़ा और नौसैनिक अरब का केन्द्र बना।
- कलकत्ता (1690 — Fort William): पूर्वी भारत का मुख्यालय; बंगाल व्यापार और राजस्व कलेक्शन का केन्द्र।
- पटना, ढाका, बालासोर आदि: इन फैक्ट्रियों ने अंदरूनी व्यापार, सिक्का प्रणाली, कर वसूली तथा भर्ती कार्यों को संभाला।
EIC के फैक्ट्रियों का संगठनात्मक स्वरूप
हर फैक्ट्री में एक factor (सहकारी एजेंट) तथा कुछ व्यापारिक कर्मचारियों के साथ-साथ स्थानीय दलाल और सुरक्षाबल रहते थे। समय के साथ फैक्ट्री का स्तर बढ़कर factory + fort + trading house + administrative office बन गया।
फैक्ट्रियों के माध्यम से राजनीतिक हस्तक्षेप
फैक्ट्रियों ने अंग्रेज़ों को स्थानीय राजाओं के साथ गठजोड़ करने, भर्ती तथा सैन्य प्रशिक्षण करने तथा अंततः स्थानीय रियासतों के मामलों में दख़ल देने का प्लेटफ़ॉर्म दिया। प्लासी तथा बक्सर के सिलसिले इसी संक्रमण के परिणाम थे।
फैक्ट्री → शक्ति: संक्रमण का चरण (How Factories Became Political Bases)
कारण
- सुरक्षा की ज़रूरत: धन व माल सुरक्षा हेतु हथियार और सैनिक आवश्यक हुए।
- राजस्व भूख: स्थानीय राजस्व के नियंत्रण से कंपनी की आय में वृद्धि हुई।
- स्थानीय राजनीति में भागीदारी: उत्तराधिकार विवादों में हस्तक्षेप से कंपनी को राजनैतिक लाभ हुआ।
- लॉजिस्टिक व प्रशासन: फैक्ट्री के पास स्थायी कार्यालय व कर्मचारी रहे—ये धीरे-धीरे प्रशासनिक मशीन बन गए।
प्रक्रिया (Stages)
- व्यापारिक फैक्ट्री (storage & exchange)
- किला-बंदी / सुरक्षा (fortification)
- स्थायी अधिकारी व न्यायिक प्रभार (administrative offices)
- स्थानीय शासकों में हस्तक्षेप (political intervention)
- सैन्य विजय और दीर्घकालिक शासन (territorial control)
प्रसंग: प्लासी तथा आर्कोट
प्लासी की साजिशें, आर्कोट घटनाएँ और कर्नाटक युद्ध इस संक्रमण के क्लासिक उदाहरण हैं—जहाँ फैक्ट्री-आधारित अधिकारी राजनीतिक निर्णयों, गठजोड़ों और युद्धों में निर्णायक भूमिका निभाते दिखे।
तुलनात्मक विश्लेषण — फैक्ट्री नेटवर्क (Comparative)
| शक्ति | प्रमुख फैक्ट्री/फोर्ट | मुख्य व्यापार | व्यवहारिक ताकत |
|---|---|---|---|
| पुर्तगाल | गोवा, कोच्चि, दमन, दीव | मसाले, मछली, रत्न | पहला आगमन, समुद्री किले |
| डच (VOC) | पुलिकट, मसुलीपट्टनम, चिनसूरा | कपड़ा, मसाला, नील | कॉरपोरेट संसाधन, वैश्विक नेटवर्क |
| फ्रांस | पॉण्डिचेरी, चंद्रनगर, माहे | कपड़ा, रेशम | सैन्य-कूटनीति, स्थानीय गठजोड़ |
| अंग्रेज (EIC) | सूरत, मद्रास, बंबई, कलकत्ता | कपड़ा, मसाला, नील, अफीम* | व्यापार+सैन्य+राजनीति संयोजन |
*अफीम बाद में चीन व्यापार हेतु महत्वपूर्ण हुआ।
आर्थिक-सामाजिक प्रभाव (संक्षेप)
1. अर्थव्यवस्था
फैक्ट्रियों ने भारत को वैश्विक व्यापार-चक्र से जोड़ा परन्तु निर्यात-निरपेक्ष नीतियों और बाद के बार के राजस्व-उत्सर्जन ने स्थानीय उद्योगों को आघात पहुँचाया।
2. श्रम व कारीगर
फैक्ट्रियों ने स्थानीय कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय माँग के अनुरूप उत्पादन कराया—कई बार यह कारीगरों के लाभ के साथ-साथ शोषण का माध्यम भी बना (piece-rate, quality demand)।
3. राजनीति
फैक्ट्रियाँ अंततः राजनीतिक हस्तक्षेप और सैन्य विस्तारण की जनक बनीं — जिसके परिणामस्वरूप Company शासन की नींव पड़ी।
4. सामाजिक
नए सुविधाएँ (डाक, टैलीग्राफ, रोड़) फैक्ट्री नेटवर्क के लिये विकसित हुईं, पर उनके उपयोग का लाभ अधिकांशतः यूरोपीय व्यापारिक हितों को मिला।
Exam-Tips & Quick Revision
- फैक्ट्री = trading house + warehouse + factor's office (not modern factory)
- गोवा (1510) — पुर्तगाली प्रशासनिक हब; Fortified base.
- VOC (1602) — कॉरपोरेट-राज्य मॉडल; Pulicat, Masulipatnam, Chinsurah।
- Pondicherry — French HQ in South India; used for political intervention.
- Fort St. George (Madras) and Fort William (Calcutta) — critical English forts evolved from factories.
- Stages: trade → fortification → administration → political intervention → territorial control.
- Write short notes on: (a) Role of factories in Plassey, (b) VOC trade methods, (c) French & British rivalry in South India.
संदर्भ / आगे पढ़ें
- John Keay — The Honourable Company (EIC history) — background on factories → administration.
- Primary sources: VOC records (Dutch East India Company) — factors' correspondence.
- William Dalrymple — The Anarchy (for 18th century Bengal context)
- David Ludden — India and South Asia: A Short History
- Regional case studies: Pulicat & Pondicherry archival studies (for local factory operations)
Part-3 — कार्नाटक युद्ध (Carnatic Wars)
Exam-Oriented • Long Version
यह लेख 1740–1763 के कार्नाटक युद्धों का विस्तृत, एग्ज़ाम-फ्रेंडली विश्लेषण प्रस्तुत करता है — कारण, प्रमुख घटनाएँ, नेता, परिणाम और परीक्षा में लिखने के सुझाव।
Table of Contents
- प्रस्तावना
- कारण (Causes)
- कार्नाटक युद्धों का सिंहावलोकन — तीन युद्ध
- प्रथम कार्नाटक युद्ध (1746–1748)
- द्वितीय कार्नाटक युद्ध (1749–1754)
- तृतीय कार्नाटक युद्ध (1756–1763)
- महत्ता (Significance)
- संक्षिप्त टाइमलाइन
- Exam-Tips: Answer Writing
- संदर्भ / आगे पढ़ें
प्रस्तावना
कार्नाटक युद्ध (Carnatic Wars) दक्षिण भारत में अंग्रेज़ और फ्रांसीसी शक्तियों के बीच 18वीं सदी के मध्य में हुई सशस्त्र तथा राजनीतिक टकराहटों का समूह हैं। ये युद्ध भारत में यूरोपीय प्रभुत्व का निर्धारण करने, तथा बाद में अंग्रेज़ों को राजनीतिक नेतृत्व और विस्तार हेतु मंच देने के लिहाज़ से निर्णायक रहे।
इन युद्धों का जाल केवल यूरोप के साथ सम्बद्ध नहीं था — मुगल साम्राज्य के क्षय, क्षेत्रीय उत्तराधिकार विवाद, मराठा हस्तक्षेप और स्थानीय राजनैतिक परिदृश्य ने भी इन टकरावों को निर्णायक रूप दिया।
कारण (Causes of the Carnatic Wars)
1. यूरोपियन पृष्ठभूमि (European Trigger)
ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकार से जुड़े युद्ध और बाद में Seven Years War जैसे यूरोपीय संघर्षों का प्रभाव भारत तक पहुँचा। फ्रांस-ब्रिटेन प्रतिद्वंद्विता ने उनके एशियाई रोचकताओं को युद्ध का रूप दे दिया।
2. मुगल साम्राज्य का क्षय
मुगल प्रभुत्व कमजोर होने से क्षेत्रीय शासकों (नवाब, निज़ाम, मराठा) के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ी, जिससे विदेशी शक्तियों को हस्तक्षेप करने का अवसर मिला।
3. व्यापारिक वर्चस्व
दक्षिण भारत के बंदरगाहों और रेशम-कपड़ा व्यापार पर नियंत्रण के लिये अंग्रेज़ और फ्रांसीसी की टकराहट प्रमुख थी।
4. स्थानीय उत्तराधिकार विवादों में यूरोपीय हस्तक्षेप
हैदराबाद, कर्नाटक आदि के उत्तराधिकार में किसे समर्थन दिया जाए — इस पर दोनों यूरोपीय शक्तियाँ स्थानीय उम्मीदवारों का समर्थन कर रही थीं, जिससे संघर्ष अनिवार्य हुआ।
5. महत्वाकांक्षी नेतृत्व
विशेषकर फ्रांसीसी कार्यपालक डूप्ले (Dupleix) ने दक्षिण भारत में फ्रांसीसी प्रभुत्व स्थापित करने के लिये सक्रिय सैन्य-राजनैतिक नीति अपनायी, जिससे अंग्रेजों के साथ प्रतिद्वंद्विता तीव्र हुई।
कार्नाटक युद्धों का सिंहावलोकन
कार्नाटक युद्ध तीन प्रमुख चरणों में विभाजित हैं:
- प्रथम कार्नाटक युद्ध (1746–1748)
- द्वितीय कार्नाटक युद्ध (1749–1754)
- तृतीय कार्नाटक युद्ध (1756–1763)
प्रत्येक चरण में अलग-अलग राजनीतिक परिदृश्य, नेता और निर्णायक युद्ध शामिल रहे — पर अंतिम नतीजा अंग्रेज़ों की बढ़ती पकड़ रहा।
प्रथम कार्नाटक युद्ध (1746–1748)
पृष्ठभूमि
यूरोप में चल रहे Austrian War of Succession के प्रभाव से फ्रांस और ब्रिटेन के बीच तनाव भारत तक पहुँचा। फ्रांसीसी कमांडर La Bourdonnais और Dupleix ने मद्रास पर हमले की योजना बनाई।
मुख्य घटनाएँ
- मद्रास पर फ्रांसीसी कब्ज़ा (1746): फ्रांसीसी जहाज़ों ने मद्रास पर हमला किया और अस्थायी रूप से इसे कब्ज़ा कर लिया।
- स्थानीय गठबंधनों का खेल: फ्रांसीसी और अंग्रेज दोनों ने स्थानीय शासकों से समर्थन लिया।
परिणाम
Aix-la-Chapelle (1748) संधि के तहत मद्रास अंग्रेजों को वापस कर दी गयी; औपचारिक रूप से विवाद शान्त हुआ — पर यह संघर्षों का प्रारम्भ मात्र था।
द्वितीय कार्नाटक युद्ध (1749–1754)
पृष्ठभूमि
यह युद्ध स्थानीय उत्तराधिकार विवादों से उत्पन्न हुआ — हैदराबाद तथा कर्नाटक के उत्तराधिकार पर फ्रांस और ब्रिटेन ने भिन्न उम्मीदवारों का समर्थन किया।
मुख्य पात्र
- फ्रांस — डूप्ले (Dupleix)
- ब्रिटेन — ईस्ट इंडिया कम्पनी (EIC), स्थानीय अंग्रेज़ अधिकारियों का नेतृत्व
- स्थानीय उम्मीदवार — मुहम्मद अली (Muhammad Ali), चन्दा साहिब (Chanda Sahib) आदि
प्रमुख घटनाएँ और लड़ाइयाँ
- आर्कोट की घेराबंदी (Siege of Arcot, 1751): रॉबर्ट क्लाइव (Robert Clive) के नेतृत्व में अंग्रेज़ बलों ने आर्कोट पर आक्रमण कर इसे सुरक्षित किया — यह अंग्रेज़ों के लिये मनोवैज्ञानिक व रणनीतिक उपलब्धि बनी।
- त्रिचिनापल्ली और अंबुर संघर्ष: द्विपक्षीय सेना-संघर्ष जहाँ दोनों सेनाओं ने स्थानीय गठजोड़ों का सामना किया।
परिणाम
अंग्रेज़ों की स्थिति सुदृढ़ हुई; फ्रांसीसी प्रभाव कमज़ोर हुआ। 1754 की पांडिचेरी संधि ने आंशिक विराम प्रदान किया — पर द्वितीय युद्ध ने यह स्पष्ट कर दिया कि अंग्रेज़ ही दक्षिण भारत में निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में हैं।
तृतीय कार्नाटक युद्ध (1756–1763)
पृष्ठभूमि
यह युद्ध विश्व-स्तरीय Seven Years' War (1756–1763) का एशियाई स्वरूप था — फ्रांस और ब्रिटेन का वैश्विक संघर्ष भारत में भी लड़ा गया।
प्रमुख घटनाएँ
- वांडिवाश की निर्णायक लड़ाई (Battle of Wandiwash, 1760): अंग्रेज़ कमांडर Sir Eyre Coote ने फ्रांसीसी बलों को भारी पराजय दी। यह युद्ध कार्नाटक संघर्षों का निर्णायक मोड़ माना जाता है।
- पांडिचेरी का पतन (1761): अंग्रेज़ों ने पांडिचेरी पर सफल आक्रमण कर फ्रांसीसी मुख्यालय को ध्वस्त किया।
परिणाम
Paris Treaty (1763) के बाद फ्रांस भारत में सीमित वाणिज्यिक केंद्रों तक ही सीमित रहा; उसे किले और सेना रखने की अनुमति नहीं दी गयी। अंग्रेज़ सम्पूर्ण रूप से निर्णायक शक्ति बनकर उभरे।
महत्ता (Significance of Carnatic Wars)
1. अंग्रेज़ों का राजनीतिक उदय
कार्नाटक युद्धों के बाद अंग्रेज़ ईस्ट इंडिया कम्पनी केवल व्यापारिक संस्था न रहकर राजनीतिक सत्ता की दहलीज़ पर पहुँच गई।
2. फ्रांसीसी महत्वाकांक्षा का नाकाम होना
वांडिवाश और पांडिचेरी के पतन ने फ्रेंच नीति को मूलतः व्यापार तक सीमित कर दिया।
3. भारतीय सियासी संरचना पर प्रभाव
युद्धों ने यह सिद्ध किया कि स्थानीय उत्तराधिकार विवादों में किसकी सैन्य-सामरिक सहायता थी, वही लाभ उठा सकता है — इसने विदेशी हस्तक्षेप के दायरे को स्थायी कर दिया।
4. बंगाल पर अंग्रेजी ध्यान
दक्षिण में सफलता के बाद अंग्रेजों का ध्यान बंगाल की समृद्धता पर गया — और यही प्लासी की ओर बढ़ने का मार्ग बना।
संक्षिप्त टाइमलाइन
- 1746 — प्रथम कार्नाटक युद्ध आरम्भ; मद्रास पर फ्रांसीसी आक्रमण
- 1748 — Aix-la-Chapelle संधि (प्रथम युद्ध समाप्त)
- 1749–1754 — द्वितीय कार्नाटक युद्ध; आर्कोट का घेरा (1751)
- 1756–1763 — तृतीय कार्नाटक युद्ध; Seven Years' War का एशियाई चरण
- 1760 — वांडिवाश की निर्णायक लड़ाई
- 1761 — पांडिचेरी का पतन
- 1763 — Paris Treaty — फ्रांस का राजनीतिक व सैनिक प्रभाव सीमित
Exam-Tips: Answer Writing (How to write a crisp answer)
- Intro: संक्षेप में बताइए कि कार्नाटक युद्ध कब और क्यों हुए — यूरोपियन संघर्ष + स्थानीय उत्तराधिकार।
- Body: विभाजन करें — (a) कारण (b) तीन युद्धों का सार (प्रमुख लड़ाइयाँ) (c) परिणाम
- Use names & dates: Dupleix, Robert Clive, Sir Eyre Coote; 1746, 1751, 1760 आदि।
- Include example: आर्कोट (Siege of Arcot) और वांडिवाश (Wandiwash) को बताइए — ये निर्णायक हैं।
- Conclusion: संक्षेप में बताइए कि इन युद्धों ने अंग्रेज़ों को राजनीतिक शक्ति कैसे दी और फ्रांस को सीमित कर दिया।
Model 8-10 line answer (Quick):
कार्नाटक युद्ध (1746–1763) दक्षिण भारत में फ्रांस और ब्रिटेन के बीच हुए तीन युद्धों का समूह हैं। यूरोपियन शक्ति-प्रतिस्पर्धा, स्थानीय उत्तराधिकार विवाद और व्यापारिक वर्चस्व की चाह ने इन्हें जन्म दिया। द्वितीय युद्ध में आर्कोट जैसी सफलताओं और तृतीय युद्ध में वांडिवाश में निर्णायक अंग्रेजी जीत ने फ्रांसीसी महत्वाकांक्षा को पराजित कर दिया। परिणामतः अंग्रेज़ों का भारत में राजनीतिक उदय हुआ और फ्रांस केवल व्यापारिक केन्द्र तक सीमित रहा।
संदर्भ / आगे पढ़ने के सुझाव
- Harold A. Ingram — The Carnatic Wars (scholarly articles)
- Robert Clive correspondence — primary sources for Arcot events
- William Dalrymple — The Anarchy (for 18th century Bengal & background)
- John Keay — The Honourable Company (EIC perspective)
- Regional histories on Pondicherry archives and Dupleix dispatches
Part-4 — प्लासी (1757) और बक्सर (1764)
Exam-Oriented • Long Version • UPSC/PCS Standard
इस भाग में प्लासी और बक्सर के युद्ध का विस्तृत, विश्लेषणात्मक और परीक्षा-उपयोगी विवरण दिया गया है। यह वही चरण है जहाँ से ब्रिटिश सत्ता का वास्तविक उदय प्रारंभ होता है।
Table of Contents
- प्रस्तावना
- पृष्ठभूमि: बंगाल की स्थिति
- प्लासी युद्ध के कारण
- ब्लैक होल ट्रेजेडी
- प्लासी: घटनाएँ और परिणाम
- मीर जाफर → मीर कासिम
- मीर कासिम बनाम अंग्रेज
- बक्सर का युद्ध
- बक्सर के परिणाम
- द्वैध शासन (1765–1772)
- प्लासी vs बक्सर (Exam Table)
- महत्ता
- Exam Writing Tips
- संदर्भ
प्रस्तावना
भारत में ब्रिटिश सत्ता का वास्तविक उदय दो निर्णायक चरणों से होकर गुज़रा — प्लासी 1757 और बक्सर 1764। इन दोनों युद्धों ने भारतीय राजनीति, प्रशासन, अर्थव्यवस्था और शक्ति-संतुलन को मूलतः बदल दिया। प्लासी ने अंग्रेजों को बंगाल पर अनौपचारिक नियंत्रण दिया, जबकि बक्सर ने उन्हें वैधानिक और सैन्य श्रेष्ठता प्रदान की।
पृष्ठभूमि: बंगाल की स्थिति (Before Plassey)
18वीं सदी का बंगाल भारत का सबसे समृद्ध प्रांत था। व्यापार, कृषि, उद्योग और नदी-तंत्र के कारण यहाँ अपार संपदा थी। प्रशासनिक दृष्टि से अपेक्षाकृत स्थिर शासन रहा।
अलीवर्दी खान (1740–1756)
- कुशल शासक
- मराठा आक्रमणों से बंगाल की रक्षा
- अंग्रेजों और फ्रांसीसियों को नियंत्रित रखने का प्रयास
सिराजुद्दौला (1756 से)
युवा, महत्वाकांक्षी, परन्तु अनुभवहीन। उनके समय में अंग्रेजों से तनाव तेजी से बढ़ा।
प्लासी युद्ध के कारण (Causes of Plassey)
1. अंग्रेजों द्वारा कलकत्ता की किलेबंदी
अंग्रेजों ने नवाब की अनुमति के बिना Fort William की किलेबंदी शुरू कर दी — जिसे सिराज ने राजनीतिक चुनौती माना।
2. व्यापारिक दुरुपयोग (Dastak Misuse)
अंग्रेज़ कर-छूट का दुरुपयोग कर बंगाल के व्यापारियों और नवाब की आय को नुकसान पहुँचा रहे थे।
3. सिराज के प्रति इंग्लिश असम्मान
कंपनी अधिकारी सिराज के आदेशों की अनदेखी कर अपने को श्रेष्ठ मानते थे।
4. आंतरिक षड्यंत्र
मीर जाफर, जगत सेठ, राय दुर्लभ, ऊमिचंद आदि सिराज से असंतुष्ट थे। अंग्रेजों ने इन्हें अपनी ओर मिला लिया।
5. कलकत्ता पर सिराज का कब्ज़ा (1756)
इससे अंग्रेज़ क्रोधित हुए और बदला लेने का अवसर तलाशने लगे।
ब्लैक होल ट्रेजेडी (Black Hole Incident)
1756 में कलकत्ता पर कब्ज़े के बाद कुछ अंग्रेज कैदियों को एक छोटे कमरे में बंद किया गया। अंग्रेज़ों ने बाद में इस घटना को बढ़ा-चढ़ा कर प्रचारित किया और युद्ध के लिए नैतिक आधार बनाया। इतिहासकार इसे विवादास्पद मानते हैं।
प्लासी: घटनाएँ और परिणाम
प्लासी युद्ध (23 जून 1757)
स्थान: पलाशी (Plassey), नदिया जिला, बंगाल
मीर जाफर का विश्वासघात
प्लासी युद्ध का परिणाम युद्ध-कौशल पर नहीं बल्कि राजनीतिक विश्वासघात पर आधारित था। मीर जाफर और अन्य सेनापतियों ने लड़ाई में भाग नहीं लिया।
अंग्रेजों की रणनीति
- सिराज के विरोधियों को गुप्त आश्वासन
- सैन्य संख्या कम होने पर भी मनोवैज्ञानिक युद्ध
- कुशल नेतृत्व — रॉबर्ट क्लाइव
परिणाम
- मीर जाफर नवाब घोषित
- अंग्रेजों को भारी धनराशि (लगभग 1.7 करोड़)
- व्यापारिक अधिकारों का विस्तार
- अंग्रेज बंगाल के “Kingmakers” बन गए
मीर जाफर → मीर कासिम (1760)
मीर जाफर लगातार अंग्रेजों की मांगें पूरी नहीं कर पाया। कंपनी ने उसे हटाकर उसके दामाद मीर कासिम को नवाब बनाया।
मीर कासिम के सुधार
- पूंजी मजबूत करने हेतु मुंगेर को राजधानी बनाया
- सेना का आधुनिकीकरण
- अंग्रेजों को स्थानीय व्यापारियों के बराबर कर दिया (Commercial Equality)
- दस्तक के दुरुपयोग का विरोध
इन सुधारों से अंग्रेज चिंतित हो गए और फिर संघर्ष शुरू हुआ।
मीर कासिम बनाम अंग्रेज
मीर कासिम अंग्रेजों की दखलंदाजी से नाराज़ होकर पटना छोड़ गया और अस्थायी रूप से बनारस, फिर अवध पहुँचा, जहाँ उसने गठबंधन बनाया:
- शुजा-उद-दौला — अवध का नवाब
- शाह आलम-II — मुगल सम्राट
यह त्रिपक्षीय गठबंधन आगे की निर्णायक लड़ाई का मंच बना।
बक्सर का युद्ध (22 अक्टूबर 1764)
किसके बीच?
- अंग्रेज़ (हेक्टर मनरो)
- मीर कासिम
- शुजा-उद-दौला (अवध)
- शाह आलम-II (मुगल सम्राट)
मुख्य कारण
- कासिम की स्वतंत्र नीति
- अंग्रेजों द्वारा व्यापारिक कर-व्यवस्था का विरोध
- नवाबों की अंग्रेजी दखल से नाराज़गी
युद्ध का स्वरूप
संयुक्त सेना विशाल थी परन्तु समन्वयहीन। अंग्रेजों की फायरिंग तकनीक, अनुशासन और नेतृत्व बेहतर था।
परिणाम
- अवध की हार
- शाह आलम-II अंग्रेजों के संरक्षण में
- अंग्रेजों की निर्णायक विजय
बक्सर के परिणाम (Consequences of Buxar)
1. इलाहाबाद संधि (1765)
मुगल सम्राट शाह आलम-II ने अंग्रेजों को बंगाल, बिहार, उड़ीसा की दीवानी प्रदान की।
2. अंग्रेजों का कानूनी प्रशासनिक अधिकार
अब अंग्रेज कंपनी आधिकारिक रूप से राजस्व वसूल सकती थी।
3. द्वैध शासन की शुरुआत (1765–1772)
- राजस्व अधिकार → अंग्रेजों के पास
- न्याय/प्रशासन → नवाब के पास (नाममात्र)
4. बंगाल की अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण
बंगाल के अपार संसाधन अब अंग्रेजी सेना, व्यापार और विस्तार में लगे।
5. भारत की राजनीति में अंग्रेजों की सर्वोच्चता
बक्सर के बाद अंग्रेजी प्रभाव का मुकाबला कोई भारतीय शक्ति नहीं कर सकी।
प्लासी vs बक्सर — अंतर (Exam Table)
| पहलू | प्लासी (1757) | बक्सर (1764) |
|---|---|---|
| स्वरूप | षड्यंत्र आधारित युद्ध | सीधी सैन्य लड़ाई |
| प्रतिद्वंद्वी | सिराज vs अंग्रेज | कासिम + अवध + मुगल vs अंग्रेज |
| परिणाम | मीर जाफर नवाब | दीवानी अधिकार अंग्रेजों को |
| महत्व | राजनीतिक नींव | शासन का कानूनी आधार |
महत्ता (Significance)
- अंग्रेजों का निर्णायक उदय
- भारत के सबसे समृद्ध प्रांत पर नियंत्रण
- कंपनी को राजस्व-स्रोत मिलने से सैन्य विस्तार संभव
- भारतीय राजनीति पर विदेशी प्रभुत्व का स्थायित्व
Exam Writing Tips
- Intro: प्लासी = शुरुआत, बक्सर = पुष्टि
- Structure: Causes → Events → Results → Significance
- Must Include: मीर जाफर का विश्वासघात, इलाहाबाद संधि
- Conclusion: बक्सर ने Company Rule का रास्ता खोला
Quick Answer (8–10 lines):
प्लासी (1757) ने अंग्रेजों को बंगाल की राजनीति में प्रभाव दिया, जबकि बक्सर (1764) ने उन्हें बंगाल, बिहार और उड़ीसा पर दीवानी अधिकार प्रदान कर भारत में औपनिवेशिक शासन की नींव रखी। प्लासी षड्यंत्र आधारित विजय थी, पर बक्सर सीधी सैन्य श्रेष्ठता का प्रमाण। इलाहाबाद संधि ने अंग्रेजों को कानूनी सत्ता दी और भारत में कंपनी शासन का द्वार खोल दिया।
संदर्भ / आगे पढ़ें
- The Anarchy — William Dalrymple
- John Keay — The Honourable Company
- Primary Sources: Clive Papers, Shah Alam-II Farmans
- Bengal Revenue Records (1765–1772)
Part-5 — बंगाल में द्वैध शासन (1765–1772)
Exam-Oriented • Long Version
यह लेख 1765–1772 की अवधि में बंगाल में लागू हुए द्वैध शासन (Dual Government) का विस्तृत, विश्लेषणात्मक और परीक्षा-उपयोगी विवेचन प्रस्तुत करता है — पृष्ठभूमि, संरचना, प्रभाव, विफलता और इसके परिणाम।
Table of Contents
- प्रस्तावना
- द्वैध शासन — परिभाषा
- शुरुआत कैसे हुई (बक्सर व इलाहाबाद)
- संरचना और कार्यप्रणाली
- मुख्य विशेषताएँ
- बंगाल की स्थिति: आर्थिक व सामाजिक प्रभाव
- 1770 का अकाल और उसकी वजहें
- द्वैध शासन की विफलताएँ
- द्वैध शासन का अंत और 1772 के बाद
- महत्ता (Significance)
- संक्षिप्त चार्ट (Exam Focus)
- Answer Writing Tips
- संदर्भ / आगे पढ़ें
प्रस्तावना
प्लासी (1757) और बक्सर (1764) के बाद अंग्रेज़ ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल पर वास्तविक शक्ति स्थापित की। 1765 में इलाहाबाद संधि से उन्हें दीवानी (revenue rights) प्राप्त हुई — पर प्रशासन का भार अवस्थापना के कारण नवाब के पास ही छोड़ा गया। इसी दोहरे सत्ता-व्यवस्था को इतिहास में द्वैध शासन (Dual Government) कहा जाता है।
द्वैध शासन — परिभाषा
Dual Government वह व्यवस्था थी जिसमें राजस्व (दीवानी) अधिकार अंग्रेज़ ईस्ट इंडिया कंपनी के पास थे, पर प्रशासनिक (निज़ामत) अधिकार और न्याय व्यवस्था नाममात्र नवाब के पास रखी गयी। व्यावहारिक नियंत्रण—अर्थात् नीति, राजस्व व सैन्य नीतियाँ—कंपनी द्वारा तय की जातीं परंतु जवाबदेही और प्रशासनिक रूप से जिम्मेदारी नवाब की बनी रही।
शुरुआत कैसे हुई — बक्सर और इलाहाबाद संधि
बक्सर (1764)
22 अक्टूबर 1764 की बक्सर की लड़ाई में अंग्रेजों ने मीर कासिम, शुजा-उद-दौला और मुगल सम्राट शाह आलम-II की संयुक्त सेना को हराया।
इलाहाबाद संधि (1765)
शाह आलम-II ने 1765 में अंग्रेज़ों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी (राजस्व वसूली के अधिकार) दे दिए। इसके बाद रॉबर्ट क्लाइव ने सरकार चलाने का व्यावहारिक मार्ग द्वैध शासन के रूप में अपनाया — राजस्व कंपनी का, प्रशासन नवाब का।
संरचना और कार्यप्रणाली
मुख्य स्तंभ
- दीवानी (Revenue rights): ईस्ट इंडिया कंपनी — भूमि-कर, कस्टम, व्यापारिक रॉयल्टी आदि संग्रह।
- निज़ामत (Civil & Criminal administration): नवाब — पुलिस, न्याय, और स्थानीय प्रशासकीय कार्य।
व्यवहारिक कार्यप्रणाली
कंपनी राजस्व वसूलती, उसका एक भाग कम्पनी के खर्च/सेना/व्यापार में चला जाता और कुछ नवाब को दिया जाता ताकि वह नाममात्र प्रशासन चला सके। परन्तु नवाब के पास वास्तविक धन न होने के कारण प्रशासन क्षीण हो गया और जवाबदेही का तालमेल बिगड़ा।
द्वैध शासन की प्रमुख विशेषताएँ
- सत्ता और जिम्मेदारी का विभाजन: शक्ति कम्पनी के हाथ, दायित्व नवाब के हाथ।
- राजस्व का केन्द्रिकरण: कंपनी को स्थायी, उच्च और नियमित राजस्व मिला।
- नवाब का निहिताधिकार: औपचारिक प्रशासन तो संभाला पर धन और सैन्य शक्ति के बिना वह निष्क्रिय रहा।
- कंपनी अधिकारियों का निजी व्यापार: फैक्ट्री प्रमुख और अधिकारियों ने निजी सौदों से लाभ उठाया।
- न्याय-व्यवस्था में अव्यवस्था: पुलिस-न्याय ढह गया, भ्रष्टाचार बढ़ा।
बंगाल की स्थिति: आर्थिक व सामाजिक प्रभाव
द्वैध शासन ने बंगाल की अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा असर डाला:
- किसानों पर कर-दबाव बढ़ा — कृषि पर नकारात्मक प्रभाव।
- हथकरघा एवं देसी उद्योगों का पतन — विदेशी वस्त्रों के दबाव से स्थानीय कारीगर प्रभावित।
- व्यापार का नियंत्रण कंपनी अधिकारियों के निजी हितों का साधन बना।
- आर्थिक असमानता बढ़ी — गरीबी और सामाजिक अस्थिरता बढ़ने लगी।
1770 का अकाल (Great Bengal Famine, 1770)
1770 के अकाल में अनुमानित 30 लाख से 100 लाख (sources vary) तक लोग प्राण गंवाए — आधुनिक इतिहासकार 3–5 मिलियन तक सच मानते हैं; कुछ अनुमानों में यह और भी अधिक है। अकाल के कारण और तथ्य:
- कठोर कर-नीतियाँ और निर्यात का दबाव — अनाज का निर्यात चलता रहा;
- प्रशासन का पतन — नवाब के पास सहायता देने के संसाधन नहीं थे;
- कंपनी का प्राथमिक लक्ष्य राजस्व वसूलना बना रहा, राहत नहीं;
- मानव-व्यवस्था व वितरण तंत्र का विफल होना।
परिणाम: जनधन के साथ-साथ स्थानीय उत्पादन व बाजार दोनों बुरी तरह प्रभावित हुए — द्वैध शासन की नस्लीय असफलता खुलकर सामने आई।
द्वैध शासन की विफलताएँ
- प्रशासनिक असंगति: राजस्व व न्याय अलग-अलग हाथों में होने से समन्वय न के बराबर रहा।
- नवाब का सशक्त न होना: वित्त की कमी के कारण नवाब प्रभावहीन रहे।
- आर्थिक शोषण: कंपनी के एजेंटों द्वारा किसानों व कारीगरों का शोषण।
- मानवतावादी आपदा (Famine): 1770 का अकाल इस प्रणाली की सबसे भयावह विफलता है।
- न्यायिक अव्यवस्था और भ्रष्टाचार: कानून-व्यवस्था की गिरावट।
द्वैध शासन का अंत और 1772 के बाद
1772 में वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) और Company के अन्य वरिष्ठों ने द्वैध शासन की विफलता देख कर इसे समाप्त कर दिया। इसके पश्चात् कंपनी ने धीरे-धीरे सीधा प्रशासन एवं न्यायिक नियंत्रण अपनाया — यह Company Rule की दिशा की शुरुआत थी।
इसके बाद ब्रिटिश संसद ने Company की गतिविधियों पर नज़र रखने हेतु कानूनों का क्रम आरम्भ किया: 1773 का Regulating Act और आगे 1784 का Pitt's India Act।
महत्ता (Significance)
- भारत में अंग्रेजी शासन की प्रथम औपचारिक व्यवस्था थी — आगे की प्रशासनिक नीतियों की आधारशिला।
- द्वैध शासन ने दिखाया कि व्यापारिक कंपनी बिना जिम्मेदारी के शासन नहीं चला सकती — इसी कारण ब्रिटिश संसद का हस्तक्षेप मजबूत हुआ।
- आर्थिक शोषण और अकाल ने भारत के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को दीर्घकालिक क्षति पहुँचाई।
- यह अवधि आधुनिक औपनिवेशिक शासन की नींव और भारतीय विरोध (आर्थिक/सामाजिक) की उत्पत्ति का कारण बनी।
संक्षिप्त चार्ट (Exam Focus)
| तत्व | कंपनी (EIC) | नवाब |
|---|---|---|
| राजस्व | हाँ (दीवानी) | नहीं |
| न्याय व प्रशासन | नियत्रण (अप्रत्यक्ष) | औपचारिक रूप से हाँ |
| सैन्य | कम्पनी नियंत्रित | सीमित |
| जिम्मेदारी | नहीं (प्रतिकूल: वित्तीय लाभ) | हाँ (पर संसाधन नहीं) |
Answer Writing Tips — परीक्षा हेतु रणनीति
- परिचय: 1765 इलाहाबाद संधि को उद्धृत करें।
- संरचना: क्या था → कैसे लागू हुआ → प्रभाव → विफलता → परिणाम।
- 1770 अकाल को प्रमुख बिंदु बनाकर लिखें — आंकड़े/प्रभाव दर्शाएँ।
- निष्कर्ष में 1772/1773 के बाद के ब्रिटिश संस्थागत सुधारों का जिक्र करें।
Model 8–10 line answer (Quick):
द्वैध शासन (1765–1772) वह व्यवस्था थी जिसमें दीवानी अधिकार अंग्रेज़ ईस्ट इंडिया कंपनी के पास और निज़ामत (प्रशासन-अधिकार) नवाब के पास थे। यह विभाजन सत्ता का केंद्रीयकरण तथा जिम्मेदारी का विखंडन लाया, जिससे प्रशासनिक अराजकता, आर्थिक शोषण और 1770 के भीषण अकाल जैसी त्रासदियाँ हुईं। विफलता के कारण यह व्यवस्था 1772 में समाप्त हुई और अंग्रेजों ने धीरे-धीरे सीधा प्रशासन अपनाया, जिससे बाद के Regulating Act (1773) का मार्ग खुला।
संदर्भ / आगे पढ़ें
- William Dalrymple — The Anarchy (18th century Bengal context)
- John Keay — The Honourable Company
- Primary sources: Clive Papers, Warren Hastings dispatches
- Regional: Bengal Revenue Records (1765–1772)
MCQs Block–1 : यूरोपियों का भारत आगमन (Arrival of Europeans)
कुल प्रश्न: 50 | प्रत्येक प्रश्न के नीचे दिया गया है विस्तृत उत्तर
SECTION–A : Portuguese (पुर्तगाली)
MCQ–1
भारत आने वाला पहला यूरोपीय खोजकर्ता कौन था?
- बार्थोलोम्यू डायस
- वास्को-दा-गामा
- कैब्रल
- कोलंबस
Answer: B — वास्को-दा-गामा
Explanation: 20 मई 1498 को वास्को-दा-गामा कालीकट पहुँचा। यह भारत के साथ प्रत्यक्ष समुद्री मार्ग की खोज थी।
MCQ–2
वास्को-दा-गामा 1498 में भारत किस बंदरगाह पर पहुँचा?
- कोच्चि
- कालीकट
- गोवा
- सूरत
Answer: B — कालीकट
Explanation: कालीकट के ज़मोरिन राजा ने शुरुआती स्वागत किया, पर बाद में पुर्तगाल–ज़मोरिन संघर्ष बढ़ गया।
MCQ–3
भारत में पहला यूरोपीय व्यापारिक गढ़ किसने स्थापित किया?
- अंग्रेज़ों ने
- फ्रांसीसियों ने
- डचों ने
- पुर्तगालियों ने
Answer: D — पुर्तगालियों ने
Explanation: भारत में सबसे पहले फैक्ट्री/किला/राजनयिक ठिकाना पुर्तगालियों ने बनाया।
MCQ–4
गोवा पर पुर्तगालियों ने कब कब्ज़ा किया?
- 1502
- 1510
- 1526
- 1556
Answer: B — 1510
Explanation: अल्फांसो डी अल्बुकर्क ने 1510 में गोवा जीता और इसे पुर्तगाली राजधानी बनाया।
MCQ–5
पुर्तगालियों ने भारत में अपने किस शहर को प्रशासनिक मुख्यालय बनाया?
- दीव
- दमन
- गोवा
- कालीकट
Answer: C — गोवा
Explanation: गोवा पुर्तगाल का धार्मिक, प्रशासनिक और नौसैनिक केंद्र बना।
MCQ–6
निम्न में से किस पुर्तगाली वायसराय ने ‘ब्लू वाटर पॉलिसी’ अपनाई?
- निन्हो डि कुन्हा
- अल्मेडा
- अल्बुकर्क
- कैब्रल
Answer: B — अल्मेडा
Explanation: अल्मेडा का उद्देश्य हिन्द महासागर में पुर्तगाल की नौसैनिक श्रेष्ठता स्थापित करना था।
MCQ–7
‘भारत का वास्तविक विजेता’ पुर्तगाली इतिहास में किसे कहा जाता है?
- अल्बुकर्क
- अल्मेडा
- कैब्रल
- वास्को-दा-गामा
Answer: A — अल्बुकर्क
Explanation: अल्बुकर्क ने गोवा जीतकर पुर्तगाली साम्राज्य की असली नींव रखी।
MCQ–8
भारत में दास व्यापार सर्वाधिक किस यूरोपीय शक्ति ने किया?
- अंग्रेज़
- फ्रांसीसी
- डच
- पुर्तगाली
Answer: D — पुर्तगाली
Explanation: विशेषतः बंगाल के होगली क्षेत्र में पुर्तगालियों का बड़ा दास-व्यापार नेटवर्क था।
MCQ–9
निम्न में से कौन-सा व्यापार पुर्तगाली अत्यधिक मात्रा में करते थे?
- अफीम
- मसाले
- नील
- सूती वस्त्र
Answer: B — मसाले
Explanation: पुर्तगालियों का मुख्य लक्ष्य मसाला व्यापार पर एकाधिकार था।
MCQ–10
भारत में पुर्तगालियों का प्रभाव सर्वप्रथम किस क्षेत्र में समाप्त हुआ?
- बंगाल
- गुजरात
- गोवा
- कर्नाटक
Answer: A — बंगाल
Explanation: 1632 में शाहजहाँ ने पुर्तगालियों को होगली से निकाला।
SECTION–B : Dutch (डच)
MCQ–11
VOC (Dutch East India Company) की स्थापना कब हुई?
- 1595
- 1600
- 1602
- 1612
Answer: C — 1602
Explanation: VOC विश्व की पहली बहुराष्ट्रीय कंपनी मानी जाती है।
MCQ–12
डचों का भारत में पहला मुख्यालय कहाँ था?
- सूरत
- कोच्चि
- पुलिकट
- चिनसूरा
Answer: C — पुलिकट
Explanation: डचों ने पुलिकट को Coromandel प्रमुख केंद्र बनाया।
MCQ–13
डचों और अंग्रेजों के बीच निर्णायक लड़ाई ‘कोलाचेरी’ कब हुई?
- 1759
- 1741
- 1760
- 1715
Answer: B — 1741
Explanation: मराठों और अंग्रेजों की सहायता से त्रावणकोर ने डचों को पराजित किया।
MCQ–14
डच भारत में मुख्य रूप से किस वस्तु के व्यापार में शामिल थे?
- रेशम
- कपड़ा
- मसाले
- अफीम
Answer: B — कपड़ा
Explanation: डचों का कपड़ा व नील व्यापार भारत में सबसे मजबूत था।
MCQ–15
डचों की भारत में अंतिम हार का कारण था—
- अंग्रेजों की सैन्य शक्ति
- मराठों का uprising
- VOC का दिवालियापन
- इनमें सब
Answer: D — इनमें सब
Explanation: डचों की भारत से समाप्ति सैन्य, आर्थिक और प्रशासनिक कारणों का सम्मिलित परिणाम थी।
SECTION–C : French (फ्रांसीसी)
MCQ–16
भारत में फ्रांसीसियों का मुख्यालय था—
- चिनसूरा
- पॉण्डिचेरी
- चंद्रनगर
- माहे
Answer: B — पॉण्डिचेरी
MCQ–17
भारत में फ्रांसीसी सत्ता के विस्तार का मुख्य निर्माता कौन था?
- डूरांड
- डूप्ले
- लाली
- बुस्सी
Answer: B — डूप्ले
Explanation: डूप्ले ने दक्षिण भारत की राजनीति में सक्रिय रणनीति अपनाई।
MCQ–18
फ्रांसीसियों का बंगाल में मुख्य केंद्र था—
- चिनसूरा
- यानाोन
- चंद्रनगर
- माहे
Answer: C — चंद्रनगर
MCQ–19
फ्रांसीसियों का भारत में अंतिम राजनीतिक पतन किस युद्ध में हुआ?
- वांडिवाश
- प्लासी
- बक्सर
- चिंसूरा युद्ध
Answer: A — वांडिवाश
Explanation: 1760 में हुए वांडिवाश युद्ध ने फ्रांसीसी शक्ति समाप्त कर दी।
MCQ–20
फ्रांसीसियों को भारत में किस संधि के बाद केवल व्यापारिक अधिकार मिले?
- पेरिस संधि (1763)
- पांडिचेरी संधि
- इलाहाबाद संधि
- कर्णाटक संधि
Answer: A — पेरिस संधि (1763)
SECTION–D : British (अंग्रेज़)
MCQ–21
अंग्रेज़ों की भारत में पहली फैक्ट्री कहाँ बनी?
- सूरत
- मसुलीपट्टनम
- मद्रास
- कलकत्ता
Answer: A — सूरत
Explanation: 1613 में जहाँगीर ने अनुमति दी।
MCQ–22
अंग्रेजों को भारत में व्यापार की अनुमति देने वाला पहला मुगल शासक कौन था?
- अकबर
- जहाँगीर
- औरंगज़ेब
- शाहजहाँ
Answer: B — जहाँगीर
MCQ–23
मद्रास (Fort St. George) की स्थापना कब हुई?
- 1611
- 1639
- 1660
- 1701
Answer: B — 1639
MCQ–24
कलकत्ता की स्थापना किसने की?
- क्लाइव
- जॉब चार्नॉक
- लॉरेंस
- वॉटसन
Answer: B — जॉब चार्नॉक
MCQ–25
किस युद्ध के बाद अंग्रेज़ भारत की सबसे शक्तिशाली यूरोपीय शक्ति बन गए?
- प्लासी
- बक्सर
- वांडिवाश
- कर्नाटक युद्ध
Answer: C — वांडिवाश
SECTION–E : Mixed (Miscellaneous)
MCQ–26
भारत में सबसे पहले किस यूरोपीय शक्ति ने सिक्का चलाया?
- अंग्रेज़
- डच
- फ्रांसीसी
- पुर्तगाली
Answer: D — पुर्तगाली
MCQ–27
ट्रांकेबार पर नियंत्रण किसके पास था?
- डच
- डेनिश
- फ्रेंच
- पुर्तगाली
Answer: B — डेनिश
MCQ–28
निम्न में से कौन भारत में ट्रेडिंग फैक्ट्री का केंद्र नहीं था?
- सूरत
- मसुलीपट्टनम
- गोवा
- अबू धाबी
Answer: D — अबू धाबी
MCQ–29
पुर्तगालियों की अंतिम भारतीय उपनिवेश कौन-सा था?
- दमन
- दीव
- गोवा
- कालीकट
Answer: C — गोवा
MCQ–30
1612 की स्वाली की लड़ाई किनके बीच हुई?
- अंग्रेज़ vs फ्रांसीसी
- अंग्रेज़ vs पुर्तगाली
- डच vs अंग्रेज़
- डच vs पुर्तगाली
Answer: B — अंग्रेज़ vs पुर्तगाली
Explanation: स्वाली की लड़ाई अंग्रेजों की विजय का महत्वपूर्ण क्षण था।
MCQ–31
VOC भारत में क्यों विफल हुई?
- कठोर नीतियाँ
- आर्थिक संकट
- अंग्रेजों का प्रतिरोध
- उपरोक्त सभी
Answer: D — उपरोक्त सभी
MCQ–32
फ्रांसीसियों का भारत में सबसे पहला व्यापारिक केंद्र?
- सूरत
- मसुलीपट्टनम
- पॉण्डिचेरी
- चंद्रनगर
Answer: B — मसुलीपट्टनम
MCQ–33
अंग्रेजी कंपनी की स्थापना कब हुई?
- 1595
- 1600
- 1602
- 1605
Answer: B — 1600
MCQ–34
किस संधि के बाद अंग्रेजों को व्यापारिक स्थिरता मिली?
- अलीवर्दी संधि
- जहाँगीर फ़रमान
- औरंगज़ेब आदेश
- कर्नाटक संधि
Answer: B — जहाँगीर फ़रमान
MCQ–35
गोवा भारत का ‘Mini Europe’ किस काल में कहा जाता था?
- 1650–1700
- 1540–1620
- 1600–1750
- 1800–1850
Answer: B — 1540–1620
SECTION–F : True/False MCQs
MCQ–36
बयान: डचों ने भारत में दास व्यापार किया।
- True
- False
Answer: A — True
MCQ–37
बयान: पुर्तगाली भारत में सबसे पहले आए।
- True
- False
Answer: A — True
MCQ–38
बयान: फ्रांसीसियों ने मद्रास की स्थापना की।
- True
- False
Answer: B — False
Explanation: मद्रास अंग्रेजों ने (1639) खरीदा।
MCQ–39
बयान: पॉण्डिचेरी फ्रांसीसी मुख्यालय था।
- True
- False
Answer: A — True
MCQ–40
बयान: 1613 में अंग्रेजों को सूरत फैक्ट्री की अनुमति मिली।
- True
- False
Answer: A — True
SECTION–G : Advanced MCQs
MCQ–41
कालीकट के ज़मोरिन और पुर्तगालियों का संघर्ष मुख्यतः किस कारण था?
- धार्मिक मुद्दा
- व्यापार नियंत्रण
- नौसैनिक विवाद
- कर विवाद
Answer: B — व्यापार नियंत्रण
MCQ–42
निम्न में से किस यूरोपीय शक्ति ने भारतीय राजनीति में सबसे कम हस्तक्षेप किया?
- अंग्रेज़
- फ्रांसीसी
- डच
- पुर्तगाली
Answer: C — डच
MCQ–43
निम्न में से किस शक्ति ने भारत में धार्मिक मिशनरी कार्य सबसे अधिक चलाए?
- अंग्रेज़
- फ्रांसीसी
- डच
- पुर्तगाली
Answer: D — पुर्तगाली
MCQ–44
निम्न में से कौन-सा क्षेत्र पुर्तगालियों ने सर्वाधिक समय तक रखा?
- कालीकट
- गोवा
- होगली
- दीव
Answer: B — गोवा
MCQ–45
भारत में ‘यूरोपीय फैक्ट्रियों’ का क्या अर्थ था?
- उद्योग इकाई
- व्यापारिक गोदाम + कार्यालय
- सैनिक छावनी
- किले
Answer: B — व्यापारिक गोदाम + कार्यालय
SECTION–H : Analytical MCQs
MCQ–46
पुर्तगाली भारत में क्यों विफल हुए?
- धार्मिक कट्टरता
- यूरोपीय प्रतिस्पर्धा
- सीमित संसाधन
- इनमें सभी
Answer: D — इनमें सभी
MCQ–47
फ्रांसीसियों के असफल होने का मुख्य कारण?
- यूरोप में युद्ध
- कम सैन्य संसाधन
- डूप्ले की वापसी
- इनमें सब
Answer: D — इनमें सब
MCQ–48
अंग्रेज सबसे सफल क्यों रहे?
- बेहतर नौसेना
- प्रशासनिक नीति
- वित्तीय संसाधन
- उपरोक्त सभी
Answer: D — उपरोक्त सभी
MCQ–49
इनमें से किस शक्ति ने भारत के आंतरिक युद्धों में सबसे अधिक हस्तक्षेप किया?
- फ्रांसीसी
- अंग्रेज़
- डच
- पुर्तगाली
Answer: B — अंग्रेज़
MCQ–50
किस शक्ति का भारत में दीर्घकालिक प्रभाव सबसे अधिक रहा?
- फ्रांसीसी
- पुर्तगाली
- अंग्रेज़
- डच
Answer: C — अंग्रेज़
Explanation: अंग्रेजों ने भारत पर औपचारिक उपनिवेश शासन स्थापित किया।
BLOCK–1 समाप्त • कुल प्रश्न: 50
MCQs Block–2 : व्यापारिक फैक्ट्रियाँ (Trading Factories in India)
कुल प्रश्न: 50 | प्रत्येक प्रश्न के नीचे दिया गया है विस्तृत उत्तर
SECTION–A : General — Factories (1–10)
MCQ–1
यूरोपीय 'फैक्ट्री' का पारंपरिक अर्थ क्या था?
- उद्योग इकाई (manufacturing unit)
- व्यापारिक गोदाम और कारक का कार्यालय
- सिर्फ़ सैन्य चौकी
- किसी नगर का प्रशासनिक मुख्यालय
Answer: B — व्यापारिक गोदाम और कारक का कार्यालय
Explanation: यूरोपीय दस्तावेज़ों में 'factory' का अर्थ trade-house, warehouse और factor's office होता था — उत्पादन इकाई नहीं।
MCQ–2
फैक्ट्रियों का प्रमुख कार्य कौन-सा नहीं था?
- माल का संग्रह और गोदाम
- स्थानीय राजनीतिक शासन करना
- लेन-देन और लेखांकन
- स्थानीय दलालों और कारीगरों के साथ अनुबंध
Answer: B — स्थानीय राजनीतिक शासन करना
Explanation: प्रारम्भ में फैक्ट्रियाँ व्यापार केंद्र थीं; स्थानीय शासन बाद में विकसित हुआ जब सैन्य/राजस्व भूमिका बढ़ी।
MCQ–3
फैक्ट्रियाँ किसे 'factor' कहते थे?
- स्थानीय शासक
- कम्पनी का ट्रेड-एजेंट
- शिप कैप्टन
- कस्टम अधिकारी
Answer: B — कम्पनी का ट्रेड-एजेंट
Explanation: 'Factor' वह अधिकारी होता था जो फैक्ट्री का संचालन, खरीद-बिक्री और लेखा संभालता था।
MCQ–4
फैक्ट्रियाँ अक्सर किन सुविधाओं से युक्त रहती थीं?
- गोदाम, लेखा-कक्ष और आवास
- सिर्फ़ मंदिर
- खेत और कृषि भूमि
- रेलवे स्टेशन
Answer: A — गोदाम, लेखा-कक्ष और आवास
Explanation: फैक्ट्री में माल भंडारण, लेखा और फैक्टर-स्टाफ का आवास प्रमुख होते थे; बाद में किला/न्यायिक दफ़्तर जुड़ गए।
MCQ–5
फैक्ट्रियों का अंतर्निहित उद्देश्य क्या था?
- स्थानीय कृषि सुधार
- माझौलिय (mediating) व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से लाभ अर्जित करना
- स्थानीय न्यायालय चलाना
- सैन्य किले बनाना
Answer: B — व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से लाभ अर्जित करना
Explanation: मुख्य लक्ष्य यूरोप-एशिया व्यापार के मध्यस्थ रूप में लाभ कमाना था।
MCQ–6
किससे फैक्ट्री का सुरक्षा व सशस्त्री रक्षा का कार्य बढ़ा?
- स्थानीय व्यापारिक सौदों से
- फ्रांसीसी और अंग्रेज़ों के बीच प्रतिस्पर्धा से
- डचों के दिवालियापन से
- फैक्ट्री के गोदामों के वजह से नहीं
Answer: B — फ्रांसीसी और अंग्रेजों के बीच प्रतिस्पर्धा से
Explanation: प्रतिस्पर्धा बढ़ने पर फैक्ट्रियों की सुरक्षा-आवश्यकताएँ बढ़ीं और वे किले में बदलने लगीं।
MCQ–7
फैक्ट्रियाँ स्थानीय कलाकारों/कारीगरों से किस पॉइंट पर जुड़ती थीं?
- सड़क निर्माण
- मल्टीप्लेक्स निर्माण
- piece-rate अनुबंधों के माध्यम से वस्त्र और अन्य माल खरीदना
- नौकरियों के लिए भर्ती
Answer: C — piece-rate अनुबंधों के माध्यम से वस्त्र और अन्य माल खरीदना
Explanation: फैक्ट्रियाँ स्थानीय कारीगरों से सीधे अनुरोध पर माल बनवाती थीं और खरीदती थीं।
MCQ–8
फैक्ट्रियों में 'dastak' शब्द किस से जुड़ा था?
- सैन्य छूट
- कस्टम/कर छूट और निजी पास
- न्यायिक आदेश
- कृषि उपकारण
Answer: B — कस्टम/कर छूट और निजी पास
Explanation: 'Dastak' दस्तावेज़ था जिससे कंपनी के एजेंट माल पर कर-छूट के साथ प्रसार कर पाते थे; बाद में दुरुपयोग हुआ।
MCQ–9
किसने कहा कि फैक्ट्री से किला बनना 'गोला-बारूद से सत्ता' में बदल जाना है?
- रॉबर्ट क्लाइव
- अल्फांसो अल्बुकर्क
- अज्ञात इतिहासकार (conceptual)
- डूप्ले
Answer: C — अज्ञात इतिहासकार (conceptual)
Explanation: यह एक समिकल्पना/विश्लेषण है — फैक्ट्री → फोर्ट का मार्ग शक्ति के रूप में देखा गया।
MCQ–10
फैक्ट्रियों के माध्यम से कौन-सा परिवर्तन सबसे पहले यूरोपीय कम्पनियों ने अपनाया?
- कृषि सुधार
- स्थायी सैन्य नियुक्ति
- सार्वजनिक शिक्षा
- स्थानीय भाषा का प्रयोग बंद करना
Answer: B — स्थायी सैन्य नियुक्ति
Explanation: व्यापार रक्षा की जरूरत के कारण फैक्ट्रियों ने स्थायी सैनिकों (sepoys/European detachments) को रखा।
SECTION–B : Portuguese Factories (11–20)
MCQ–11
पुर्तगालियों की प्रमुख तटीय फैक्ट्री जो बाद में प्रशासनिक राजधानी बनी कौन-सी थी?
- दमन
- गोवा
- दीव
- होगली
Answer: B — गोवा
Explanation: गोवा 1510 के बाद पुर्तगालियों का मुख्यालय और मिशनरी केन्द्र बन गया।
MCQ–12
पुर्तगाली फैक्ट्री होगली किस क्षेत्र में थी?
- कर्नाटक
- बंगाल
- गुजरात
- मद्रास
Answer: B — बंगाल
Explanation: होगली, हुगली नदी के पास बंगाल में पुर्तगाली वाणिज्यिक केन्द्र था; बाद में उन्हें हटाया गया।
MCQ–13
पुर्तगाली फैक्ट्री का प्रशासनिक मॉडल किस पर अधिक निर्भर था?
- स्थानीय पंचायतों पर
- मिशनरी और गवर्नर की शक्तियों पर
- डच व्यापारिक मंडलों पर
- बर्फीली बंदरगाह नीति पर
Answer: B — मिशनरी और गवर्नर की शक्तियों पर
Explanation: पुर्तगाली शासन में गवर्नर और मिशनरी दोनों का प्रशासनिक और सांस्कृतिक प्रभाव रहा।
MCQ–14
पुर्तगाली फैक्ट्रियों में किसका व्यापार विशेष महत्व रखता था?
- कपास
- मसाले
- कोयला
- धान
Answer: B — मसाले
MCQ–15
किस कारण से पुर्तगालियों की फैक्ट्री संरचना बाद में कमजोर पड़ी?
- डच और अंग्रेजों की प्रतिस्पर्धा
- आंतरिक भ्रष्टाचार
- सीमित मानव संसाधन
- इनमें से सभी
Answer: D — इन सभी
Explanation: आर्थिक, प्रशासनिक और सैन्य कारणों से पुर्तगाल का प्रभाव संकुचित हुआ।
MCQ–16
पुर्तगालियों ने फैक्ट्री संचालन के लिए किस तरह के स्थानीय गठजोड़ किये?
- स्थानीय राजाओं के साथ सैन्य संधि
- स्थानीय व्यापारियों के साथ समझौते
- दोनों A और B
- कोई नहीं
Answer: C — दोनों A और B
MCQ–17
गोवा की फैक्ट्री का एक बड़ा विशेष प्रभाव किस क्षेत्र में दिखा?
- नौसेना व समुद्री नियंत्रण
- आंतरिक कृषि
- डीज़ल उर्जा
- रेल निर्माण
Answer: A — नौसेना व समुद्री नियंत्रण
MCQ–18
पुर्तगाली फैक्ट्रियों में किसका धार्मिक प्रभाव विशिष्ट रूप से नजर आया?
- प्रोटेस्टेंट मिशनरियाँ
- कैथोलिक मिशनरियाँ
- सिख मिशनरियाँ
- बौद्ध मिशनरियाँ
Answer: B — कैथोलिक मिशनरियाँ
Explanation: पुर्तगाली मिशनरी गतिविधियाँ कैथोलिक संस्कृति के प्रसार में सक्रिय रहीं (गोवा में विशेष रूप से)।
MCQ–19
पुर्तगाली फैक्ट्री 'दीव' का भौगोलिक महत्व क्या था?
- दक्षिण भारत का कृषि केंद्र
- गुजराती तट पर समुद्री एवं सामरिक चौकी
- बंगाल की नहर
- अदालत व शिक्षा केंद्र
Answer: B — गुजराती तट पर समुद्री एवं सामरिक चौकी
MCQ–20
पुर्तगालियों की फैक्ट्री शब्दावली में 'casas' शब्द किसके लिए उपयोग होता था?
- किले
- कमर्शियल हाउस / व्यापारिक घर
- नौसैनिक जहाज़
- स्थानीय बाजार
Answer: B — कमर्शियल हाउस / व्यापारिक घर
Explanation: 'Casa' पुर्तगाली संदर्भ में व्यापारिक घर या फैक्ट्री की तरह उपयोग होता था।
SECTION–C : Dutch (VOC) Factories (21–30)
MCQ–21
डच VOC की प्रमुख फैक्ट्री 'Masulipatnam' किस तट पर थी?
- Konkan
- Coromandel
- Malabar
- Gulf of Khambhat
Answer: B — Coromandel
Explanation: Masulipatnam Coromandel तट पर VOC का बड़ा केन्द्र था।
MCQ–22
डच फैक्ट्रियों ने किस प्रणाली के द्वारा कारीगरों के साथ काम किया?
- पूरी तरह सरकारी मजदूरी
- piece-rate अनुबंध
- सिलाई मशीनीकृत उत्पादन
- कोई नहीं
Answer: B — piece-rate अनुबंध
Explanation: डच फैक्ट्रियाँ कारीगरों को अंश-आधारित (piece-rate) अनुबंध पर माल बनवाती थीं।
MCQ–23
डच फैक्ट्री 'Pulicat' का प्रमुख व्यापार कौन-सा था?
- कपास और वस्त्र
- मसाले
- खनिज
- मछली
Answer: A — कपास और वस्त्र
MCQ–24
VOC की फैक्ट्रियाँ किस विशेष अधिकार से सुसज्जित थीं?
- सिर्फ़ व्यापार
- युद्ध छेड़ने और किले बनवाने का अधिकार
- केवल धर्म प्रचार
- स्थानीय कराधान छोड़ना
Answer: B — युद्ध छेड़ने और किले बनवाने का अधिकार
Explanation: VOC को राज्य-स्तर के अधिकार दिये गये थे — जैसे किले बनाना, युद्ध करना, संधि करना।
MCQ–25
डचों का उत्तरी बंगाल में प्रमुख केन्द्र कौन-सा था?
- Chinsurah
- Calcutta
- Surat
- Madras
Answer: A — Chinsurah
Explanation: Chinsurah (चिनसूरा) पर VOC का प्रभाव था, विशेषतः रेशम और नील व्यापार में।
MCQ–26
डच फैक्ट्रियाँ भारत में किस कारण से स्थायी लाभदायक नहीं रहीं?
- अंग्रेजों की प्रतिस्पर्धा
- VOC का फोकस इंडोनेशिया पर अधिक था
- आर्थिक बोझ और दिवालियापन
- इनमें सभी
Answer: D — इनमें सभी
MCQ–27
डच फैक्ट्री प्रबंधक (factor) का प्रमुख कार्य क्या था?
- नौसैनिक आदेश देना
- स्थानीय न्यायाधीश बनना
- माल की गुणवत्ता और खरीद का प्रबंधन
- कृषि कर वसूलना
Answer: C — माल की गुणवत्ता और खरीद का प्रबंधन
MCQ–28
VOC द्वारा भारत में लाये गये किस वस्तु ने यूरोप में उच्च माँग पाई?
- नील (Indigo)
- आयरन
- सोना
- लकड़ी
Answer: A — नील (Indigo)
Explanation: Indigo (नील) यूरोप में कपड़ा रंगने हेतु महत्त्वपूर्ण था और डच व्यापार में सक्रिय रहा।
MCQ–29
डच फैक्ट्रियाँ किस प्रकार के शिपिंग नेटवर्क से जुड़ी थीं?
- स्थानीय नदी-परिवहन ही
- वैश्विक VOC नेटवर्क (Java–Japan–Europe)
- केवल यूरोप तक
- कोई नहीं
Answer: B — वैश्विक VOC नेटवर्क
MCQ–30
डच फैक्ट्रियाँ किस प्रकार के कानूनी दस्तावेज़ों का उपयोग करती थीं?
- ब्राह्मी लेखन में दस्तावेज़
- VOC की अपनी क़ानूनी रजिस्ट्रियाँ और अनुबंध
- केवल वाणी-आधारित समझौते
- शासकीय आदेश
Answer: B — VOC की अपनी क़ानूनी रजिस्ट्रियाँ और अनुबंध
SECTION–D : French Factories (31–38)
MCQ–31
फ्रांसीसी मुख्य फैक्ट्री 'Pondicherry' किस वर्ष स्थापित हुई (approx.)?
- 1650s
- 1670s
- 1690s
- 1710s
Answer: B — 1670s (approx.)
Explanation: फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1670s के आसपास पोंडिचेरी को स्थापित कर दक्षिण भारत में अपना मुख्यालय बनाया।
MCQ–32
फ्रांसीसी फैक्ट्री 'Chandernagore' किस नदी के पास स्थित थी?
- गंगा (Hooghly)
- Kaveri
- Godavari
- Tapi
Answer: A — गंगा (Hooghly)
MCQ–33
फ्रांसीसी फैक्ट्री नीति का मुख्य उकसाव (drive) क्या था?
- सिर्फ व्यापार
- सैन्य गठ-जोड़ और राजनैतिक नेतृत्व
- मिशनरी शिक्षा
- कृषि उपक्रम
Answer: B — सैन्य गठ-जोड़ और राजनैतिक नेतृत्व
Explanation: फ्रांसीसी अक्सर स्थानीय राजाओं से गठबंधन कर राजनीतिक प्रभुत्व पाने का प्रयत्न करते थे (डूप्ले की नीति)।
MCQ–34
फ्रांसीसी फैक्ट्री में किस प्रकार का सैन्य समर्थन आम था?
- फ्रेंच यूरोपियन रेजिमेंट
- स्थानीय भाड़े के सैनिक (sepoys) और कुछ यूरोपियन गोला-बारूद
- कोई सैन्य बल नहीं
- केवल नेविगेशनल पायलेट
Answer: B — स्थानीय भाड़े के सैनिक और कुछ यूरोपियन गोला-बारूद
MCQ–35
फ्रांसीसी फैक्ट्री 'Mahe' का प्रमुख महत्व किसके लिये था?
- अंतरिक्ष कार्यक्रम
- पश्चिमी तट पर नौसैनिक ठिकाना
- कृषि अनुसंधान
- घर निर्माण
Answer: B — पश्चिमी तट पर नौसैनिक ठिकाना
MCQ–36
फ्रांसीसी फैक्ट्री नीति में 'कर्टेल' का कौन-सा पहलू दिखता था?
- बाजार बाँटना और विशेष वस्तुओं पर नियंत्रण
- एकल न्यायिक प्रणाली लागू करना
- सभी कारीगरों को सरकारी नौकरी देना
- स्थानीयों को वंचित करना
Answer: A — बाजार बाँटना और विशेष वस्तुओं पर नियंत्रण
MCQ–37
डूप्ले किस फ्रांसीसी भूमिका के रूप में प्रसिद्ध हैं?
- कृषि विशेषज्ञ
- सैन्य-अभियन्ता और कूटनीतिज्ञ
- व्यापारिक कारक
- न्यायाधीश
Answer: B — सैन्य-अभियन्ता और कूटनीतिज्ञ
MCQ–38
फ्रांसीसी फैक्ट्रियों का पतन मुख्यतः किस वर्ष के बाद स्पष्ट हुआ?
- 1751
- 1760–1763 (वांडिवाश और पेरिस संधि)
- 1707
- 1800
Answer: B — 1760–1763
SECTION–E : British Factories (39–48)
MCQ–39
Fort St. George किस शहर में स्थित है?
- Calcutta
- Madras (Chennai)
- Bombay (Mumbai)
- Surat
Answer: B — Madras (Chennai)
Explanation: Fort St. George (1639) अंग्रेज़ों द्वारा मद्रास में निर्मित प्रमुख किला-फैक्ट्री था।
MCQ–40
Fort William किस वर्ष के आसपास स्थापित हुआ (as a company fort)?
- 1650s
- 1690s
- 1757
- 1800s
Answer: B — 1690s (approx.)
Explanation: Fort William कलकत्ता में कंपनी का प्रमुख किला और फैक्ट्री था; यह 1690 के आसपास सुदृढ़ हुआ।
MCQ–41
अंग्रेज़ों की फैक्ट्री नीतियों में किसने बहुत प्रभाव डाला?
- डूप्ले
- रॉबर्ट क्लाइव और फैक्ट्रि अधिकारियों
- डच गवर्नर
- मुगल सम्राट
Answer: B — रॉबर्ट क्लाइव और फैक्ट्रि अधिकारियों
Explanation: क्लाइव एवं अन्य फैक्ट्री अधिकारियों की नीतियाँ कंपनी को राजनीतिक शक्ति तक पहुँचाने में निर्णायक रहीं।
MCQ–42
किस अंग्रेज़ फैक्ट्री का प्रमुख कार्य बंगाल में विदेश व्यापार और बाद में राजस्व नियंत्रण था?
- Madras
- Bombay
- Calcutta (Fort William)
- Pulicat
Answer: C — Calcutta (Fort William)
Explanation: कलकत्ता ने 18वीं सदी में बंगाल व्यापार और बाद में राजस्व-हवाला का प्रमुख केंद्र बनकर Company की शक्ति बढ़ाई।
MCQ–43
अंग्रेजी फैक्ट्री-प्रणाली ने किस स्थानीय वर्ग के साथ गठजोड़ किया जिससे उनकी सत्ता पुख्ता हुई?
- स्थानीय कृषि मजदूर
- स्थानीय व्यापारियों और बैंकरों (e.g., Jagat Seth)
- पशु-पालक
- कोई नहीं
Answer: B — स्थानीय व्यापारियों और बैंकरों
Explanation: अंग्रेज़ों ने स्थानीय बैंकरों और व्यापारियों के साथ गठजोड़ कर अर्थिक समर्थन तथा सूचना तंत्र पाया।
MCQ–44
Fact: अंग्रेज़ फैक्ट्री से सत्ता में आने का प्रारम्भिक कारण क्या था?
- सिर्फ भाग्य
- व्यापारिक धन और सैन्य शक्ति का संयोजन
- मुगल का समर्थन
- डचों का समर्थन
Answer: B — व्यापारिक धन और सैन्य शक्ति का संयोजन
MCQ–45
किस फैक्ट्री से अंग्रेजों ने आर्कोट और बाद में प्लासी में हस्तक्षेप की योजनाएँ बनाईं?
- Pulicat
- Surat
- Kasimbazar / Calcutta area factor offices
- Pondicherry
Answer: C — Kasimbazar / Calcutta area factor offices
Explanation: बंगाल के फैक्ट्री-घरों (Kasimbazar, Calcutta) से बंगाली राजनीति में हस्तक्षेप व षड्यंत्र आयोजित हुए।
MCQ–46
अंग्रेज़ फैक्ट्री में 'Resident' का क्या कार्य था?
- सिर्फ समुद्री नौकायन
- स्थानीय राज्य में कम्पनी का प्रतिनिधि और नियंत्रक
- न्यायाधीश
- कोई प्रशासनिक दायित्व नहीं
Answer: B — स्थानीय राज्य में कम्पनी का प्रतिनिधि और नियंत्रक
Explanation: Resident स्थानीय सत्ता पर कम्पनी के हितों की निगरानी और नियंत्रण करता था।
MCQ–47
अंग्रेज़ फैक्ट्री ने किस दिशा में सबसे अधिक विस्तार किया था?
- समुद्री व्यापार ही
- राजस्व व सैन्य शक्ति की ओर
- केवल धार्मिक गतिविधियों की ओर
- केवल शिक्षा की ओर
Answer: B — राजस्व व सैन्य शक्ति की ओर
MCQ–48
अंग्रेज़ों की फैक्ट्री प्रणाली का क्या दीर्घकालिक परिणाम रहा?
- भोजन की उन्नति
- कम्पनी शासकीय सत्ता में बदल गई
- सिर्फ व्यापारिक लाभ मिला
- केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ा
Answer: B — कम्पनी शासकीय सत्ता में बदल गई
Explanation: फैक्ट्री से किला, फिर राजस्व अधिकार — अन्ततः Company Rule का मार्ग खुला।
SECTION–F : Comparative & Analytical (49–50)
MCQ–49
नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन-सा फैक्ट्री → फोर्ट → शासन के क्रम को सही दर्शाता है?
- VOC → Portuguese → French → British
- Portuguese → Dutch → French → British
- Portuguese → British → Dutch → French
- French → Portuguese → Dutch → British
Answer: B — Portuguese → Dutch → French → British
Explanation: यह क्रम सामान्य ऐतिहासिक आगमन/प्रभाव के अनुरूप है; पुर्तगाल सबसे पहले, उसके बाद डच/डच का क्षेत्रीय प्रभाव, फिर फ्रांसीसी आगमन और अंततः अंग्रेजों का व्यापक शासन।
MCQ–50
फैक्ट्रियों के माध्यम से राजनीतिक सत्ता मिलने का कौन-सा प्रमुख कारण था?
- फैक्ट्रियों का भू-त्रुटि
- फैक्ट्रियों का बढ़ता सैन्य व धन-एकत्रीकरण
- स्थानीय संस्कृति का सहयोग
- मौसम परिवर्तन
Answer: B — फैक्ट्री का बढ़ता सैन्य व धन-एकत्रीकरण
Explanation: व्यापार से प्राप्त धन और सुरक्षा-लागत हेतु बनाए गए सैनिकों ने फैक्ट्री को शक्ति केन्द्र में बदल दिया।
BLOCK–2 समाप्त • कुल प्रश्न: 50
MCQs Block–3 : कार्नाटक युद्ध (Carnatic Wars)
कुल प्रश्न: 50 | प्रत्येक प्रश्न के नीचे विस्तृत उत्तर (Exam-Oriented)
SECTION–A : Overview & Causes (1–10)
MCQ–1
कार्नाटक युद्धों का मुख्य प्रारम्भिक कारण कौन सा है?
- स्थानीय कृषि विवाद
- यूरोपियन शक्ति प्रतिद्वंद्विता (ब्रिटेन × फ्रांस)
- मराठा आक्रमण
- डच और पुर्तगाल बीच विवाद
Answer: B — यूरोपियन शक्ति प्रतिद्वंद्विता (ब्रिटेन × फ्रांस)
Explanation: ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार युद्ध और यूरोप में फ्रांस-ब्रिटेन संघर्ष का असर भारत तक पहुँचा; यह दक्षिण भारत में दोनों शक्तियों के टकराव का मुख्य औचित्य था।
MCQ–2
कार्नाटक युद्धों का समयकाल लगभग कौन-सा है?
- 1600–1620
- 1700–1715
- 1740–1763
- 1775–1790
Answer: C — 1740–1763
Explanation: कार्नाटक युद्धों की श्रृंखला मध्य 18वीं सदी में (तीन चरणों में) चली: 1746–48, 1749–54, 1756–63।
MCQ–3
कार्नाटक युद्धों के दौरान दक्षिण भारत में किस फ्रांसीसी कमांडर की भूमिका प्रमुख थी?
- लाली
- डूप्ले
- डूरांड
- बुस्सी
Answer: B — डूप्ले (Dupleix)
Explanation: डूप्ले फ्रांस का प्रमुख प्रतिनिधि था जिसने स्थानीय राजाओं के समर्थन से फ्रांसीसी प्रभुत्व का प्रयास किया।
MCQ–4
कार्नाटक शब्द ऐतिहासिक रूप से किस भौगोलिक क्षेत्र से जुड़ा है?
- उत्तर-भारत
- दक्कन का पश्चिमी भाग—कर्नाटक क्षेत्र
- पूर्वी सीमा क्षेत्र
- कोयंबटूर मंडल
Answer: B — दक्कन का पश्चिमी भाग—कर्नाटक क्षेत्र
Explanation: ऐतिहासिक 'कार्नाटक' शब्द दक्षिण-पश्चिम/दक्कन का हिस्सा संदर्भित करता है जहाँ युद्धों का अधिकांश प्रभाव महसूस हुआ।
MCQ–5
कार्नाटक युद्धों में किस तत्व ने भारतीय राज्यों को भी प्रभावित किया?
- यूनिवर्सिटी सुधार
- स्थानीय उत्तराधिकार विवादों में यूरोपीय पक्षपात
- महंगाई नियंत्रण
- स्थानीय कृषि नीति
Answer: B — स्थानीय उत्तराधिकार विवादों में यूरोपीय पक्षपात
Explanation: हैदराबाद, कर्नाटक आदि के उत्तराधिकार संघर्षों में फ्रांस/ब्रिटेन ने अलग-अलग दावेदारों का समर्थन किया, जिससे युद्ध का विस्तार हुआ।
MCQ–6
Aix-la-Chapelle संधि (1748) का कार्नाटक युद्धों पर क्या प्रभाव पड़ा?
- यह युद्ध समाप्त कर दी
- यह मद्रास अंग्रेजों को वापस दिलाने का कारण बनी
- फ्रांस का भारत में पूर्ण जीत हुई
- यह नकारात्मक प्रभाव रहा
Answer: B — यह मद्रास अंग्रेजों को वापस दिलाने का कारण बनी
Explanation: Aix-la-Chapelle की शांति शर्तों के तहत कुछ क्षेत्रों का आदान-प्रदान हुआ, और मद्रास अंग्रेजों को लौटा दिया गया।
MCQ–7
कार्नाटक युद्धों में किस यूरोपीय देश का 'Naval Power' निर्णायक था?
- डच
- फ्रांस
- ब्रिटेन
- स्पेन
Answer: C — ब्रिटेन
Explanation: ब्रिटिश नौसेना वैश्विक रूप से शक्तिशाली थी और इसके कारण फ्रांसीसी आपूर्ति-समर्थन बाधित हुआ।
MCQ–8
कार्नाटक युद्धों के दौरान किसने मद्रास पर हमला कर अस्थायी रूप से कब्ज़ा कर लिया?
- डूप्ले
- ला बॉरडोनेआस (Labourdonnais)
- रॉबर्ट क्लाइव
- सर आयर कूट
Answer: B — ला बॉरडोनेआस (Labourdonnais)
Explanation: प्रथम कार्नाटक युद्ध में Labourdonnais और फ्रांसीसी नौसेना ने मद्रास पर हमला किया और अस्थायी कब्ज़ा किया।
MCQ–9
कार्नाटक युद्धों का सबसे निर्णायक युद्ध कौन-सा माना जाता है?
- Siege of Arcot
- Battle of Plassey
- Battle of Wandiwash
- Battle of Buxar
Answer: C — Battle of Wandiwash
Explanation: 1760 के वंडीवाश युद्ध में अंग्रेजों ने फ्रांसीसी सेना को निर्णायक रूप से हराया; इससे फ्रांस का राजनीतिक प्रभुत्व समाप्त हुआ।
MCQ–10
कार्नाटक युद्धों का वैश्विक समकक्ष कौन-सा युद्ध था?
- Thirty Years' War
- Seven Years' War
- Napoleonic Wars
- Crimean War
Answer: B — Seven Years' War
Explanation: तृतीय कार्नाटक युद्ध वैश्विक Seven Years' War (1756–1763) का एशियाई रूप था।
SECTION–B : First Carnatic War (1746–1748) (11–20)
MCQ–11
प्रथम कार्नाटक युद्ध किस वर्ष से किस वर्ष तक चला?
- 1746–1748
- 1749–1754
- 1756–1763
- 1760–1762
Answer: A — 1746–1748
MCQ–12
प्रथम कार्नाटक युद्ध में मद्रास पर कब और किसने कब्ज़ा किया?
- 1746 — फ्रांसीसी (Labourdonnais)
- 1747 — अंग्रेजों
- 1746 — डच
- 1748 — मराठा
Answer: A — 1746 — फ्रांसीसी (Labourdonnais)
MCQ–13
प्रथम कार्नाटक युद्ध का औपचारिक समापन किस संधि से हुआ?
- Paris Treaty
- Aix-la-Chapelle
- Versailles
- Allahabad Treaty
Answer: B — Aix-la-Chapelle
Explanation: 1748 में Aix-la-Chapelle की संधि ने कई युरोपीय तथा उपनिवेशिक विवादों को विराम दिया; इससे भारत में कुछ धक्का-प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
MCQ–14
प्रथम कार्नाटक युद्ध में फ्रांसीसी और अंग्रेजों ने किस प्रकार का सहयोग/विरोध दिखाया?
- समान रणनीति पर कार्य
- स्थानीय राज्यों के साथ गठबंधन तथा विरोध
- केवल व्यापारिक प्रतिस्पर्धा
- कोई भी नहीं
Answer: B — स्थानीय राज्यों के साथ गठबंधन तथा विरोध
MCQ–15
प्रथम युद्ध में किस फ्रांसीसी नेता और किस अंग्रेज नेता का प्रत्यक्ष मुकाबला रहा?
- डूप्ले × क्लाइव
- Labourdonnais × इंग्लिश फैक्ट्री अधिकारी
- लाली × कोट
- डूरांड × वॉटसन
Answer: B — Labourdonnais × इंग्लिश फैक्ट्री अधिकारी
MCQ–16
प्रथम कार्नाटक युद्ध के परिणामस्वरूप क्या हुआ?
- फ्रांस का पूरा कब्ज़ा
- स्थिर जवाबदेही और अंग्रेजी जीत
- आंशिक क्षेत्रीय परिवर्तन और शांति
- भारत विभाजन
Answer: C — आंशिक क्षेत्रीय परिवर्तन और शांति
Explanation: संधि के बाद कुछ क्षेत्रों का आदान-प्रदान हुआ पर पूर्ण निर्णायक परिवर्तन नहीं हुए; भविष्य के संघर्षों के बीज बचे।
MCQ–17
प्रथम कार्नाटक युद्ध में किस देश की नौसेना ने प्रमुख भूमिका निभाई?
- डच
- फ्रांस
- इंग्लैंड
- स्पेन
Answer: B — फ्रांस
MCQ–18
Aix-la-Chapelle के बाद मद्रास किसे वापस कर दिया गया?
- फ्रांस को
- डच को
- अंग्रेज़ों को
- नवाब को
Answer: C — अंग्रेज़ों को
MCQ–19
प्रथम कार्नाटक युद्ध ने किस महत्वपूर्ण तथ्य को उजागर किया?
- स्थानीय भारतीयों की जीत
- युद्धों में यूरोपीय साजिशें और स्थानीय गठजोड़ का महत्व
- डच श्रेष्ठता
- किसी नवीन तकनीक का प्रयोग
Answer: B — युद्धों में यूरोपीय साजिशें और स्थानीय गठजोड़ का महत्व
MCQ–20
प्रथम कार्नाटक युद्ध के बाद फ्रांसीसी नीति का क्या प्रभाव पड़ा?
- अन्ततः दक्षिण भारत में फ्रांसीसी महत्वाकांक्षा बढ़ी
- फ्रांस ने पूरी तरह भारत छोड़ दिया
- फ्रांस ने इंग्लैंड के साथ मिलकर शासन किया
- डचों ने शासन संभाला
Answer: A — अन्ततः दक्षिण भारत में फ्रांसीसी महत्वाकांक्षा बढ़ी
Explanation: डूप्ले की आगे की नीतियाँ द्वितीय युद्ध में और अधिक सक्रिय हुईं।
SECTION–C : Second Carnatic War (1749–1754) (21–30)
MCQ–21
द्वितीय कार्नाटक युद्ध का मुख्य केन्द्र कौन-सा था?
- बंगाल
- हैदराबाद और कर्नाटक के उत्तराधिकार
- पश्चिमी सीमाएँ
- राहत कार्य
Answer: B — हैदराबाद और कर्नाटक के उत्तराधिकार
MCQ–22
द्वितीय युद्ध में आर्कोट की घेराबंदी किसने की और किसने बचाया?
- डूप्ले ने घेरा; क्लाइव ने बचाया
- फ्रांसीसी ने घेरा; रॉबर्ट क्लाइव ने आक्रमण कर इसे सुरक्षित किया
- डच ने घेरा; अंग्रेजों ने नष्ट किया
- नवाब ने घेरा; मराठों ने रोका
Answer: B — फ्रांसीसी ने घेरा; रॉबर्ट क्लाइव ने आक्रमण कर इसे सुरक्षित किया
Explanation: Siege of Arcot (1751) में क्लाइव की छोटी सेना ने सफलतापूर्वक आर्कोट पर कब्ज़ा कर फ्रांसीसी समर्थित विरोध का सामना किया।
MCQ–23
द्वितीय कार्नाटक युद्ध में किसने अंग्रेज़ों का नेतृत्व किया?
- डूप्ले
- रॉबर्ट क्लाइव और Company officers
- लाली
- हैक्टर मनरो
Answer: B — रॉबर्ट क्लाइव और Company officers
MCQ–24
द्वितीय कार्नाटक युद्ध का परिणाम क्या हुआ?
- फ्रांस की निर्णायक जीत
- अंग्रेजों की प्रतिष्ठा बढ़ी; फ्रांसीसी प्रभाव घटा
- डचों का उदय
- किसी भी पक्ष का स्पष्ट विजय नहीं
Answer: B — अंग्रेजों की प्रतिष्ठा बढ़ी; फ्रांसीसी प्रभाव घटा
MCQ–25
द्वितीय कार्नाटक युद्ध में किस क्षेत्रीय नवाब का नाम प्रमुखता से जुड़ा है?
- सिराजुद्दौला
- मुहम्मद अली (चेरा/Arcot)
- मीर कासिम
- अलीवर्दी खान
Answer: B — मुहम्मद अली
Explanation: मुहम्मद अली आर्कोट/कर्नाटक राजनीति में अंग्रेजों का समर्थक बना और बाद में Arcot के मामले में अंग्रेजों का सहयोगी रहा।
MCQ–26
द्वितीय युद्ध के दौरान फ्रांसीसी रणनीति किस पर अधिक आधारित थी?
- नौसेना की पूर्ण निर्भरता
- स्थानीय शक्तियों के साथ गठबंधन और सैनिक सहायता
- सिर्फ व्यापारिक दबाव
- डच समर्थन
Answer: B — स्थानीय शक्तियों के साथ गठबंधन और सैनिक सहायता
MCQ–27
द्वितीय कार्नाटक युद्ध की एक प्रमुख सीख किसे माना जा सकता है?
- छोटी सेनाएँ निर्णायक नहीं
- स्थानिक गठबंधनों का महत्व और नेतृत्व
- डचों का हस्तक्षेप निर्णायक था
- किसी भी विदेशी का प्रभाव नहीं है
Answer: B — स्थानिक गठबंधनों का महत्व और नेतृत्व
MCQ–28
द्वितीय युद्ध में ब्रिटिश रणनीति का प्रमुख आधार क्या था?
- प्रत्येक निर्णायक लड़ाई में बड़ी संख्या
- सामरिक कूटनीति + समर्पित नेतृत्व (Clive)
- सिर्फ नौसैनिक शक्ति
- नवाबों को नष्ट करना
Answer: B — सामरिक कूटनीति + समर्पित नेतृत्व (Clive)
MCQ–29
द्वितीय कार्नाटक युद्ध ने भारत में किस रास्ते को संभव बनाया?
- डच शासन
- अंग्रेजों का राजनीतिक हस्तक्षेप और विस्तार
- फ्रांस का पूर्ण शासन
- मुगलों का पुनरुत्थान
Answer: B — अंग्रेजों का राजनीतिक हस्तक्षेप और विस्तार
MCQ–30
द्वितीय कार्नाटक युद्ध में किस यूरोपीय शक्ति को सबसे अधिक नुक़सान हुआ?
- डच
- फ्रांस
- पुर्तगाल
- स्पेन
Answer: B — फ्रांस
SECTION–D : Third Carnatic War (1756–1763) (31–40)
MCQ–31
तृतीय कार्नाटक युद्ध का वैश्विक प्रतिनिधित्व किस बड़े युद्ध से जुड़ा है?
- Seven Years' War
- World War I
- Napoleonic Wars
- American War of Independence
Answer: A — Seven Years' War
MCQ–32
वंडीवाश (Wandiwash) की लड़ाई किस वर्ष लड़ी गई?
- 1750
- 1760
- 1745
- 1770
Answer: B — 1760
MCQ–33
वंडीवाश के मुख्य अंग्रेजी कमांडर कौन थे?
- रॉबर्ट क्लाइव
- सर आयर कोट (Sir Eyre Coote)
- हैक्टर मनरो
- लॉर्ड क्लाइव
Answer: B — Sir Eyre Coote
Explanation: Sir Eyre Coote ने वंडीवाश में फ्रांसीसी सेना पर निर्णायक विजय दिलाई।
MCQ–34
वंडीवाश की विजय का मुख्य प्रभाव क्या था?
- फ्रांस का भारत में राजनीतिक प्रभुत्व समाप्त होना
- डचों का उदय
- मुगलों का पुनरुत्थान
- अंग्रेजों का कमजोर होना
Answer: A — फ्रांस का भारत में राजनीतिक प्रभुत्व समाप्त होना
MCQ–35
पांडिचेरी पर अंतिम अंग्रेजी आक्रमण किस वर्ष में हुआ?
- 1750
- 1761
- 1740
- 1775
Answer: B — 1761
Explanation: 1761 में पांडिचेरी पर अंग्रेजी आक्रमण हुआ जिससे फ्रांसीसी मुख्यालय ध्वस्त हुआ।
MCQ–36
तृतीय युद्ध में फ्रांसीसी कमांडर कौन थे जिनके नेतृत्व में फ्रांस को भारी हार झेलनी पड़ी?
- डूप्ले
- लुई दि लाली (Count de Lally)
- Labourdonnais
- डूरांड
Answer: B — Count de Lally (लाली)
Explanation: Count de Lally ने फ्रांसीसी सैन्य अभियान का नेतृत्व किया पर असफल रहा और वंडीवाश में हार का सामना किया।
MCQ–37
तृतीय कार्नाटक युद्ध में फ्रांस और ब्रिटेन के बीच लड़ाई का समापन किस संधि से हुआ?
- Paris Treaty, 1763
- Aix-la-Chapelle
- Allahabad Treaty
- Treaty of Utrecht
Answer: A — Paris Treaty, 1763
Explanation: Paris Treaty ने वैश्विक स्तर पर कई उपनिवेशिक सवालों का निपटारा किया और फ्रांस को भारत में सीमित कर दिया।
MCQ–38
तृतीय युद्ध के बाद फ्रांस का भारत में मुख्य कार्य किस प्रकार सीमित हुआ?
- वह केवल व्यापारिक केंद्र रख सकता था, पर बिना सैनिक शक्ति के
- फ्रांस को पुरे भारत पर शासन मिला
- फ्रांस ने भारत से पूर्ण वापसी कर ली
- फ्रांस ने डचों से गठबंधन किया
Answer: A — केवल व्यापारिक केंद्र; बिना सैनिक शक्ति के
MCQ–39
तृतीय कार्नाटक युद्ध में ब्रिटिश जीत का मुख्य कारण क्या माना जाता है?
- बेहतर लॉजिस्टिक, नौसैनिक प्रभुत्व और अनुशासित सेना
- अनुकूल मौसम
- मल्टीनेशनल गठबंधन
- डच समर्थन
Answer: A — बेहतर लॉजिस्टिक, नौसैनिक प्रभुत्व और अनुशासित सेना
MCQ–40
वंडीवाश के बाद भारत में किस यूरोपीय शक्ति की महत्वाकांक्षा ध्वस्त हुई?
- डच
- फ्रांस
- पुर्तगाल
- स्पेन
Answer: B — फ्रांस
SECTION–E : Leaders, Strategies & Key Battles (41–50)
MCQ–41
रॉबर्ट क्लाइव का कार्नाटक युद्धों में सबसे प्रसिद्ध कार्य क्या था?
- पांडिचेरी पर कब्ज़ा
- आर्कोट (Siege of Arcot) पर जीत और रणनीतिक हस्तक्षेप
- वंडीवाश में नेतृत्व
- बक्सर की लड़ाई
Answer: B — आर्कोट पर जीत और रणनीतिक हस्तक्षेप
Explanation: 1751 में क्लाइव ने कम संख्या में आर्कोट पर कब्ज़ा कर मनोवैज्ञानिक व रणनीतिक लाभ दिलाया; यह द्वितीय कार्नाटक युद्ध की निर्णायक घटना बनी।
MCQ–42
डूप्ले की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- सिर्फ व्यापार
- फ्रांस के लिये दक्षिण भारत में राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करना
- डचों के साथ गठबंधन बनाना
- अंग्रेजों की सहायता करना
Answer: B — फ्रांस के लिये दक्षिण भारत में राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करना
MCQ–43
आर्कोट के घेराबंदी के समय क्लाइव के पास लगभग कितनी यूरोपीय व भारतीय सेनाएँ थीं?
- 200–300
- 5000–6000
- 15000–20000
- 100–150
Answer: A — 200–300 (combined small detachment)
Explanation: क्लाइव के पास सीमित बल थे (~200 यूरोपीय + कुछ sepoys), पर उसने साहसिक रणनीति से जीत हासिल की।
MCQ–44
Sir Eyre Coote को किस कारण से याद किया जाता है?
- बक्सर की लड़ाई में नेतृत्व
- वंडीवाश में फ्रांसीसी पर निर्णायक जीत
- प्लासी में रणनीति
- डचों के साथ समझौता
Answer: B — वंडीवाश में फ्रांसीसी पर निर्णायक जीत
MCQ–45
आर्कोट की लड़ाई का महत्व परीक्षा उत्तर में कैसे बताना चाहिए?
- सिर्फ एक छोटी लड़ाई बताएं
- यह क्लाइव की रणनीति और अंग्रेजों की मानसिक व राजनीतिक मजबूती का उदाहरण है
- यह फ्रांस की जीत थी
- यह अनावश्यक था
Answer: B — क्लाइव की रणनीति और अंग्रेजों की मानसिक व राजनीतिक मजबूती का उदाहरण
Explanation: आर्कोट ने दिखाया कि कम संसाधन और बेहतर नेतृत्व से भी बड़े लाभ लिए जा सकते हैं; यह अंग्रेजी हस्तक्षेप का turning point माना जाता है।
MCQ–46
कार्नाटक युद्धों से कौन-सा दीर्घकालिक परिणाम निकला?
- फ्रांस का भारत पर प्रभुत्व बढना
- अंग्रेजों का राजनीतिक उदय और बंगाल की ओर ध्यान
- डचों का पूर्ण शासन
- मुगल साम्राज्य का पुनरुत्थान
Answer: B — अंग्रेजों का राजनीतिक उदय और बंगाल की ओर ध्यान
MCQ–47
कार्नाटक युद्धों के दौरान किस रणनीतिक तत्व ने सबसे अधिक काम किया?
- हिस्सेदारी (alliances) और आंतरिक भारतीय राजनीति में हस्तक्षेप
- केवल नौसैनिक शक्ति
- किसी नई बंदूक की खोज
- मौसम परिवर्तन
Answer: A — alliances और आंतरिक भारतीय राजनीति में हस्तक्षेप
Explanation: दोनों यूरोपीय शक्तियों ने स्थानीय राजाओं/नवाबों के साथ गठजोड़ कर राजनीतिक लाभ उठाने की नीति अपनायी।
MCQ–48
कार्नाटक युद्धों में किसने दीर्घकालिक विजय पाई?
- फ्रांस
- डच
- पुर्तगाल
- ब्रिटेन
Answer: D — ब्रिटेन
MCQ–49
कार्नाटक युद्धों के सन्दर्भ में 'दोपहर की राजनीति' (divide & rule) की अवधारणा का क्या महत्व है?
- यह लागू नहीं होता
- यह दिखाती है कि अंग्रेजों ने स्थानीय विभाजन और गठजोड़ का उपयोग अपनी बढ़त के लिये किया
- यह फ्रांस की नीति थी
- यह सिर्फ सामरिक तकनीक थी
Answer: B — अंग्रेजों ने स्थानीय विभाजन और गठजोड़ का उपयोग किया
MCQ–50
कार्नाटक युद्धों का संक्षिप्त निष्कर्ष (one-line) क्या होगा?
- फ्रांस ने भारत जीत लिया
- अंग्रेजों ने दक्षिण भारत में निर्णायक प्रभुत्व स्थापित किया
- डचों ने ब्रिटेन को पराजित किया
- युद्धों का कोई प्रभाव नहीं हुआ
Answer: B — अंग्रेजों ने दक्षिण भारत में निर्णायक प्रभुत्व स्थापित किया
Explanation: इन युद्धों के बाद अंग्रेजों की स्थिति इतनी सुदृढ़ हुई कि उन्होंने आगे के बंगाल अभियान और प्लासी जैसी निर्णायक कार्रवाइयाँ सफलतापूर्वक अंजाम दीं।
BLOCK–3 समाप्त • कुल प्रश्न: 50
MCQs Block–4 : प्लासी (1757) और बक्सर (1764)
कुल प्रश्न: 50 | प्रत्येक प्रश्न के नीचे विस्तृत उत्तर (Exam-Oriented)
SECTION–A : Background & Key Players (1–10)
MCQ–1
प्लासी का युद्ध किस वर्ष लड़ा गया?
- 1756
- 1757
- 1764
- 1765
Answer: B — 1757
Explanation: प्लासी की लड़ाई 23 जून 1757 को लड़ी गई; यह अंग्रेज़ों के बंगाल में प्रभाव स्थापित करने की निर्णायक घटना मानी जाती है।
MCQ–2
प्लासी युद्ध में अंग्रेजों के नेता कौन थे?
- रॉबर्ट क्लाइव
- हैक्टर मनरो
- सर आयर कोट
- लॉर्ड क्लाइव नहीं
Answer: A — रॉबर्ट क्लाइव
Explanation: रॉबर्ट क्लाइव (Robert Clive) प्लासी अभियान में मुख्य भूमिका निभाने वाले प्रमुख अंग्रेज नेता थे।
MCQ–3
प्लासी में किस नवाब का शासन गिरा?
- अलीवर्दी खान
- सिराजुद्दौला
- मीर जाफर
- मीर कासिम
Answer: B — सिराजुद्दौला
Explanation: प्लासी में सिराजुद्दौला पराजित हुए और सत्ता उससे छिनी गई; मीर जाफर को नवाब बनवाया गया।
MCQ–4
प्लासी युद्ध में मीर जाफर की भूमिका क्या थी?
- सिराज के प्रबल समर्थक
- सिराज का विश्वासपात्र पर द्रोह/विश्वासघाती साझीदार
- अंग्रेजों के खिलाफ निर्णायक सेनापति
- नवाब का बेटा
Answer: B — सिराज का विश्वासपात्र पर द्रोह/विश्वासघाती साझीदार
Explanation: मीर जाफर ने अंग्रेजों के साथ गुप्त समझौता किया और युद्ध में लड़ने से इनकार कर दिया — यही प्लासी की जीत का मुख्य कारण था।
MCQ–5
प्लासी से पहले कौन-सी घटना कलकत्ता (Calcutta) में हुई थी जिसे अंग्रेजों ने युद्ध का कारण बताया?
- किसान विद्रोह
- Black Hole Incident (ब्लैक होल घटना)
- म्यूज़ियम डकैती
- किसी राजघराने की शादी
Answer: B — Black Hole Incident
Explanation: 1756 में कलकत्ता पर कब्जे के बाद कुछ अंग्रेज कैदियों को एक छोटे कमरे में बंद करने की घटना को अंग्रेजों ने बड़े रूप में प्रचारित किया; यह प्लासी के माहौल को अचानक भड़काने में मददगार थी।
MCQ–6
प्लासी के तत्काल बाद किसे अंग्रेजों ने nominal (नाममात्र) नवाब बनाया?
- मीर कासिम
- मीर जाफर
- सिराजुद्दौला
- अलीवर्दी खान
Answer: B — मीर जाफर
Explanation: प्लासी के बाद अंग्रेजों ने मीर जाफर को नवाब नियुक्त करवाया ताकि वे पीछे से शासन नियंत्रित कर सकें।
MCQ–7
प्लासी में अंग्रेज़ों की जीत का सबसे निर्णायक कारण क्या माना जाता है?
- अधिक आयु वाले सैनिक
- मीर जाफर का विश्वासघात और गुटबाजी
- फ्रांसीसी समर्थन
- प्राकृतिक आपदा
Answer: B — मीर जाफर का विश्वासघात और गुटबाजी
Explanation: प्रमुख भारतीय सेनापतियों के बीच संबंधों और मीर जाफर के षड्यंत्र ने युद्ध का परिणाम निर्धारित किया; सैन्य क्षमता अकेला कारण नहीं थी।
MCQ–8
प्लासी के बाद अंग्रेजों ने बंगाल से किस प्रकार का लाभ उठाया?
- स्थानीय शिक्षा में निवेश
- भारत से विनिर्माण का विकास
- राजस्व, व्यापार और धनिकों से आर्थिक लाभ
- कोई लाभ नहीं
Answer: C — राजस्व, व्यापार और धनिकों से आर्थिक लाभ
Explanation: प्लासी के बाद अंग्रेजों को बंगाल की आय व संसाधन उपलब्ध हुए जिनसे उन्होंने अपनी सेना व व्यापारी शक्ति बढ़ाई।
MCQ–9
किस अंग्रेज अधिकारी ने प्लासी की राजनीति में गुप्त डील्स करवाईं और साहाय्यता की?
- हैक्टर मनरो
- विलियम वॉट्स (William Watts) और अन्य फैक्ट्री अधिकारियों
- सर आयर कोट
- लॉर्ड क्लाइव
Answer: B — William Watts और अन्य फैक्ट्री अधिकारियों
Explanation: विलियम वॉट्स और कुछ व्यापारियों/बैंकरों ने मीर जाफर तथा अन्य स्थानीय शक्तियों के साथ गुप्त समझौते कर अंग्रेजों को सहायता दिलवाई।
MCQ–10
प्लासी के मामले में ‘कूटनीति’ और ‘षड्यंत्र’ का क्या महत्व दिखता है?
- न्यूनतम
- अत्यधिक — निर्णायक
- कोई नहीं
- सिर्फ़ आर्थिक
Answer: B — अत्यधिक — निर्णायक
Explanation: प्लासी में खुले युद्ध की तुलना में कूटनीति, रिश्वत व विश्वासघात ने निर्णायक भूमिका निभाई; इसलिए यह राजनीतिक चालों का उच्चतम उदाहरण है।
SECTION–B : Events & Tactical Details of Plassey (11–20)
MCQ–11
प्लासी का युद्ध कहां हुआ था?
- कलकत्ता के पास — पलाशी (Plassey / Palashi) — नदिया ज़िला
- पटना
- बक्सर
- आग्रा
Answer: A — Palashi (नदिया ज़िला, Bengal)
Explanation: प्लासी (Palashi) नदिया जिले में गंगा के निकट स्थित क्षेत्र है जहाँ 23 जून 1757 को लड़ाई लड़ी गई।
MCQ–12
प्लासी में अंग्रेजों के कितने सैनिक थे (approx.)?
- 50–100
- 300–1000 (approx. small European contingent + sepoys)
- 10000–15000
- 5000–8000
Answer: B — 300–1000 (approx.)
Explanation: अंग्रेजों की यूरोपीय संख्या कम थी पर कंपनी के प्रशिक्षित sepoys भी साथ थे; पर मुख्य निर्णायक बिंदु राजनीतिक षड्यंत्र था।
MCQ–13
प्लासी के बाद अंग्रेजों ने मीर जाफर से क्या माँगा था?
- सिर्फ़ सम्मान
- भारी धनराशि (indemnity), व्यापार सुविधाएँ और भूमियां
- मिलिट्री समर्थन
- कुछ नहीं
Answer: B — भारी धनराशि, व्यापार सुविधाएँ और भूमियां
Explanation: मीर जाफर को नवाब बनवाने के बदले अंग्रेजों ने आर्थिक लाभ और विशेषाधिकार माँगे; मीर जाफर ने इन मांगों का भुगतान वायदा किया।
MCQ–14
प्लासी के परिणामस्वरूप अंग्रेजों का क्या राजनीतिक यकीन बना?
- वे कभी भी राजनीतिक हस्तक्षेप न करें
- छोटी ही सही, पर राजनीतिक सत्ता प्राप्त की जा सकती है
- सिर्फ़ व्यापार पर ही निर्भर रहें
- फ्रांसीसी से दोस्ती करें
Answer: B — छोटी ही सही, पर राजनीतिक सत्ता प्राप्त की जा सकती है
Explanation: प्लासी ने साबित कर दिया कि स्थानीय सत्ता-हस्तक्षेप और मनोवैज्ञानिक/कूटनीतिक चालों से अंग्रेज राजनीतिक नियंत्रक बन सकते हैं।
MCQ–15
प्लासी के बाद अंग्रेजों ने किस स्थानीय वर्ग के साथ गठजोड़ बढ़ाया?
- किसानों
- नौकरशाह/बैंकर्स और व्यापारी (e.g., Jagat Seth)
- सैन्य जनरल
- मुस्लिम धार्मिक नेतृत्व
Answer: B — बैंकर/व्यापारी
Explanation: अंग्रेजों ने स्थानीय व्यापारियों, बैंकरों और तस्करों से संबंध बढ़ाकर आर्थिक व जानकारी तंत्र मजबूत किया।
MCQ–16
प्लासी के बाद मीर जाफर ने किन्हें प्रमुख पद दिए ताकि अंग्रेजों का हित सुरक्षित रहे?
- स्वतंत्र सैन्य कमांडरों को
- अंग्रेज समर्थक अधिकारियों को और अंग्रेजी सलाहकारों को सत्ता के पास रखा
- फ्रांसीसी अधिकारियों को
- किसानों को
Answer: B — अंग्रेज समर्थक अधिकारियों और सलाहकारों को
Explanation: मीर जाफर ने अंग्रेजों के नॉमिनल हितों के अनुरूप नियुक्तियाँ कीं ताकि अंग्रेजों की संतुष्टि बनी रहे।
MCQ–17
प्लासी के बाद Company ने किस चीज़ का व्यापक उपयोग बढ़ाया?
- नौकरशाही नीतियां
- वित्तीय स्रोतों का दुरुपयोग (loot), राजस्व सिस्टम का उपयोग
- सामाजिक कल्याण योजनाएँ
- सोशल मीडिया
Answer: B — वित्तीय स्रोतों का दुरुपयोग, राजस्व सिस्टम का उपयोग
Explanation: प्लासी के बाद कंपनी ने बंगाल की आय व संसाधनों का इस्तेमाल अपनी फौज और व्यापार विस्तार में करना शुरू कर दिया।
MCQ–18
प्लासी को किस तरह का युद्ध कहा जा सकता है?
- कठोर सैन्य टकराव
- राजनीतिक षड्यंत्र-विरोधी युद्ध
- किसान विद्रोह
- कोई युद्ध नहीं
Answer: B — राजनीतिक षड्यंत्र-विरोधी युद्ध
Explanation: प्लासी में सैन्य लड़ाई कम और राजनीतिक षड्यंत्र व समझौते अधिक निर्णायक थे।
MCQ–19
प्लासी के बाद अंग्रेजों के प्रमुख उद्देश्य क्या रहे?
- स्थानीय कल्याण
- बंगाल की आमदनी और व्यापार नियंत्रण
- मुगलों का पुनरुत्थान
- फ्रांसीसी का समर्थन
Answer: B — बंगाल की आमदनी और व्यापार नियंत्रण
Explanation: अंग्रेजों का लक्ष्य बंगाल की संसाधन-खपत से कम्पनी की क्षमता व सेना बढ़ाना था।
MCQ–20
प्लासी के बाद किस प्रकार की शासन-व्यवस्था का आरम्भ हुआ (temporary)?
- सीधा Company राज तुरंत
- नॉमिनल नवाब के साथ company का नियंत्रक प्रभाव (indirect rule)
- फ्रांसीसी राज
- मुगल पुनरुत्थान
Answer: B — नॉमिनल नवाब + company controlling influence
Explanation: प्लासी के बाद अंग्रेजों ने नॉमिनल नवाब स्थापित किया पर असली शक्ति कम्पनी के हाथ में रही — यह द्वैध/अबोध नियंत्रण का प्रारम्भ था।
SECTION–C : Mir Jafar → Mir Qasim → Conflict Leading to Buxar (21–30)
MCQ–21
मीर जाफर के बाद किसे नवाब बनाया गया (eventually) क्योंकि मीर जाफर अंग्रेजों की माँगों को पूरा नहीं कर पा रहे थे?
- मीर कासिम
- सिराजुद्दौला फिर से
- अलीवर्दी खान
- शाह आलम
Answer: A — मीर कासिम
Explanation: अंग्रेजों ने मीर जाफर को हटाकर मीर कासिम को नियुक्त किया क्योंकि वे चाहते थे कि नवाब कंपनी की माँगों का पालन करे; पर मीर कासिम ने स्वतंत्र नीति अपनाई जिससे संघर्ष बढ़ा।
MCQ–22
मीर कासिम ने किन सुधारों को लागू किया ताकि अंग्रेजों की आसान वसूली रोकी जा सके?
- कस्टम/दस्तक में समानता (commercial equality) और राजस्व प्रशासन सुधार
- किसानों पर अतिरिक्त कर लगाना
- अंग्रेजों को और विशेषाधिकार देना
- कोई सुधार नहीं
Answer: A — commercial equality & revenue reforms
Explanation: मीर कासिम ने अंग्रेजों को अन्य व्यापारियों के समान कराधान किया तथा दस्तक के दुरुपयोग को रोकने का प्रयत्न किया, जिससे संघर्ष उत्पन्न हुआ।
MCQ–23
मीर कासिम ने अपनी राजधानी किस स्थान पर शिफ्ट की?
- कलकत्ता
- मुगलपूर
- मुंगेर
- पटना
Answer: C — मुंगेर (Munger)
Explanation: मीर कासिम ने मुंगेर को अपने प्रशासनिक और सैन्य केन्द्र के रूप में महत्वपूर्ण बनाया।
MCQ–24
मीर कासिम और अंग्रेज़ Company के बीच संघर्ष का प्रमुख कारण क्या था?
- धर्म
- व्यापारिक समानता और दस्तक का दुरुपयोग
- भू-स्वामित्व विवाद
- विरासत का सवाल
Answer: B — व्यापारिक समानता और दस्तक का दुरुपयोग
MCQ–25
मीर कासिम ने किसकी सहायता के लिए गठबंधन बनाया था जब अंग्रेजों के साथ सीधी लड़ाई हुई?
- फ्रांसीसी
- शुजा-उद-दौला (Awadh) और शाह आलम-II (Mughal)
- मराठों
- डच
Answer: B — शुजा-उद-दौला और शाह आलम-II
Explanation: मीर कासिम ने शुजा-उद-दौला (Awadh) और शाह आलम-II के साथ गठबंधन किया ताकि अंग्रेजों को चुनौती दे सके — यही गठबंधन बक्सर में भिड़ंत का आधार बना।
MCQ–26
मीर कासिम के किस कदम ने अंग्रेजों को युद्ध पर मजबूर किया?
- अंग्रेजों को बराबरी पर कर देना और दस्तक का विरोध
- अंग्रेजों को आर्थिक अनुदान देना
- किसानों को अधिक अधिकार देना
- सिर्फ शांति प्रस्ताव भेजना
Answer: A — अंग्रेजों को बराबरी पर कर देना और दस्तक का विरोध
MCQ–27
मीर कासिम के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई का निर्णायक चरण कौन-सा था?
- प्लासी की लड़ाई
- बक्सर की लड़ाई (Buxar, 1764)
- वंडीवाश
- आर्कोट की घेराबंदी
Answer: B — बक्सर (1764)
Explanation: मीर कासिम, शुजा-उद-दौला और शाह आलम-II की संयुक्त सेना ने अंग्रेजों से मुक़ाबला किया; निर्णायक हार 22 अक्टूबर 1764 को बक्सर में हुई।
MCQ–28
मीर कासिम की अंग्रेजों से हार के परिणामस्वरूप क्या हुआ?
- अंग्रेजों ने वापस ले लिया
- अंग्रेजों को बंगाल पर दीवानी (revenue rights) मिलीं
- फ्रांसीसियों ने प्रभुत्व स्थापित किया
- डचों का उदय
Answer: B — अंग्रेजों को दीवानी अधिकार प्राप्त हुए (via later treaty)
Explanation: बक्सर की जीत के बाद अंग्रेजों ने इलाहाबाद के माध्यम से मुगल सम्राट और अन्य पार्टियों से अपने अधिकारों को वैधानिक रूप दिया।
MCQ–29
मीर कासिम के संघर्ष का लंबी अवधि में क्या प्रभाव रहा?
- मीर कासिम का सुधारात्मक प्रभाव कायम रहा
- यह अंग्रेजों की दीवानी की ओर मार्ग बना और Company शासन की नींव पक्की हुई
- फ्रांसीसियों का उदय हुआ
- मुगलों की शक्ति बहाल हुई
Answer: B — अंग्रेजों की दीवानी और Company शासन की नींव का मार्ग बना
MCQ–30
मीर कासिम के विरुद्ध अंग्रेजों का नेतृत्व किसने किया (Battle of Buxar में)?
- रॉबर्ट क्लाइव
- हैक्टर मनरो (Hector Munro)
- सर आयर कोट
- लार्ड क्लाइव
Answer: B — Hector Munro
Explanation: बक्सर की निर्णायक लड़ाई में अंग्रेजी सेना की कमान Hector Munro ने संभाली थी।
SECTION–D : Buxar — Events, Treaty & Aftermath (31–40)
MCQ–31
बक्सर की लड़ाई किस वर्ष हुई?
- 1757
- 1764
- 1765
- 1772
Answer: B — 1764
Explanation: बक्सर की लड़ाई 22 अक्टूबर 1764 को हुई — यह प्लासी के बाद अंग्रेजी प्रभुत्व की पुष्टि थी।
MCQ–32
बक्सर युद्ध में किसकी सेना अंग्रेजों के खिलाफ थी?
- मीर जाफर अकेला
- मीर कासिम, शुजा-उद-दौला और शाह आलम-II की संयुक्त सेना
- फ्रांसीसी सेना
- डच सेना
Answer: B — मीर कासिम, शुजा-उद-दौला और शाह आलम-II
MCQ–33
बक्सर की लड़ाई का प्रमुख परिणाम क्या था?
- अंग्रेजों की पराजय
- अंग्रेजों का निर्णायक विजय और बाद में दीवानी अधिकार
- फ्रांस का राजनीतिक उदय
- डचों का प्रभाव बढ़ना
Answer: B — अंग्रेजों की निर्णायक विजय और बाद में दीवानी अधिकार
MCQ–34
इलाहाबाद संधि (1765) किसके साथ की गयी थी जो अंग्रेजों को दीवानी प्रदान करती है?
- मीर जाफर
- शाह आलम-II (Mughal Emperor)
- मीर कासिम
- हिना
Answer: B — शाह आलम-II
Explanation: शाह आलम-II ने अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी देने का वचन दिया — यह अधिकार बाद में Company को अधिक औपचारिक रूप से मिला।
MCQ–35
इलाहाबाद संधि में अंग्रेजों ने शाह आलम-II को क्या दिया/वादा किया?
- कोई भुगतान नहीं
- वार्षिक पेंशन (annual pension) और सुरक्षा
- राजनैतिक समर्थन हटाया
- फ्रांसीसी से गठबंधन
Answer: B — वार्षिक पेंशन और सुरक्षा
Explanation: अंग्रेजों ने शाह आलम-II को वार्षिक पेंशन तथा संरक्षण के वादे के बदले दीवानी अधिकार प्राप्त किए।
MCQ–36
बक्सर के परिणामस्वरूप Company को क्या मिल गया?
- प्रमाणिक राजस्व संग्रहण का अधिकार (Diwani) — Bengal, Bihar, Odisha
- केवल व्यापारिक केंद्र
- कोई अधिकार नहीं
- फ्रांसीसी के साथ साझेदारी
Answer: A — Diwani rights (Bengal, Bihar, Odisha)
Explanation: बक्सर के बाद Company की आर्थिक शक्ति बढ़ी क्योंकि उसे राजस्व संग्रहण के कानूनी अधिकार मिल गए।
MCQ–37
बक्सर के बाद अंग्रेज Company ने किस प्रशासनिक व्यवस्था का प्रारम्भ किया?
- सिर्फ व्यापारिक नियम
- द्वैध शासन (Dual Government) — राजस्व कंपनी के पास, प्रशासन नवाब के पास (temporary)
- फ्रांसीसी शासन मॉडल
- पूरी तरह से नवाब शासन
Answer: B — Dual Government
Explanation: बक्सर व इलाहाबाद के बाद Company ने राजस्व अधिकार ग्रहण किये पर प्रशासनिक जिम्मेदारी नवाब पर छोड़ी — यही द्वैध व्यवस्था थी (1765–1772)।
MCQ–38
बक्सर के बाद किस तरह की आर्थिक नीति Company ने अपनायी?
- स्थानीय विकास पर निवेश
- राजस्व दोहन और निर्यात बढ़ाना
- कोई नीति नहीं
- अल्पकालिक राहत प्रयास
Answer: B — राजस्व दोहन और निर्यात बढ़ाना
Explanation: Company ने बंगाल की संपदा का उपयोग कर अपनी सैन्य तथा वाणिज्यिक जरूरतों के लिये आय जुटायी; इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई।
MCQ–39
बक्सर के बाद किसने Company के राजस्व अधिकारों का वास्तविक संचालन किया?
- नवाब खुद पूर्णतः
- Company के एजेंट और कलेक्टर्स
- फ्रांसीसी अधिकारी
- मुगल सीधे
Answer: B — Company के एजेंट और कलेक्टर्स
Explanation: Company ने अपने एजेंटों के माध्यम से राजस्व वसूली तथा प्रशासनिक नियंत्रण का प्रयोग आरम्भ किया।
MCQ–40
बक्सर के बाद किसने Company के शासन के खिलाफ गंभीर आलोचना ब्रिटिश गृह में शुरू की?
- ब्रिटिश संसद और कुछ अधिकारियों (leading to Regulating Act)
- फ्रांसीसी संसद
- डच संसदीय सदन
- कोई नहीं
Answer: A — British Parliament and critics
Explanation: Company के अत्याधिक शक्ति-प्रयोग व आर्थिक दुरुपयोग से ब्रिटिश संसद चिंतित हुई और बाद में Regulating Act (1773) आया।
SECTION–E : Comparative, Analytical & Essay-type MCQs (41–50)
MCQ–41
प्लासी और बक्सर के बीच मुख्य अंतर क्या है?
- प्लासी एक निजी विद्रोह था; बक्सर केवल व्यापारिक मामला
- प्लासी राजनीतिक षड्यंत्र/विश्वासघात पर आधारित था; बक्सर एक खुला सैन्य संघर्ष था जिसके बाद दीवानी मिली
- प्लासी बाद में बक्सर हुआ पर कोई फर्क नहीं
- दोनों केवल फ्रांसीसी बनाम अंग्रेज लड़ाइयाँ थीं
Answer: B — प्लासी: षड्यंत्र; बक्सर: सैन्य संघर्ष/दीवानी का मार्ग
Explanation: प्लासी अधिकतर राजनीतिक षड्यंत्र का परिणाम था जबकि बक्सर में अंग्रेजों ने सैन्य श्रेष्ठता दिखायी और राजस्व अधिकार वैधानिक रूप से सुनिश्चित किये।
MCQ–42
इनमें से किस घटना ने Company को दीवानी के पास पहुँचाने में सबसे निर्णायक भूमिका निभाई?
- आर्कोट की घेराबंदी
- प्लासी
- बक्सर
- वंडीवाश
Answer: C — बक्सर
Explanation: बक्सर की जीत और उसके बाद इलाहाबाद से प्राप्त अधिकारों ने Company को राजस्व संग्रहण का कानूनी अधिकार दिया।
MCQ–43
प्लासी और बक्सर की घटनाओं ने किस क्षेत्र को Company के लिए प्रमुख बना दिया?
- असम
- बंगाल (Bengal) — आर्थिक केंद्र
- दक्कन
- गोवा
Answer: B — Bengal
Explanation: बंगाल की समृद्धि (raw materials, trade) अंग्रेज Company के विस्तार के लिए केंद्रीय बन गयी।
MCQ–44
प्लासी के बाद अंग्रेजों की नीति क्या सिद्ध हुई?
- वे केवल व्यापारी बने रहेंगे
- वे स्थानीय सत्ता-निर्माण की राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल होंगे
- वे विदेशी गठबंधन से दूर रहेंगे
- वे फ्रांसीसी के साथ मिलकर शासन करेंगे
Answer: B — सक्रिय राजनीति और सत्ता-निर्माण
Explanation: प्लासी ने दिखाया कि अंग्रेज Company अब राजनीतिक निर्णयों व सत्ता-संरचनाओं में सक्रिय हस्तक्षेप करेगी।
MCQ–45
बक्सर की जीत ने अंग्रेज Company के क्या परिवर्तन लाये?
- Company को व्यापार-केवल नीति से शासन-धारिता में बदल दिया
- Company का पतन हुआ
- Company ने भारत छोड़ दिया
- Company ने पश्चिमी उपनिवेशियों से गठबंधन किया
Answer: A — Company ने शासन-धारिता अपनाई
Explanation: बक्सर के बाद Company के पास राजस्व अधिकार आ गए और वह प्रशासनिक व सैन्य जिम्मेदारियाँ निभाने लगी — यह Company Rule की शुरुआत थी।
MCQ–46
प्लासी एवं बक्सर के ऐतिहासिक महत्व का सर्वोच्च सार क्या कहा जा सकता है?
- फ्रांसीसी का उदय
- अंग्रेजों का भारत में राजनीतिक और राजस्व-नियंत्रण स्थापित करना
- डचों का राष्ट्रीय नियंत्रण
- मुगल साम्राज्य की पुनर्स्थापना
Answer: B — अंग्रेजों का राजनीतिक व राजस्व-नियंत्रण
Explanation: इन घटनाओं ने Company को राजनीतिक शक्ति, राजस्व और सैन्य संसाधन दिलाये — जो बाद में ब्रिटिश राज में परिवर्तित हुआ।
MCQ–47
इन दोनों घटनाओं के बाद किस ब्रिटिश क़ानूनी-प्रशासनिक सुधार का मार्ग खुला?
- Regulating Act (1773) और बाद में Pitt's India Act (1784)
- French Revolution
- American Independence Act
- None
Answer: A — Regulating Act 1773 और Pitt's India Act 1784
Explanation: Company के शासन-व्यवहार के दुरुपयोग से ब्रिटिश संसद ने Company को नियंत्रित करने हेतु ऐक्ट पास किये।
MCQ–48
प्लासी व बक्सर के सन्दर्भ में ‘द्वैध शासन’ किस प्रकार उत्पन्न हुआ?
- Company ने राजस्व लेना शुरू किया पर प्रशासन नवाब के पास रहने दिया
- नवाब ने पूर्ण सत्ता ली
- फ्रांसीसियों ने शासन लिया
- डचों ने शासन लिया
Answer: A — Company ने दीवानी, नवाब के पास प्रशासन
Explanation: यह नीति विशेषकर बक्सर व इलाहाबाद के बाद Company द्वारा अपनायी गयी व 1765–1772 में द्वैध शासन का रूप ली।
MCQ–49
इतिहासकारों के अनुसार प्लासी की लड़ाई का सबसे आलोचित पक्ष कौन-सा है?
- सैन्य बहादुरी का अभाव
- अंग्रेजों के षड्यंत्र व स्थानीय नेताओं के साथ मिलीभगत के कारण नैतिक प्रश्न
- मौसम की वजह
- कोई नहीं
Answer: B — षड्यंत्र और मिलीभगत का नैतिक प्रश्न
Explanation: प्लासी को अक्सर षड्यंत्र व भरोसे का उल्लंघन कहा जाता है; इससे राजनीतिक नैतिकता पर गंभीर प्रश्न उठे।
MCQ–50
प्लासी और बक्सर का समेकित निष्कर्ष एक वाक्य में क्या होगा?
- ये घटनाएँ Company के व्यापारिक ही रहे
- इनके परिणामस्वरूप अंग्रेज Company व्यापार से शासन की ओर बढ़ी और ब्रिटिश राज का मार्ग तैयार हुआ
- इनका कोई प्रभाव नहीं हुआ
- इनसे फ्रांसीसी मजबूत हुए
Answer: B — Company व्यापार से शासन की ओर बढ़ी और ब्रिटिश राज का मार्ग तैयार हुआ
Explanation: प्लासी ने राजनीतिक हस्तक्षेप की शुरुआत की, बक्सर ने इसे वैधानिक तथा वित्तीय आधार दिया — संयुक्त रूप से यह Company Rule का आरंभ साबित हुआ।
BLOCK–4 समाप्त • कुल प्रश्न: 50
MCQs Block–5 : बंगाल में द्वैध शासन (Dual Government, 1765–1772)
कुल प्रश्न: 50 | प्रत्येक प्रश्न के नीचे विस्तृत उत्तर (Exam-Oriented)
SECTION–A : Introduction & Background (1–10)
MCQ–1
द्वैध शासन (Dual Government) किस वर्ष के आसपास बंगाल में लागू हुई व्यवस्था मानी जाती है?
- 1757–1760
- 1765–1772
- 1775–1782
- 1740–1748
Answer: B — 1765–1772
Explanation: बक्सर (1764) और इलाहाबाद संधि (1765) के बाद Company को दीवानी अधिकार मिले; तत्पश्चात् 1765–1772 तक द्वैध शासन चलित माना जाता है।
MCQ–2
द्वैध शासन किस समझ से शुरू हुआ?
- Company ने प्रशासनिक अधिकार प्राप्त कर लिए
- मुगल सम्राट ने Company को पूरी शक्ति दे दी
- Company को दीवानी (revenue rights) मिली पर निज़ामत (administration) नवाब के पास रही
- नवाब ने Company को सब अधिकार सौंप दिए
Answer: C — Company को दीवानी मिली; निज़ामत नवाब के पास रही
Explanation: इलाहाबाद संधि ने कंपनी को बींगाल/बिहार/उड़ीसा की दीवानी दी, पर प्रशासनिक जिम्मेदारी नवाब पर छोड़ी गयी — यही द्वैध शासन की परिभाषा है।
MCQ–3
द्वैध शासन में 'दीवानी' का आशय क्या है?
- न्यायिक कार्य
- भूमि-कर और राजस्व वसूली के अधिकार
- सैन्य नेतृत्व
- धार्मिक नियंत्रण
Answer: B — भूमि-कर और राजस्व वसूली
Explanation: 'दीवानी' का अर्थ राजस्व-सम्बन्धी अधिकार है — Company को यह अधिकार प्राप्त हुआ।
MCQ–4
द्वैध शासन के अंतर्गत निज़ामत किसे कहा जाता है?
- राजस्व वसूलने की शक्ति
- न्याय और प्रशासनिक/नागरिक कार्य
- विदेशी नीति
- सिर्फ सैन्य कार्य
Answer: B — न्याय और प्रशासनिक कार्य
Explanation: निज़ामत वह प्रशासनिक और न्यायिक अधिकार है जो औपचारिक रूप से नवाब के पास रहे।
MCQ–5
किस घटना ने Company को दीवानी अधिकार दिलवाने की कानूनी पृष्ठभूमि बनाई?
- प्लासी
- वंडीवाश
- बक्सर + इलाहाबाद संधि
- आर्कोट की घेराबंदी
Answer: C — बक्सर और इलाहाबाद संधि
Explanation: बक्सर (1764) की जीत के बाद इलाहाबाद संधि (1765) द्वारा शाह आलम-II ने Company को दीवानी देने का आदेश दिया।
MCQ–6
रॉबर्ट क्लाइव का द्वैध शासन की नीति में क्या योगदान माना जाता है?
- कम्पनी को सीधे प्रशासन सौंपना
- द्वैध शासन की रचना—राजस्व लेना पर प्रशासन नवाब को छोड़ना
- फ्रांसीसियों के साथ गठबंधन कर लेना
- किसानों को अधिकार देना
Answer: B — द्वैध शासन का प्रारम्भिक नीतिनिर्धारण
Explanation: क्लाइव ने Company के लिये आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने हेतु दीवानी हेतु व्यवस्था पर सहमति बनाई, पर प्रशासनिक भार लेने से बचा।
MCQ–7
द्वैध शासन का सबसे बुरा प्रभाव किस पर पड़ा?
- स्थानीय व्यापारियों
- किसान और कारीगर
- Company के अधिकारी
- ब्रिटिश संसद
Answer: B — किसान और कारीगर
Explanation: भारी कर-दबाव, राजस्व दोहन और उद्योगों का पतन— खासकर हाथकरघा उद्योग— किसानों/कारीगरों पर विनाशकारी रहे।
MCQ–8
द्वैध शासन में Company का मुख्य लक्ष्य क्या था?
- स्थानीय न्याय में सुधार
- राजस्व-संग्रह और व्यापार से अधिकतम लाभ
- शिक्षा का विस्तार
- मिशनरी काम
Answer: B — राजस्व-संग्रह और व्यापार का अधिकतम लाभ
Explanation: Company का उद्देश्य बंगाल की आय से कंपनी की सैन्य और वाणिज्यिक शक्ति बढ़ाना था।
MCQ–9
द्वैध शासन को पहली बार किसने स्पष्ट रूप से लागू किया/व्यवहारिक रूप दिया?
- वॉरेन हेस्टिंग्स
- रॉबर्ट क्लाइव और Company अधिकारी
- मीर जाफर
- मीर कासिम
Answer: B — रॉबर्ट क्लाइव व Company अधिकारी
Explanation: क्लाइव की नीतियों और Company के एजेंटों के समन्वय से दीवानी पाने के बाद द्वैध व्यवस्था व्यवहारिक रूप से लागू हुई।
MCQ–10
द्वैध शासन को इतिहासकार किस प्रकार वर्णित करते हैं?
- एक सफल लोक-कल्याण योजना
- व्यवस्था जिसने सत्ता और दायित्व को अलग कर दिया
- एक सैन्य गठबंधन
- सम्पूर्ण रूप से न्यायसंगत
Answer: B — सत्ता व दायित्व का विभाजन
Explanation: इसमें सत्ता कंपनी के पास और प्रशासनिक दायित्व नवाब के पास थे— परिणामतः दायित्व निभाने वाला कमजोर पड़ा।
SECTION–B : Structure & Functioning (11–20)
MCQ–11
द्वैध शासन में राजस्व-संग्रह किसके माध्यम से किया जाता था?
- नवाब के स्वयं के कलेक्टर
- Company के नियुक्त कलेक्टर्स और एजेंट
- फ्रांसीसी अधिकारियों के माध्यम से
- स्थानीय ग्राम पंचायतों द्वारा
Answer: B — Company के कलेक्टर्स
Explanation: Company ने अपने एजेंटों को राजस्व संग्रह के लिए नियुक्त किया और धन Company की ओर भेजा गया।
MCQ–12
नवाब के पास द्वैध शासन में किस प्रकार की सीमाएँ आईं?
- वह राजस्व का स्वामी बन गया
- वह प्रशासनिक पदनाम मात्र रह गया — धन का अभाव
- वह Company से पूर्ण स्वतंत्र हुआ
- वह विदेशी नीति नियंत्रित करने लगा
Answer: B — प्रशासनिक पदनाम मात्र और धन-सीमित
Explanation: नवाब के पास न्यायिक दायित्व थे पर राजस्व का स्रोत Company के पास होने से वह संसाधनहीन रहा।
MCQ–13
कौन-सा पद Company द्वारा बंगाल में अपने अधिकारों का कार्यान्वयन करने हेतु इस्तेमाल किया गया?
- Governor-General और कलेक्टर्स/Agents
- Siraj का प्रतिनिधि
- फ्रांसीसी Resident
- डच factor
Answer: A — Governor-General / कलेक्टर्स
Explanation: Company के गवर्नर/एजेंट तथा कलेक्टर्स ने राजस्व-संग्रह व प्रशासनिक नीति को लागू किया।
MCQ–14
द्वैध शासन में Company के अधिकारियों का निजी व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ा?
- वे निजी व्यापार में लगे और शोषण बढ़ा
- उनका निजी व्यापार न के बराबर था
- वे केवल सार्वजनिक कल्याण में लगे
- कोई प्रभाव नहीं
Answer: A — निजी व्यापार और शोषण बढ़ा
Explanation: एजेंटों ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर निजी व्यापार व लाभ के लिये स्थानीय किसानों/व्यापारियों का शोषण किया।
MCQ–15
द्वैध शासन में Company का व्यय किस पर अधिक खर्च हुआ?
- स्थानीय कल्याण पर
- सेना और वाणिज्यिक विस्तार पर
- शैक्षिक योजनाओं पर
- किसानों के लिए ऋण पर
Answer: B — सेना और वाणिज्यिक विस्तार
Explanation: Company ने आय को अपनी सेना और व्यापारिक नेटवर्क बढ़ाने में लगाया, जिससे स्थानीय पुनर्निवेश नहीं हुआ।
MCQ–16
द्वैध शासन के दौरान किसने स्थानीय न्याय सुनिश्चित करने का कार्य किया?
- Company ने सीधे न्यायिक व्यवस्था संभाली
- नवाब द्वारा नियुक्त न्यायिक अधिकारी (nominally)
- फ्रांसीसी अदालतें
- डच गवर्नर
Answer: B — नवाब के न्यायिक अधिकारी (नाममात्र)
Explanation: न्यायिक व्यवस्था औपचारिक रूप से नवाब के अधीन थी पर संसाधनों के अभाव से वह प्रभावी नहीं रही।
MCQ–17
द्वैध शासन में राजस्व-वितरण का कौन-सा पहलू सबसे नकारात्मक था?
- राजस्व में पारदर्शिता
- Company का उच्च व्यय और नवाब को अपर्याप्त हिस्से देना
- किसानों पर कर घटाना
- स्थानीय मांगों को पूरा करना
Answer: B — Company का उच्च व्यय और नवाब को अपर्याप्त हिस्सा
Explanation: Company ने राजस्व का अधिकांश अपने कार्यों पर खर्च किया और छोड़ें गए हिस्से से नवाब प्रशासन नहीं चला सके।
MCQ–18
द्वैध शासन में किस स्तर पर भ्रष्टाचार सबसे ज़्यादा बढ़ा?
- ग्राम स्तर
- Company के स्थानीय एजेंट और कलेक्टर स्तर
- मुगल दरबार
- कोई नहीं
Answer: B — Company एजेंट/कलेक्टर्स स्तर
Explanation: स्थानीय एजेंटों व कलेक्टर्स ने कर वसूली में अत्याचार व निजी लाभ उठाये— भ्रष्टाचार बढ़ा।
MCQ–19
द्वैध शासन के दौरान स्थानीय प्रशासन पर Company का क्या वास्तविक नियंत्रण था?
- पूर्ण और प्रत्यक्ष
- आंशिक—राजस्व के माध्यम से अप्रत्यक्ष नियंत्रण
- बिलकुल नहीं
- केवल धार्मिक परिस्थितियों में
Answer: B — आंशिक, राजस्व के ज़रिए अप्रत्यक्ष नियंत्रण
Explanation: Company ने सीधे प्रशासन नहीं संभाली पर राजस्व नियंत्रण से नवाब व प्रशासन पर दबाव बनाया।
MCQ–20
द्वैध शासन की इस संरचना ने कंपनी को किस प्रकार का लाभ दिया?
- राजस्व का नियमन व सेना का वित्तपोषण
- यह कोई लाभ नहीं था
- नवाब के हाथ में अधिक शक्ति
- स्थानीय उन्नति
Answer: A — राजस्व का नियंत्रण व सेना-राशि का वित्तपोषण
Explanation: Company ने राजस्व से पैसा पाकर अपनी सेना व व्यापारिक खर्चों को चलाया, जिससे उसका शक्ति-आधार मज़बूत हुआ।
SECTION–C : Economic & Social Impact (21–30)
MCQ–21
द्वैध शासन ने बंगाल के किस उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया?
- हाथकरघा सूती वस्त्र और मलमल उद्योग
- लोहे का उद्योग
- खेती नहीं प्रभावित हुई
- रजत का उद्योग
Answer: A — हाथकरघा सूती और मलमल उद्योग
Explanation: विदेशी वस्त्र व Company की नीतियों ने स्थानीय हथकरघा उद्योग को क्षति पहुँचाई और कारीगरों का पतन हुआ।
MCQ–22
1770 का बंगाल अकाल द्वैध शासन से कैसे जुड़ा माना जाता है?
- कंपनी के राजस्व दोहन और प्रशासनिक विफलता के कारण राहत नहीं मिल सकी
- यह अकाल unrelated था
- किसानों की बहाली की वजह से हुआ
- फ्रांसीसी नीतियों की वजह से हुआ
Answer: A — Company के राजस्व नीतियों व प्रशासनिक विफलता से राहत नहीं मिली
Explanation: Company का राजस्व-दवाव, निर्यात जारी रखना और नवाब की कमजोर स्थिति ने अकाल से निपटने की क्षमता घटा दी।
MCQ–23
1770 के अकाल का अनुमानित जन-हानि किस श्रेणी में दी जाती है (historical estimates vary)?
- कुछ हजार
- लाखों तक (millions) — व्यापक मृत्यु
- कोई हानि नहीं
- कुछ सौ
Answer: B — लाखों तक (millions)
Explanation: विभिन्न अनुमानों के अनुसार 1770 अकाल में 2–4 मिलियन (या अधिक) लोगों की मृत्यु हुई — यह बहुत भीषण था।
MCQ–24
द्वैध शासन ने किस सामाजिक वर्ग को लाभ पहुँचाया?
- Company के अधिकारी और स्थानीय सहयोगी तस्कर/बैंकर
- किसान और कारीगर
- सामुदायिक नेताओं को
- सभी को समान लाभ
Answer: A — Company अधिकारी और सहयोगी व्यापारिक वर्ग
Explanation: कंपनी के एजेंट व स्थानीय सहयोगी (बैंकर्स, ठेकेदार) लाभान्वित हुए; आम जनता को भारी हानि उठानी पड़ी।
MCQ–25
द्वैध शासन से किस प्रकार की आर्थिक नीति बढ़ी?
- स्थानीय निवेश और समृद्धि
- निर्यात-उन्मुख और राजस्व-केंद्रित नीति
- किसानों को सब्सिडी
- शिक्षा पर जोर
Answer: B — निर्यात-उन्मुख और राजस्व-केंद्रित
Explanation: Company ने स्थानीय उत्पादन का बड़ा हिस्सा निर्यात किया और राजस्व वसूलने को प्राथमिकता दी।
MCQ–26
द्वैध शासन ने स्थानीय प्रशासनिक ढांचे पर क्या प्रभाव डाला?
- स्थानीय प्रशासन सुदृढ़ हुआ
- प्रशासन कमजोर और भ्रष्ट हुआ
- किसी तरह का प्रभाव नहीं
- सिस्टम अधिक पारदर्शी बन गया
Answer: B — प्रशासन कमजोर और भ्रष्ट हुआ
Explanation: संसाधन-अभाव, एजेंटों के दुरुपयोग व अमरीय दबाव ने स्थानीय प्रशासन को असमर्थ व भ्रष्ट बना दिया।
MCQ–27
द्वैध शासन के दौरान कौन-सा वित्तीय दुरुपयोग सामान्य हुआ?
- राजस्व का निजी लाभ हेतु उपयोग
- सिर्फ सार्वजनिक निवेश
- नवाब का वित्तीय हस्तक्षेप
- कोई दुरुपयोग नहीं
Answer: A — राजस्व का निजी लाभ हेतु उपयोग
Explanation: Company एजेंटों ने राजस्व का हिस्सा अपने लाभ व Company के व्यापार-खर्च पर खर्च किया, जिससे सार्वजनिक निवेश घटा।
MCQ–28
द्वैध शासन ने भारतीय किसानों पर किस प्रकार का प्रभाव छोड़ा?
- करों में इजाफा और गरीबी बढ़ी
- किसानों का समृद्धि काल आया
- किसानी सुरक्षित रही
- समतुल्य प्रभाव
Answer: A — करों में इजाफा और गरीबी बढ़ी
Explanation: राजस्व-दबाव व कृषि में अनिश्चितता ने किसानों की स्थिति बिगाड़ दी और गरीबी फैल गयी।
MCQ–29
द्वैध शासन के आर्थिक नतीजे किस अवधि में सबसे दिखाई दिए?
- तुरंत — कुछ वर्षों में ही (1770 अकाल)
- सरल सुधार तुरंत हुए
- कोई प्रभाव नहीं
- सिर्फ 19वीं शताब्दी में ही
Answer: A — तुरंत, कुछ वर्षों में ही (1770 अकाल में)
Explanation: द्वैध शासन और राजस्व दोहन का प्रभाव जल्दी दिखा; 1770 अकाल इसका सबसे भयंकर उदाहरण है।
MCQ–30
किस तरह की सामाजिक असमानता द्वैध शासन के दौरान बढ़ी?
- आय और संपत्ति का केन्द्रिकरण Company-अनुकूल वर्ग में
- समान वितरण
- न्यायिक समानता
- सामाजिक घुलनशीलता घटने लगी
Answer: A — आय व संपत्ति का केन्द्रिकरण
Explanation: Company अधिकारियों और सहयोगियों के हाथों में धन व संपत्ति का सघनकरण हुआ; आम जनता व कारीगर हाशिए पर गये।
SECTION–D : Failures, Criticism & End (31–40)
MCQ–31
द्वैध शासन की विफलता का प्रमुख कारण क्या माना गया?
- नवाब का शक्ति समुचित होना
- राष्ट्रवादी आंदोलन
- सत्ता और दायित्व का विभाजन—Company लाभ ले रही थी पर जिम्मेदारी नवाब की थी
- डेढ़ दशक से अधिक समय होना
Answer: C — सत्ता बनाम दायित्व का विभाजन
Explanation: Company के पास सत्ता/आय थी पर प्रशासनिक जिम्मेदारी नवाब पर डाल देने से व्यवस्था अस्थिर और अनुपयोगी रही।
MCQ–32
किस घटना ने द्वैध शासन की निंदा ब्रिटिश संसद में करवाई और सुधार की माँग उठाई?
- 1770 का बंगाल अकाल और Company के कृत्य
- वंडीवाश की लड़ाई
- प्लासी—1762
- फ्रांसीसी हमले
Answer: A — 1770 अकाल और Company के दुराचार
Explanation: अकाल व Company के दुरुपयोग से ब्रिटिश सार्वजनिक/संसदीय आलोचना तेज हुई— Regulating Act (1773) की राह खुली।
MCQ–33
द्वैध शासन को कब औपचारिक रूप से समाप्त माना जाता है?
- 1768
- 1772 (वॉरेन हेस्टिंग्स के कार्यकाल में सुधारों से)
- 1784
- 1793
Answer: B — 1772
Explanation: 1772 तक वॉरेन हेस्टिंग्स ने कई प्रशासनिक कदम उठाकर द्वैध शासन को समाप्त कर दिया और Company ने धीरे-धीरे अधिक प्रत्यक्ष प्रशासन अपनाया।
MCQ–34
किस ब्रिटिश अधिकारी ने द्वैध शासन की समीक्षा कर अंत में इसका विनाश/परिवर्तन किया?
- रॉबर्ट क्लाइव
- वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings)
- लॉर्ड कार्नवालिस
- हैक्टर मनरो
Answer: B — Warren Hastings
Explanation: वॉरेन हेस्टिंग्स ने Company रुपांतरण की ओर कदम बढ़ाये— कई पुनर्गठन व शासकीय सुधारों से द्वैध शासन की समाप्ति हुई।
MCQ–35
द्वैध शासन के समापन के बाद Company ने जो कदम उठाये उनमें से कौन-सा प्रमुख था?
- राजस्व व न्याय दोनों का प्रत्यक्ष नियंत्रण
- Company का पूरी तरह विघटन
- फ्रांसीसी को सत्ता देना
- नवाब को पूर्ण स्वतंत्रता देना
Answer: A — राजस्व व न्याय दोनों का प्रत्यक्ष नियंत्रण
Explanation: द्वैध शासन के बाद Company ने धीरे-धीरे दीवानी व निज़ामत दोनों पर नियंत्रण कर लिया— Company Rule का आरम्भ हुआ।
MCQ–36
द्वैध शासन की आलोचना के कारणों में किसका प्रमुख स्थान है?
- न्यायिक पारदर्शिता
- Company के दुरुपयोग और जवाबदेही की कमी
- किसानों की शक्ति
- फ्रांसीसी हस्तक्षेप
Answer: B — Company के दुरुपयोग व जवाबदेही की कमी
Explanation: Company एजेंटों के निजी लाभ और पारदर्शिता की कमी ने ब्रिटिश व भारतीय दोनों स्तरों पर आलोचना बढ़वाई।
MCQ–37
द्वैध शासन समाप्त होने के बाद ब्रिटिश संसद ने किस सुसंगठित कदम का मार्ग प्रशस्त किया?
- Regulating Act 1773
- Indian Independence Act
- Government of India Act 1858
- None
Answer: A — Regulating Act 1773
Explanation: Regulating Act (1773) Company के ऊपर ब्रिटिश सरकार/संसद का नियंत्रण बढ़ाने हेतु लाया गया— द्वैध शासन की आलोचना का प्रत्यक्ष परिणाम।
MCQ–38
द्वैध शासन के समापन से पहले Company ने किस तरह के प्रशासनिक सुधार शुरू किए?
- नागरिक कल्याण पर विशेष ध्यान
- कलेक्टरी प्रणाली एवं न्यायिक सुधार प्रारम्भ
- फ्रांसीसी नीतियों को अपनाया
- किसानों को पूर्ण आत्मनिर्भर बनाया
Answer: B — कलेक्टरी प्रणाली और न्यायिक सुधार
Explanation: Company ने राजस्व संग्रह संरचना को व्यवस्थित करने के लिये कलेक्टरी व न्यायिक प्रशासन में कुछ सुधार किये पर उनका उद्देश्य अक्सर Company के हितों पर केन्द्रित रहा।
MCQ–39
द्वैध शासन के कारण ब्रिटिश सरकार ने Company पर किस प्रकार की नज़र रखनी शुरू की?
- पूरी तरह से आर्थिक नज़र
- नीतिगत और कानूनी निगरानी (Regulatory control)
- कोई नहीं
- सिर्फ़ सैन्य हस्तक्षेप
Answer: B — नीतिगत और कानूनी निगरानी
Explanation: Company के दुरुपयोग के कारण ब्रिटिश संसद ने Company गतिविधियों पर नियंत्रण हेतु कानून बनाये— Regulating Act व बाद के सुधार।
MCQ–40
द्वैध शासन के अनुभव से ब्रिटिश शासन-नीति में क्या सीख मिली?
- कंपनी को बिना नियंत्रण पूर्ण स्वायत्तता देनी चाहिए
- व्यापारिक कंपनी को शासन का भार सीधे उठाने में जोखिम है—सरकारी नियंत्रण आवश्यक है
- किसानों को और कर देना चाहिए
- फ्रांसीसी मॉडल अपनाना चाहिए
Answer: B — Company से शासन संचालन में सरकारी नियंत्रण आवश्यक
Explanation: द्वैध शासन की विफलताओं ने दिखाया कि कंपनी जैसे निजी संस्थान पर शासन छोड़ने से दुरुपयोग होगा; इसलिए ब्रिटिश सरकार ने नियंत्रण लिया।
SECTION–E : Key Figures, Policies & Concepts (41–50)
MCQ–41
किसने द्वैध शासन को समाप्त करने में निर्णायक भूमिका निभाई एवं प्रशासनिक सुधार किए?
- रॉबर्ट क्लाइव
- वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings)
- लॉर्ड कैनिंग
- मीर कासिम
Answer: B — Warren Hastings
Explanation: हेस्टिंग्स के कार्यकाल में Company ने प्रशासनिक बदलाव व सुधार किये; उन्होंने द्वैध शासन के दोषों को ठीक करने की दिशा में कदम उठाये।
MCQ–42
द्वैध शासन के सन्दर्भ में 'दस्तक' (Dastak) का क्या महत्व था?
- यह न्यायिक आदेश था
- यह Company अधिकारियों को कर-मुक्त व्यापार की सुविधा देता था — दुरुपयोग का कारण बना
- यह सेना का तलवार था
- यह किसान सहयोगी दस्तावेज़ था
Answer: B — Company अधिकारियों के लिये कर-मुक्त पास
Explanation: Dastak के जरीए Company कारकों को कर-मुक्त विशेषाधिकार मिला; इसका दुरुपयोग व्यापार/कर-छूट के रूप में हुआ और राजस्व हानि हुई।
MCQ–43
द्वैध शासन में 'Diwani' शब्द से जुड़ी कौन-सी संस्था/व्यक्ति प्रमुख हुई?
- नवाब का निजी सैन्य बल
- Company के कलेक्टर्स और वित्तीय अधिकारी
- फ्रांसीसी मिशनरी
- डच सूबेदार
Answer: B — Company के कलेक्टर्स/वित्त अधिकारी
Explanation: दीवानी अधिकार मिलने के बाद Company ने अपने कलेक्टर्स को राजस्व वसूली और वित्तीय नियंत्रण का कार्य सौंपा।
MCQ–44
द्वैध शासन का समय किस प्रकार से आधुनिक प्रशासनिक इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है?
- किसी अर्थ में Company-Rule का प्रारम्भिक चरण
- पूर्ण रूप से पारदर्शी लोक-शासन
- फ्रांसीसी प्रशासकीय मॉडल की नकल
- केवल व्यापारिक अनुभव
Answer: A — Company-Rule का प्रारम्भिक चरण
Explanation: द्वैध शासन को Company के शासन-स्वरूप के शुरुआती चरण के रूप में देखा जाता है— बाद में Company ने प्रत्यक्ष शासन अपनाया।
MCQ–45
निम्न में से कौन-सा द्वैध शासन का सकारात्मक पहलू माना जा सकता है (कुछ इतिहासकारों के अनुसार)?
- स्थानीय कल्याण का बढ़ना
- कंपनी के लिये जोखिम कम करना — शुरुआती प्रयोग के रूप में
- किसान-हित का पूरक
- पूरी तरह से न्यायिक पारदर्शिता
Answer: B — कंपनी के लिये जोखिम कम करना (प्रायोगिक कदम)
Explanation: कुछ इतिहासकार मानते हैं कि द्वैध शासन Company के लिये प्रारम्भिक जोखिम-मुक्त विस्तार का तरीका था— हालांकि जनता पर इसका नकारात्मक प्रभाव अधिक रहा।
MCQ–46
द्वैध शासन के दौरान किसने Company के राजस्व-नियंत्रण का प्रत्यक्ष संचालन किया?
- मुगल सम्राट
- Company के स्थानीय राजस्व एजेंट/कलेक्टर्स
- फ्रांसीसी अधिकारी
- नवाब के निजी मंत्री
Answer: B — Company के स्थानीय एजेंट/कलेक्टर्स
Explanation: Company ने अपने एजेंटों के माध्यम से राजस्व संग्रह और वित्तीय नियंत्रण का व्यावहारिक संचालन करवाया।
MCQ–47
द्वैध शासन से सीखकर ब्रिटिश नीति में किस प्रकार का परिवर्तन आया?
- Company को पूर्ण स्वतंत्रता देना
- सरकार द्वारा Company पर नियंत्रक/नियामक क़ानून बनाना
- Company का विघटन
- फ्रांसीसी को सत्ता देना
Answer: B — सरकार द्वारा Company पर नियंत्रक कानून
Explanation: Regulating Act 1773 व बाद के सुधार Company के ऊपर सरकार के नियंत्रण की शुरुआत थे— द्वैध शासन की गलतियों से प्रेरित।
MCQ–48
किसने द्वैध शासन की आलोचना सबसे मुखर रूप से ब्रिटिश स्तर पर की?
- Company के अधिकारी
- ब्रिटिश संसद और कुछ विचारक/नैतिक आलोचक
- मीर कासिम
- फ्रांसीसी सरकार
Answer: B — British Parliament और आलोचक
Explanation: Company के गैर-जवाबदेह व्यवहार व अकाल की खबरों ने ब्रिटिश संसद में आलोचना और नियंत्रण की माँग बढ़ाई।
MCQ–49
द्वैध शासन का अंतिम और दीर्घकालिक प्रभाव क्या कहा जा सकता है?
- Company का परित्याग
- Company-Rule और ब्रिटिश राज का प्रारम्भिक आधार
- फ्रांसीसी शासन की स्थापना
- मुगल पुनरुत्थान
Answer: B — Company-Rule और ब्रिटिश राज का प्रारम्भिक आधार
Explanation: द्वैध शासन ने Company को राजस्व और प्रशासन के प्रयोग का प्रारम्भिक अनुभव दिया— जो बाद में पूर्ण ब्रिटिश शासन का रूप लिया।
MCQ–50
परीक्षा-उत्तर में द्वैध शासन लिखते समय किन बातों को अवश्य जोड़ें?
- परिभाषा, कारण, संरचना, 1770 अकाल, विफलताएँ, समाप्ति और महत्व
- सिर्फ परिभाषा ही
- सिर्फ तारीखें
- केवल उपयोगी आंकड़े
Answer: A — परिभाषा, कारण, संरचना, 1770 अकाल, विफलताएँ, समाप्ति और महत्व
Explanation: एक सम्पूर्ण उत्तर में इन सभी बिंदुओं का समावेश होना चाहिए ताकि Examiner को स्पष्ट, संतुलित और विश्लेषणात्मक उत्तर मिले।
BLOCK–5 समाप्त • कुल प्रश्न: 50
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