Viksit Bharat VB-G RAM G Bill 2025 Details in Hindi: अब मिलेंगे 125 दिन रोजगार, जानिए पात्रता और नियम

वीबी-जी राम जी विधेयक, 2025

विकसित भारत - रोज़गार एवं आजीविका के लिए गारंटी मिशन (ग्रामीण)

विस्तृत नीति विश्लेषण रिपोर्ट

अध्याय 1: परिचय और विजन


स्रोत:

vb-g-ram-g-bill-2025-scheme-details

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने और उसे वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' के संकल्प के साथ जोड़ने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 16 दिसंबर 2025 को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लोक सभा में "VB-G RAM G (विकसित भारत-जी राम जी) विधेयक, 2025" पेश किया गया।

यह विधेयक केवल एक रोज़गार गारंटी योजना नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास के प्रति सरकार के दृष्टिकोण में एक मूलभूत बदलाव (Paradigm Shift) का प्रतीक है।

🎯 मिशन के 4 स्तंभ (Four Pillars)

1. सशक्तिकरण 2. विकास (Growth) 3. अभिसरण (Convergence) 4. परिपूर्णता (Saturation)

अध्याय 2: ऐतिहासिक विकास

स्रोत:

इस विधेयक की नींव को समझने के लिए हमें ग्रामीण रोज़गार योजनाओं के इतिहास को देखना होगा:

  • 1960-70: शुरुआत 'रूरल मैनपावर प्रोग्राम' और 'क्रैश स्कीम फॉर रूरल एम्प्लॉयमेंट' से हुई।
  • 1977 (ऐतिहासिक मोड़): 'महाराष्ट्र रोजगार गारंटी अधिनियम' ने पहली बार काम को कानूनी अधिकार बनाया।
  • 2005 (मनरेगा): महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) ने 100 दिनों की गारंटी दी।
  • 2025 (वर्तमान): वीबी-जी राम जी विधेयक, जो गारंटी को 125 दिन करता है और विकसित भारत के विजन से जोड़ता है।

अध्याय 3: प्रमुख कानूनी गारंटी


यह विधेयक पिछले कानूनों की तुलना में अधिक मजबूत और व्यापक अधिकार प्रदान करता है।

✅ 125 दिनों की गारंटी

ग्रामीण परिवारों के इच्छुक वयस्क सदस्यों (अकुशल श्रम) के लिए प्रति वित्तीय वर्ष रोज़गार की गारंटी को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है।

⚠️ कृषि पीक सीज़न (अवकाश)

राज्यों को अधिकार है कि वे वर्ष में 60 दिनों की अवधि (बुवाई/कटाई) अधिसूचित करें, जब यह योजना बंद रहेगी। 

उद्देश्य: किसानों को खेती के लिए मजदूर मिल सकें।


बेरोजगारी भत्ता: यदि मांग के 15 दिनों के भीतर रोजगार नहीं मिलता, तो राज्य सरकारें भत्ता देने के लिए बाध्य होंगी।

अध्याय 4: ग्रामीण अवसंरचना स्टैक


कार्यों को 'विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक' में एकीकृत किया जाएगा और 4 प्राथमिक विषयों में बांटा गया है: 

1. जल सुरक्षा (Water)

  • जल संरक्षण संरचनाएं
  • सिंचाई और भूजल पुनर्भरण
  • वनीकरण (Afforestation)

2. मुख्य इंफ्रास्ट्रक्चर

  • ग्रामीण सड़कें
  • स्कूल और सार्वजनिक भवन
  • आवास और स्वच्छता

3. आजीविका (Livelihood)

  • कृषि और पशुपालन शेड
  • गोदाम और बाज़ार
  • कौशल विकास केंद्र

4. आपदा राहत (Resilience)

  • बाढ़ प्रबंधन
  • तटबंध निर्माण
  • वनाग्नि नियंत्रण

अध्याय 5: योजना निर्माण और तकनीक


स्रोत: 

विधेयक में 'डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर' (DPI) पर आधारित एक मजबूत शासन तंत्र का प्रावधान है:

  • 📱
    साप्ताहिक सार्वजनिक प्रकटीकरण: ग्राम पंचायतें हर हफ्ते बैठकें करेंगी जिसमें मस्टर रोल, भुगतान और कार्यों की प्रगति सार्वजनिक की जाएगी।
  • 🛰️
    तकनीक: पीएम गति-शक्ति, जीपीएस (GPS), बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और एआई-सक्षम विश्लेषण (AI Analytics) का उपयोग।
  • 📝
    विकसित ग्राम पंचायत प्लान: योजना 'बॉटम-अप' (नीचे से ऊपर) बनेगी।

अध्याय 6: वित्तीय ढांचा और फंडिंग


यह एक केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) है। संसाधनों के वितरण में मनमानी रोकने के लिए 'मानक आवंटन' (Normative Allocation) का उपयोग होगा। 


राज्य श्रेणी केंद्र का हिस्सा राज्य का हिस्सा
पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्य 90% 10%
अन्य सभी राज्य 60% 40%

नोट: यदि कोई राज्य 'मानक आवंटन' से अधिक खर्च करता है, तो अतिरिक्त खर्च राज्य को उठाना होगा।

निष्कर्ष

"विकसित भारत - रोज़गार एवं आजीविका मिशन 2025" केवल एक कल्याणकारी योजना नहीं, बल्कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप है। 125 दिनों की गारंटी और पारदर्शी तकनीक इसे पिछली योजनाओं से कहीं अधिक प्रभावशाली बनाती है।

जानकारी का स्रोत: PIB प्रेस विज्ञप्ति और विधेयक मसौदा (16 दिसंबर 2025). यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है।

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