1. Why a Swaraj Party? 2. Difference from other freedom parties 3. Difference from Congress 4. Difference from other national parties Conclusion: How is the Swaraj party going to be the game changer for India?| स्वराज पार्टी|
स्वराज पार्टी- असहयोग आंदोलन वापस लेने के बाद कांग्रेस दो दलों में बट गई | एक दल , जिसका नेतृत्व चितरंजन दास ,मोतीलाल और विट्ठल भाई पटेल कर रहे थे , चाहता था कि कांग्रेस को चुनाव में भाग लेना चाहिए और परिषदों को उनके भीतर पहुंचकर तोड़ना चाहिए| दूसरा दल , जिसका नेतृत्व सरदार वल्लभभाई पटेल, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और राजेंद्र प्रसाद कर रहे थे, इस प्रस्ताव का विरोध था| वे चाहते थे कांग्रेश रचनात्मक कार्य में लगी रहें | कांग्रेस के गया अधिवेशन दिसंबर 1922 में चुनाव में भाग लेने की स्वीकृति ना हो सकी | इस अधिवेशन की अध्यक्षता चितरंजन दास ने की थी| परिणाम स्वरूप 1 जनवरी 1923 ईस्वी परिवर्तन की पक्षधरो ने इलाहाबाद में अपना एक अखिल भारतीय सम्मेलन किया, जिसमें स्वराज पार्टी की स्थापना की| सी०आर०दास अध्यक्ष तथा मोतीलाल नेहरू के महासचिव थे | स्वराज पार्टी का उद्देश्य था कि कांग्रेस की एक अभिन्न अंग के रूप में रहते हुए चुनाव में भाग लेना तथा सरकारी कामकाज में अवरोध पैदा करना| ...