UPSSSC JE High Court Decision 2025: Full Details & PDF Download
इलाहाबाद हाई कोर्ट (लखनऊ बेंच) का आदेश
दिनांक: 10 दिसंबर, 2025 | UPSSSC JE भर्ती विवाद
1. मामले की पृष्ठभूमि (Background)
- डिग्री धारकों (B.Tech) ने जूनियर इंजीनियर (JE) भर्ती में शामिल होने के लिए याचिका दायर की थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि डिग्री धारकों को परीक्षा में बैठने दिया जाए, लेकिन उनकी नियुक्ति हाई कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी।
- चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन रिजल्ट और नियुक्ति पर रोक थी।
- डिप्लोमा धारी (डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ) ने भी कोर्ट में हस्तक्षेप (Intervention) की अर्जी लगाई थी कि उनका हक़ मारा जा रहा है।
2. कोर्ट की कार्यवाही और निर्णय
A. रिट याचिका संख्या 4442/2024 (एसोसिएशन):
- याचिकाकर्ता के वकील ने पुरानी संशोधन अर्जी वापस लेकर तीसरी नई अर्जी दाखिल करने की मांग की।
- कोर्ट ने नाराजगी जताई कि फाइल पहले ही 600 पन्नों की हो चुकी है और बार-बार संशोधन से केस उलझ रहा है।
- फैसला: कोर्ट ने याचिका खारिज (Dismissed) कर दी। हालांकि, 'लिबर्टी' दी गई है कि वे नए सिरे से सही याचिका दाखिल कर सकते हैं।
B. रिट याचिका संख्या 4443/2024 (शुभम चंद्र त्रिपाठी):
- सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोई वकील उपस्थित नहीं हुआ।
- प्रतिवादियों ने कहा कि मामला अर्जेंट है और स्टे लगा हुआ है, इसलिए इसे खारिज किया जाए।
- फैसला: कोर्ट ने 'पैरवी के अभाव' (Want of Prosecution) में याचिका खारिज (Dismissed) कर दी।
निष्कर्ष और बड़ा प्रभाव
चूँकि डिग्री धारकों की दोनों याचिकाएं खारिज हो गई हैं और हाई कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि "अंतरिम आदेश (Stay) समाप्त किया जाता है", इसका सीधा अर्थ है:
"उत्तर प्रदेश में JE (जूनियर इंजीनियर) की भर्ती में अब केवल डिप्लोमा धारी ही मान्य होंगे, जैसे पहले होते थे।"
(डिग्री/B.Tech धारकों की दावेदारी फिलहाल समाप्त हो गई है।)
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